Udaipur News: पांच दिन में दो बच्चों को खा गया तेंदुआ, नरभक्षी तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरे में बैठे शिकारी

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पकड़ में आया तेंदुआ
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Udaipur News: आम तौर पर जानवरों को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया जाता है। इन पिंजरों में जानवरों को आकर्षित करने के लिए बकरी या मुर्गी को रख दिया जा ता है। लेकिन नरभक्षी तेंदुए को पकड़ने के लिए खुद इंसानों को पिंजरे में कैद कर दिया गया है। तेंदुए को पकड़ने के लिए ये अनोखा ट्रैप लगाया गया है। 

दरअसल वन विभाग के कर्मचारियों की मानें तो एक बार तेंदुआ या कोई भी जंगली जानवर नरभक्षी हो जाता हे तो उसे इंसान के खून की सुगंध काफी दूर तक आकर्षित करती है। दरअसल पिछले कुछ दिनों से छोटा उदयपुर के बोडेली तहसील में एक तेंदुए के दो बच्चों को अपना शिकार बनाया। जबकि तंदुए के हमले में तीन लोग घायल हुए हैं। 

हालत ये है कि तेंदुए के डर से गांव वालों ने घर से निकलना बंद कर दिया है। यहां तक कि लोग अपने बच्चों को स्कूल तक नहीं भेजते थे। तेंदुए के हमले के बाद वन विभाग के कर्मचारियों ने खुद को पिंजरे में बंद किया ताकि इंसानी गंध से तेंदुआ उनके करीब आ सके। पिंजरे रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर बोडेली रेंज अनिल राठवा बैठे।

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वन विभाग के अधिकारी पिंजरे में बैठे हैं और उनके हाथों में गन है । अधिकारियों के पास जानवर को बेहोश करने वाली दवाई वाले इंजेक्शन भरी गन है। जानकारी के मुताबिक बोडेली के मुलधर, टोकरवा, धोलीवाव जैसे इलाके में 14 अलग अलग पिंजरे रखे गए हैं। राकेश वणकर रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर नसवाडी ने बताया कि तेंदुए को ट्रैप करने के लिए 135 वन कर्मचारियों को लगाया गया है। एक दो बार तेंदुआ नजदीक आया भी और उसको बेहोश करने की कोशिश की गई। बेहोशी का इंजेक्शन देकर सामान्य तौर पर उसे पकड़ने की कोशिश की लेकिन वो पकड़ में नही आया। आखिकार वन विभागकर्मियों की कड़ी मेहनत के बाद तेंदुआ पिंजरे के करीब आया और तो उसे बेहोश किया जा सका।

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