22 साल बाद जोगी बन लौटा लापता लड़का तो बड़ा फ्रॉड निकला, पूरा परिवार ही धोखेबाज, आंसू भी थे फर्जी
Amethi Story : अमेठी में जोगी बन लौटा 22 साल बाद लड़का तो बहुत बड़ा जालसाज निकला. पूरा परिवार करता है फर्जीवाड़ा. जानें पूरा मामला.
ADVERTISEMENT
Amethi Jogi Viral News : अमेठी में पिछले दिनों एक जोगी का वीडियो वायरल हुआ था. वो सारंगी बजाते हुए बिल्कुल रूंधी आवाज में कुछ गा रहे हैं. पास में बैठी उनकी बुआ, दादी के साथ आसपास जुटे काफी लोगों की आँखों में आंसू थे. सभी की आंखें भरी हुईं थीं. गला रूंधा था. क्योंकि जोगी बनकर आया लड़का उसी गांव से 22 साल पहले लापता हो गया था. अब परिवार और पूरा गांव चाहता था कि वो जोगी का भेष छोड़कर सामान्य जिंदगी गुजारने आ जाए. लेकिन वो कहता था कि अब उसने संन्यास ले लिया है इसलिए दोबारा सामान्य जिंदगी में नहीं लौटेगा. इसी से परिवार के लोग बेहद उदास थे. आंखों में आंसू थे. लेकिन अब उसी जोगी को लेकर बड़ा सच सामने आया है.
असल में वो जोगी 22 साल पहले लापता हुआ उनका बेटा था ही नहीं. बल्कि वो एक जालसाज है. उसका यही तरीका है कि किसी परिवार को कोई बच्चा लापता है तो उसके परिवार तक पहुंचकर उन्हें इमोशनल ब्लैकमेल करे और पैसे ऐंठ ले. मतलब जिसे अब तक बेहद भावुक वीडियो कहा जा रहा था. जिसे देखकर आंखों में आंसू आ जाते थे असल में वो सबकुछ एक फर्जीवाड़े का हिस्सा था. वो लड़का जो जोगी बनकर आया था उसने गांव में तो परिवार के पास लौटने से मना कर दिया. लेकिन जैसे ही वहां से निकला उसके अगले ही दिन परिवार को फोन कर कहा कि वो लौट सकता है लेकिन इसके लिए उसे अपने गुरुजी को 11 लाखा रुपये देने पड़ेंगे. इस पर लड़के के पिता ने खेत बेचकर उससे मिले करीब साढ़े 3 लाख रुपये देने के लिए राजी भी हो गए थे. लेकिन उसी से ठीक पहले ये पता चला गया जोगी के भेष में आए शख्स को अपना बेटा अरुण उर्फ पिंटू समझा जा रहा था असल में वो बहुत बड़ा जालसाज नफीस है. वो पहले से शादीशुदा है. इसी तर्ज पर उसने कई लोगों को इमोशनल जाल में फंसाकर लाखों रुपये ठग चुका है.
क्या है पूरा मामला
Jogi Fraud News : आरोपी नफीस का पूरा परिवार ही फर्जीवाड़े का गैंग चलाता है. ये परिवार टिकरिया गांव में रहता है. पूरा परिवार धोखाधड़ी के लिए बदनाम हैं. ये साधु बनकर धोखाधड़ी के मामले में पहले भी जेल जा चुके है. नफीस कुछ दिन पहले ही अमेठी के गांव में भीख मांगने पहुंचा था. उस समय 22 साल पहले इसी गांव में रहने वाले रतिपाल का बेटा दिल्ली में लापता हो गया था. असल में पिता के साथ दिल्ली में अरुण उर्फ पिंटू पढ़ाई कर रहा था. साल 2002 की बात है. उस समय तक अरूण की मां की मौत हो चुकी थी. पिता ने दूसरी शादी कर ली थी. ऐसे में एक दिन अरुण लेट आया तो उसके पिता और सौतेली मां दोनों ने काफी डांट दिया था. इसी से नाराज होकर 11 साल की उम्र ही अरुण ने दिल्ली वाला घर छोड़ दिया था.
ADVERTISEMENT
पिछले दिनों 27 जनवरी को जब वो अमेठी के गांव में भीख मांगने आया तो पिंटू की बुआ को लगा कि वो उनका लापता हुआ अरुण ही है. इसके बाद कुछ निशान को देखकर उसकी पहचान कर ली गई. परिवार के लोग रोते रहे कि वो घर लौट आए. लेकिन उसने गुरुजी का वास्ता देकर मना कर दिया था. उसने बताया कि उन्होंने झारखंड के पारसनाथ मठ में शिक्षा ली. वहां से गुरु का आदेश हुआ कि अयोध्या जाकर गांव जाकर परिवार के लोगों से भिक्षा मांगो और फिर वापस आओ, तभी साधु बनने की दीक्षा पूरी होगी। जबकि झारखंड में इस नाम का कोई मठ नहीं है. तब शक बढ़ गया. लेकिन इसी बीच जोगी बना अरूण घरवालों को फोन कर कहने लगा कि वो घर लौट आएगा लेकिन मठ को 11 लाख रुपये देने होंगे. ऐसे में परिवार के लोग पैसे जुटाने लगे थे. पिता रतिपाल ने दो कई बीघा जमीन बेचकर साढ़े 3 लाख रुपये भी एकत्र कर लिए और बोले कि पहले यहीं देगे और बच्चो को लौटा दिया जाए. लेकिन उससे पहले ही आरोपी जोगी का नकाब हट गया.
4 भाई है आरोपी, सभी फर्जीवाड़े में शामिल
Jogi Fraud News : पुलिस ने बताया कि नफीस चार भाई हैं. इनमें से एक का नाम राशिद है. 29 जुलाई 2021 को राशिद जोगी बनकर मीरजापुर के चुनार थाना क्षेत्र के सहसपुरा परसोधा गांव पहुंचा था. इस गांव में रहने वाले बुधिराम विश्वकर्मा का बेटा रवि उर्फ अन्नू 14 साल पहले लापता हो गया था. इसलिए राशिद खुद को अन्नू जैसा लुक बनाकर वहां पहुंचा. वो अन्नू की मां से भीख मांगने लगा. उसी दौरान वो ऐसी बातें कर रहा था कि परिवार को लगा कि ये लड़का लापता हुआ उनका अन्नू ही है. इस तरह राशिद को उन लोगों ने अन्नू समझ लिया. उसे घर में रख भी लिया. लेकिन कुछ दिन बाद ही वह लाखों रुपये लेकर गायब हो गया. इसकी शिकायत पुलिस में की गई. पुलिस ने जांच करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया तब पूरे परिवार का सच सामने आया.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT