UP Crime : अब लगा अतीक अहमद को असली डर, राजू पाल हत्याकांड की गवाह ने दी माफिया डॉन को ये चुनौती
Raju Pal Murder Witness: उमेश पाल हत्याकांड के बाद से ही यूपी पुलिस की रडार पर आए माफिया डॉन अतीक अहमद को अब असली डर लगने लगा है,
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Raju Pal Murder Witness: उत्तर प्रदेश का माफिया डॉन और गुजरात की साबरमती जेल में बैठा अपनी खैर मना रहा अतीक अहमद अभी तक तो प्रयागराज हत्याकांड को लेकर सहमा हुआ था। उसकी दलील यही थी कि यूपी की पुलिस उसके खिलाफ झूठा सच्चा केस बनाकर उसे फंसाने की कोशिश में लगी हुई है। लेकिन अब अतीक अहमद को मिली है ऐसी तगड़ी चुनौती जिसने उसके होश उड़ा दिए...क्योंकि इस बार उसे ये चुनौती पुलिस की तरफ से नहीं बल्कि राजू पाल की हत्या के गवा ने खुद दी है और इस कसम के साथ कि भले ही उसकी जान चली जाए लेकिन अब वो अतीक को सज़ा दिलवाकर ही दम लेगा।
साल 2005 की 25 जनवरी को प्रयागराज में ही बहुजन समाज पार्टी के उस वक्त के विधायक राजू पाल की बीच सड़क पर गोली मारकर हत्या की गई थी। राजू पाल को सरेआम गोलियों से भून दिया गया था। इस हत्याकांड के सिलसिले में अतीक अहमद के भाई खालिद उर्फ अशरफ समेत कई गुंडों पर इल्ज़ाम लगे थे। लेकिन हत्याकांड के बाद करीब 18 साल के दौरान राजू पाल हत्याकांड के कई मुख्य गवाहों को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म रहा। लेकिन पुलिस का कहना है कि इस मामले में असली गवाह सादिक और रुखसाना है। सादिक और रुखसाना के राजू पाल के पारिवारिक संबंध रहे हैं।
पुलिस के रिकॉर्ड के मुताबिक जिस वक़्त हत्या की ये वारदात हुई उस समय राजू पाल की गाड़ी में रुखसाना भी थीं। और रुखसाना को वो मंजर आज भी अच्छी तरह से याद है। लेकिन 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या के बाद अब रुखसाना और सादिक को भी अपनी जान पर हमला होने की आशंका सताने लगी है। 18 साल बाद भी रुखसाना उस मंजर को भूल नहीं पा रही है। लेकिन पुलिस के तमाम भरोसा दिलाने के बाद अब रुखसाना और सादिक ने राजू पाल हत्याकांड के सिलसिले में गवाही देने का मन बना लिया है। ताकि विधायक की सरेआम हत्या के सिलसिले में असली कसूरवारों को सजा मिल सके।
सादिक और रुखसाना का कहना है कि अब भले ही जान क्यों न चली जाए, अतीक अहमद को सजा दिला कर ही रहेंगे। 18 साल बाद भी रुखसाना को वो पल हू ब हू याद है। रुखसाना के मुताबिक उस वक्त विधायक राजू पाल अपनी क्वालिस गाड़ी खुद ही ड्राइव कर रहे थे और बगल की सीट पर रुखसाना बैठी हुई थी। और जिस वक़्त प्रयागराज में अतीक के गुर्गों ने राजू पाल को गोली मारी तो दो गोली खुद रुखसाना को भी लगी थी। लेकिन रुखसाना की किस्मत अच्छी थी तो वो बच गई। मगर राजू पाल की मौके पर ही मौत हो गई थी। रूखसाना बताती है कि उस दिन इतनी गोलियां चली थीं कि चारो तरफ गोलियों की ही आवाज़ गूंज रही थी।
रूखसाना का कहना है कि उसके बाद उसे कई बार जान से मारने की धमकी तक मिलीं। यहां तक कि दूसरे केसों में फंसाने की कोशिश तक की गई। लेकिन उमेश पाल की हत्या के बाद रुखसाना ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपने परिवार की सुरक्षा की मांग की है।
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