गोंडा नगर पालिका की अध्यक्ष गिरफ्तार, धोखाधड़ी से शत्रु संपत्ति हड़पने का आरोप

ADVERTISEMENT

गोंडा नगर पालिका की अध्यक्ष गिरफ्तार, धोखाधड़ी से शत्रु संपत्ति हड़पने का आरोप
जांच में जुटी पुलिस
social share
google news

Gonda Crime: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिला मुख्यालय की कोतवाली नगर पुलिस ने गोंडा नगर पालिका की अध्यक्ष उजमा राशिद को शुक्रवार को धोखाधड़ी से शत्रु संपत्ति हड़पने के मामले में गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार गोंडा नगर पालिका की अध्यक्ष उजमा राशिद के खिलाफ थाना कोतवाली नगर में 16 मार्च को दस्तावेजों में हेराफेरी और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था। उन पर कूटरचित दस्तावेजों के सहारे शत्रु संपत्ति पर अवैध रूप से काबिज होने का आरोप है। अपर पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) मनोज कुमार रावत ने आज यहां बताया कि गोंडा नगर पालिका के दो बार अध्यक्ष रह चुके दिवंगत कमरुद्दीन एडवोकेट की इकलौती पुत्री व वर्तमान अध्यक्ष उजमा राशिद पर गोंडा शहर के रिकाबगंज मोहल्ले में स्थित शत्रु संपति पर शासकीय अभिलेखों में कूट रचना करके अवैध रूप से कब्जा किए जाने की शिकायत की गई थी।

शत्रु संपत्ति कब्जाने के मामले में नगर पालिका अध्यक्ष गिरफ्तार

एएसपी ने बताया कि शासन के निर्देश पर प्रकरण की जांच कराई गई, जिसमें आरोपों की पुष्टि हुई। बीते 16 मार्च 2024 को सदर तहसील के रजिस्ट्रार कानूनगो ने थाना कोतवाली नगर में उजमा राशिद के खिलाफ गंभीर धाराओं में अभियोग दर्ज कराया था। पुलिस ने विवेचना के उपरांत शुक्रवार को दोपहर बाद उनके तोपखाना स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया। एएसपी ने कहा कि जिला अस्पताल में उनका चिकित्सीय परीक्षण कराकर आज शाम उन्हें रिमांड मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया, जहां से न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने 17 मार्च को बताया था कि 16 मार्च की देर रात कोतवाली नगर पुलिस ने नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष उजमा राशिद के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 419, 420 (धोखाधड़ी) 467, 468, 471 (दस्तावेजों में हेराफेरी, कूटरचना) के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है।

नगर पालिका चेयरमैन उज्मा राशिद पर शिकंजा

उन्होंने बताया कि राशिद पर शासकीय अभिलेखों में कूट रचना कर अनियमित एवं अवैध तरीके से शत्रु संपत्ति पर कब्जा करने का आरोप है। देश में 1968 में शत्रु संपत्ति (संरक्षण एवं पंजीकरण) अधिनियम पारित हुआ था। इस अधिनियम के अनुसार जो लोग बंटवारे या 1965 में और 1971 की लड़ाई के बाद पाकिस्तान चले गए और वहां की नागरिकता ले ली, उनकी सारी अचल संपत्ति 'शत्रु संपत्ति' घोषित कर दी गई। शर्मा ने बताया कि देश भर की शत्रु संपत्ति संरक्षक, शत्रु संपत्ति गृह मंत्रालय, भारत सरकार के नाम हस्तांतरित कर दी गयी थी। उन्होंने बताया कि जिला मुख्यालय पर मोहल्ला रकाबगंज में राजस्व अभिलेखों में शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज भवन संख्या 15 और 16 पर वर्ष 2020 में अवैध कब्जा किए जाने का प्रकरण सामने आया। संरक्षक शत्रु संपत्ति के निर्देश पर मामले की जांच कराई गई, जिसमें शत्रु संपत्तियों पर अनाधिकृत रूप से कब्जा किए जाने का खुलासा हुआ।

ADVERTISEMENT

(PTI)

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT

    ऐप खोलें ➜