यूपी सरकार ने तोड़ी माफियाओं की कमर, इन माफियाओं पर पुलिस क्यों है नरम? सवालों में यूपी पुलिस
UP Crime: माफियाओं में अभी भी 17 ऐसे माफिया हैं जिनपर पुलिस मेहरबान है, इनमें से करीब 12 माफियाओं के खिलाफ कार्यवाई के नाम पर रस्म अदायगी की गई है।
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UP Crime News: यूपी पुलिस ने पिछले 6 महीने के दौरान एनकाउंटर में करीब 190 क्रिमिनल को ढेर कर दिया। बड़े बड़े माफिया जेल की सलाखों के पीछे हैं। इस सच के बावजूद एक सच ये भी है कि यूपी की पुलिस प्रदेश के कई माफियओं पर नरमी बरत रही है। एनकाउंटर के अलावा यूपी पुलिस ने प्रदेश के 68 बड़े माफियाओं पर कुर्की का कार्रवाई की है।
68 बड़े माफियाओं पर कुर्की का कार्रवाई
इन माफियाओं में अभी भी 17 एसे माफिया हैं जिनपर पुलिस मेहरबान है। इनमें से भी करीब 12 माफियाओं के खिलाफ कार्यवाई के नाम पर थोड़ी बहुत रस्म अदायगी की गई है। पांच माफिया तो ऐसे हैं जिनसे पुलिस ने मानों नजरें ही फेर ली हैं। बताया जा रहा है कि जिन जिलों मे पुलिस ने माफियाओं पर नरमी बरती है अब उनपर लखनऊ में बैठे बड़े अधिकारियों की नजरे टेढ़ी हो गई हैं। इन जिलों के अफसरों से जवाब तलब किया जा रहा है।
12 के खिलाफ रस्म अदायगी
हैरानी की बात ये है कि इन माफियाओं में ज्यादातर पूर्वी उत्तर प्रदेश के हैं। जो कि गोरखपुर, देवरिया, बनारस और जौनपुर से जुड़े हैं। डीजीपी दफ्तर ने इन माफियाओं के काले कारनामों, संपत्तियों को डे टू डे रिपोर्ट तलब की है। दरअसल जिन माफियाओं पर पुलिस का सॉफ्ट कॉर्नर हैं उनमें राजन तिवारी, रामू द्विवेदी, सुधीर सिंह, राकेश यादव और विनोद उपाध्याय के नाम शामिल हैं।
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अब देनी होगी डे टू डे रिपोर्ट
इनमें फरार चल रहे विनोद उपाध्याय पर एक लाख का ईनाम है। जबकि सुधीर सिंह और राकेश यादव जेल में बंद हैं इनकी संपत्तियां कुर्क की गई हैं। पुलिस सूत्रों की मानें तो ब्रजेश सिंह, त्रिभुवन सिंह, रामू द्विवेदी, सुभाष सिंह और अभिषेक सिंह हनी पर बरती जा रही नरमी पर भी सवाल हो रहे हैं।
190 दुर्दांत अपराधी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए
गौरतलब है कि यूपी के जिलों में में मार्च से सितंबर 2023 तक 190 दुर्दांत अपराधी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए। इस कार्रवाई में 5191 अपराधी घायल हुए। वहीं पुलिस बल के 16 जवान शौर्य का प्रदर्शन करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। कार्रवाई में 1478 पुलिस कर्मी घायल भी हुए। प्रदेश में अपराधियों के प्रति कड़ा शिकंजा कसने के लिए गैंगस्टर एक्ट के तहत 69332 तथा एनएसए में 887 अभियुक्तों के खिलाफ कार्रवाई की गई।
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36,50 करोड़ रुपए की संपत्ति को जब्त
प्रदेश के चिन्हित माफिया के 44 मुकदमों में प्रभावी पैरवी कर 20 माफिया तथा उनके 38 सह अपराधी समेत कुल 58 को आजीवन कारावास के साथ अर्थ दंड की सजा कराई गई। इनमें दो को फांसी भी हुई। वहीं 68 कुख्यात माफिया और अपराधियों के साथ बैंक के सदस्यों द्वारा अवैध कृतियों में अर्जित संपत्ति 36,50 करोड़ रुपए की संपत्ति को जब्त किया गया। इसके साथ ही माफिया की अवैध संपत्ति का जब्तीकरण करते हुए उन पर निम्न वर्ग के लिए आवास भी बनाए जा रहे हैं।
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