फर्जी नाम के सहारे चंडीगढ़ के होटल रूम नंबर-105 में रुके थे सुखदेव गोगामेड़ी के दो हत्यारे, 1 घंटे में गिरफ्तारी
Delhi police : जयपुर में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या करने वाले दो शूटर समेत 3 आरोपी चंडीगढ़ में मिले. ऐसे फर्जी नाम से रुके थे.
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अरविंद ओझा की रिपोर्ट
Sukhdev Singh Murder : जयपुर में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के हत्यारे शूटर फर्जी नाम से चंडीगढ़ के होटल कमल पैलेस में रुके थे. गोगामेड़ी के हत्यारों ने जयवीर, देवेंद्र और सुखवीर के नाम से बुक किया था. इस होटल में इन्हें कमरा नंबर 105 मिला था. होटल स्टाफ को इन आरोपियों ने बताया था कि वे मनाली से आ रहे हैं. इसके बाद उन्हें हरियाणा जाना है. शनिवार शाम 7:40 पर होटल पहुंचे थे. इसके ठीक 1 घंटे बाद ही दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और राजस्थान पुलिस ने एक साझा ऑपरेशन के दौरान तीनों को होटल से दबोच लिया।
गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान शूटर रोहित राठौड़ और नितिन फौजी के रूप में हुई है. उनके साथी की पहचान उधम सिंह के रूप में हुईय चंडीगढ़ पुलिस को इस ऑपरेशन की ज्यादा जानकारी नहीं लग सकी. लेकिन पुलिस अब आसपास के शराब के ठेकों और होटल की छानबीन कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, गोगामेड़ी की हत्या करने के बाद आरोपियों ने सबसे पहले एक स्कूटी लूटी, फिर एक ऑटो रिक्शा का इस्तेमाल किया और एक व्यक्ति की मदद से बस लेकर हिसार पहुंचे थे.
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रोहित गोदारा ने अपने राइट हैंड वीरेंद्र चारन को दी थी शूट @सुखदेव सिंह
Rohit Godara : इस पूरी घटना के मास्टरमाइंड विदेश में बैठे रोहित गोदारा ही है. उसी ने इसे अंजाम देने की जिम्मेदारी राइटहैंड वीरेंद्र चारन को दी थी. वीरेंद्र चारन ने ही शूटर्स को आधुनिक हथियार दिए. पूरी साजिश को अंजाम दिलाने में मदद की. पुलिस का दावा है कि घटना को अंजाम देने के बाद दोनों शूटर सबसे पहले ट्रेन से हिसार गए. हिसार पहुंचकर बस से मनाली के लिए उधम के साथ निकल गए. जिसके बाद मनाली से मंडी और फिर चंडीगढ़ आ गए. चंडीगढ़ के एक होटल में रुके थे. चंडीगढ़ में होटल से ही दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. शूटर्स ने हत्या करने के बाद हथियारों को छुपा दिया था ताकि भागते समय ट्रेन या बस में चेकिंग के समय न पकड़े जा सके. आरोपी शूटर्स फरारी के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे थे. पुलिस आरोपियों तक टेक्निकल सर्विलांस के जरिए पहुंची. जब पुलिस आरोपियों के पास पहुंची तो तीनों साथ थे जिसके बाद इनको गिरफ्तार किया.
चोरी में फंसा तो नितिन फौजी बचने के लिए रोहित गोदारा से संपर्क किया
नितिन फौजी ने बताया है कि कैसै वो गैंगस्टर के संपर्क में आया. दरअसल, 9 नवंबर को उसे फर्जी चोरी के मामले में उसका नाम आया था. इस वजह से वो काफी परेशान था. जैसे ही हरियाणा पुलिस उसे पकड़ने आई तो वो उन पर फायरिंग कर फरार हो गया था. फरारी के दौरान उसे पता चल गया था कि अब उसकी नौकरी चली जाएगी. परिवार भी उसे छोड़ देगा. इसलिए नवंबर के आखिरी सप्ताह में उसने रोहित गोदारा से संपर्क किया. अब रोहित के जरिए चरण और उसके सहयोगी रोनी राजपूत से संपर्क हुआ. इन गैंगस्टर ने नितिन फौजी से कहा कि अगर वो सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या में मदद करेगा तो उसे कनाडा पहुंचाया जाएगा. इसके लिए उसे फर्जी पासपोर्ट से लेकर वीजा की व्यवस्था की जाएगी.
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रोहित राठौड़ रेप केस में जेल में था, पैरवी सुखदेव कर रहे थे
सुखदेव गोगामेड़ी हत्याकांड का मेन मास्टरमाइंड विदेश में बैठा राजस्थान का कुख्यात गैंगस्टर रोहित गोदारा ही है. रोहित गोदारा ने सुखदेव की हत्या का टास्क और शूटर अरेंज करने की जिम्मेदारी अपने राइट हैंड मैन वीरेंद्र चारन को दी थी. इसके बाद वीरेंद्र चारन के साथ राजस्थान की जेल में रोहित राठौड़ बंद था. शूटर रोहित राठौड़ रेप के केस में राजस्थान की अजमेर जेल में वीरेंद्र चारन के साथ बंद था. इसलिए दोनों में दोस्ती हो गई थी. रोहित ने पूछताछ में बताया कि उसके ऊपर रेप का केस दर्ज था. जिसमें सुखदेव उसके खिलाफ पैरवी कर रहा था. जिससे वो सुखदेव से गुस्से में था. रोहित के गुस्से का फायदा विरेंद्र चारन ने उठाया और सुखदेव की हत्या के लिए रोहित को तैयार किया.
नितिन फौजी से ऐसे संपर्क हुआ
नितिन फौजी पर चोरी के केस के अलावा हरियाणा के महेंद्र गढ़ में किडनैपिंग का केस दर्ज है. नितिन फौजी भी जेल में रहने के दौरान वीरेंद्र चारन के संपर्क में आया था. नितिन को विदेश जाना था और वहीं पर सेटल होना था. वीरेंद्र चारन ने नितिन को विदेश सेटल होने का भरोसा दिया. इसके बदले में ही उसे सुखदेव की सुपारी दी गई थी. हत्याकांड के लिए दोनों शूटर तैयार हुए. दोनों शूटर लगातार वीरेंद्र चारन के संपर्क में थे. हत्याकांड के पहले और बाद में भी. वीरेंद्र ने अपने गुर्गों के जरिए दोनों शूटरों को जयपुर में हथियार भिजवाया था. दोनों शूटर ने बताया कि हत्याकांड के बाद जयपुर के पास एक होटल के करीब हथियार दबाए हैं. जिन्हें पुलिस अब बरामद करेगी. शुरुआती पूछताछ में बताया जा रहा है कि रोहित गोदारा का प्रॉपर्टी को लेकर विवाद था. लेकिन हत्याकांड के पीछे जातीय समीकरण की बात भी सामने आ रही है. जिसकी पुष्टि जल्द हो जाएगी.
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