उमेश पाल हत्याकांड से पहले शाइस्ता ने दी थी बिरयानी पार्टी, असद ने किया था ये खास काम
Shaista 'Operation Janu': अतीक की बीवी शाइस्ता परवीन ने हत्याकांड से ठीक पहले शूटरों को बिरयानी पार्टी दी थी। ये सनसनीखेज़ खुलासा किया है उत्तर प्रदेश पुलिस की STF ने।
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24 फरवरी 2023 यही वो तारीख है जब प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या की गई थी। ये हत्याकांड अतीक अहमद के बेटे असद अहमद समेत कई शूटर दिनदहाड़े अंजाम देते हैं। और उसके बाद वहां से फरार हो जाते हैं। उसके बाद कई दिनों तक यूपी पुलिस तमाम सवालों से जूझते हुए अतीक के उन तमाम शूटरों की तलाश में चप्पे चप्पे को खंगालने में जुट जाती है जिन्होंने इस सनसनीखेज हत्याकांड को अंजाम देकर एक तरह से यूपी पुलिस को चुनौती दे डाली थी।
हालांकि पुलिस ने दो शूटरों को शुरुआती दिनों में ही एनकाउंटर में मार गिराया था लेकिन 13 अप्रैल को असद और गुलाम के एनकाउंटर और फिर 15 अप्रैल को अतीक और अशरफ की हत्या के बाद से यूपी पुलिस और उसकी एसटीएफ बहुत तेजी से एक्टिव मोड में आ गई हैं और हर रोज नए नए खुलासे करती दिखाई पड़ रही हैं।
मगर जिस सबसे ताजा खुलासे के साथ पुलिस सामने आई उसने वाकई हरेक को हैरत में डाल दिया। क्योंकि उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में ये पुलिस का अब तक का शायद सबसे बड़ा खुलासा है। पता चला है कि इस हत्याकांड से पहले इस पूरे हत्याकांड की रिंग मास्टर यानी अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन ने एक बिरयानी पार्टी की थी। और उस पार्टी में वो तमाम लोग शामिल हुए थे जिन्होंने सामने से या पर्दे के पीछे रहकर हत्याकांड में हिस्सा लिया था। सबसे हैरानी की बात तो ये है कि इस पार्टी को भी पर्दे में रखने के लिए उसे एक कोड नेम भी दिया गया था, ‘ऑपरेशन जानू’। पुलिस की जानकारी यही कहती है कि उस पार्टी का ये नाम अतीक की बीवी शाइस्ता परवीन ने ही तय किया था। यानी अतीक गैंग ने उमेश पाल की हत्या के लिए जो साजिश तैयार की थी उसको नाम दिया गया था ‘ऑपरेशन जानू’। और ‘ऑपरेशन जानू’ की हरेक बारीक से बारीक डिटेल शाइस्ता ने खुद तय की थी।
शाइस्ता ने ही ये भी फाइनल किया था कि ‘ऑपरेशन जानू’ को किस तरह से अंजाम दिया जाएगा और उसमें किस किस शूटर को क्या क्या रोल निभाने हैं। यानी ‘ऑपरेशन जानू’ में किस शूटर को कैसे कैसे किसको शूट करना है और वो कहां कहां तैनात होंगे, इसके बारे में भी पूरी डिटेल शाइस्ता ने तैयार किये थे।
यूपी पुलिस का एक खुलासा ये भी है कि उमेश पाल हत्याकांड के लिए शाइस्ता परवीन को वारदात से करीब एक महीने पहले ही जनवरी में सवा करोड़ रुपये शाइस्ता तक पहुँच चुके थे। मतलब साफ है कि ‘ऑपरेशन जानू’ को अंजाम तक पहुँचाने के लिए अतीक गैंग के पास फंड की कोई कमी नहीं थी। जब पैसों का पूरा इंतजाम हो गया। हथियारों का इंतजाम कर लिया गया था और ‘ऑपरेशन जानू’ में हरेक की भूमिका भी तय हो गई और आखिर में तारीख भी फाइनल हो गई तब अतीक के इस किलर गैंग ने एक पार्टी की थी।
उस पार्टी में शाइस्ता के अलावा तमाम शूटर शामिल थे। जिसमें गुड्डू मुस्लिम भी था। उस पार्टी में तमाम शूटरों ने जी भर कर बिरयानी खाई थी और जश्न मनाया था। इसके अलावा ये भी खुलासा हुआ था कि वारदात से एक रात पहले ही असद अपने भाई उमर से मिलने के लिए लखनऊ जेल गया था और वहां जाकर उसने उमर को इस ऑपरेशन के बारे में पूरी डिटेल दी थी।
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