'डकैत' की जीभ काट दी पुलिसवालों ने! अब मिलेगी सजा, कोर्ट ने दिया FIR का आदेश
UP Banda News: यूपी के बांदा जिले में पुलिसवालों पर थर्ड डिग्री टॉर्चर कर डकैती के एक आरोपी की जीभ काट लेने का आरोप है। कोर्ट के दखल के बाद इस मामले में पुलिसवालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
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UP Banda News: यूपी के बांदा जिले में पुलिस कस्टडी में एक आरोपी की जीभ काट दी गई। इल्जाम लगा पुलिस वालों पर। आरोप है कि पुलिसवालों ने उसको इस कदर टॉर्चर किया कि उसकी जीभ कट गई। आरोपी ने इस सिलसिले में पुलिस के आला अफसरों तक से शिकायत की मगर किसी ने उसकी एक नहीं सुनी। आखिर में कोर्ट के आदेशों पर इस मामले में पुलिसवालों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है।
क्या था पूरा मामला?
ये वाकया वैसे तो चार साल पुराना है लेकिन अब कोर्ट ने इस घटना में शामिल तीन इंस्पेक्टर, एक दरोगा और दो सिपाहियों के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं। मरका थाना क्षेत्र के मऊ गांव निवासी संतोष गौतम के घर में 23 फरवरी 2021 को डकैती हुई थी। उस वक्त तत्कालीन एसओजी प्रभारी आलोक सिंह, आनंद सिंह, बबेरू कोतवाल रामआसरे, मरका थाना एसआई सहित दो पुलिसकर्मियों ने गांव के चार लोगों को हिरासत में लिया था। इनके नाम थे अशोक, रज्जन, दीपक, रजवा और सुनील। आरोप है कि पुलिसवालों ने शक के आधार पर इन सभी को मरका थाने ले जाकर तीन दिन तक बेरहमी से पीटा मगर चूंकि डकैती से इनका सम्बंध नहीं मिला लिहाजा पुलिसवालों ने पांचों को छोड़ दिया।
डकैती के इल्जाम में थर्ड डिग्री दिया था पुलिस ने
मरका पुलिस ने इसके दो दिन बाद अशोक उर्फ बड़कवा को फिर से थाने बुलाया। आरोप है कि उसे लॉकअप में बंद कर पट्टे से पीटा। जिससे अशोक की जीभ कट गई। वो बेहोश हो गया। पुलिस ने 9 अप्रैल 2021 को उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया। छह दिन तक इलाज के बाद 16 अप्रैल को उसे डॉक्टरों ने Discharge कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने अशोक को घर छोड़ दिया। मगर ठीक होने के बाद अशोक ने पुलिसवालों के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी। वो सीनियर अधिकारियों से मिला और अपनी आपबीती सुनाई। उसने एसपी, आईजी, डीजीपी व मानवाधिकार आयोग के पास भी शिकायत की। बावजूद इसके कोई खास कार्रवाई नहीं हुई। थक हार कर अशोक ने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट के आदेश पर अब पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। थानाध्यक्ष मरका नरेश प्रजापति माामले की जांच कर रहे हैं। अब देखना होगा कि जांच पूरी होने के बाद पुलिस कर्मियों पर क्या कार्रवाई होती है?
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