तुर्की कोर्ट के फ़ैसले से तड़प उठी जर्नलिस्ट जमाल ख़शोग्जी की आत्मा, सऊदी अरब में होगी सुनवाई

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तुर्की कोर्ट के फ़ैसले से तड़प उठी जर्नलिस्ट जमाल ख़शोग्जी की आत्मा, सऊदी अरब में होगी सुनवाई
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पत्रकार की हत्या का मामला ट्रांसफ़र

WORLD CRIME NEWS: सऊदी अरब के जर्नलिस्ट जमाल ख़शोग्जी (Jamal Khashoggi) की हत्या के मामले की सुनवाई अब सऊदी अरब की अदालत में होगी। यानी जमाल ख़शोग्जी की हत्या का मामला तुर्की से सऊदी अरब ट्रांसफर कर दिया गया है। तुर्की की एक अदालत (Turkish court) ने 7 मार्च को इस सिलसिले में एक फैसला सुनाया। तुर्की की अदालत के इस फैसले के बाद अब इस आशंका को हवा मिल गई है कि अब इस मामले में कोई कायदे का नतीजा सामने नहीं आ पाएगा।

2018 में द वॉशिंगटन पोस्ट के लिए कॉलम लिखने वाले जमाम ख़शोग्जी की हत्या इस्तांबुल (ISTANBUL) में सऊदी कॉन्सुलेट में कर दी गई थी। जिससे दुनिया भर में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के ख़िलाफ आवाज़ उठनी शुरू हो गई थी।

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फैसले से तुर्की के मान सम्मान को पहुंची ठेस

JOURNALIST MURDER STORY: 7 अप्रैल को तुर्की की अदालत ने एक सुनवाई के दौरान कोर्ट के फैसले का विरोध करते हुए ख़शोग्जी की गर्लफ्रेंड केंगीज के वकील ने कहा था कि कोर्ट के इस फैसले के बाद अब इंसाफ की बात करना ही बेइमानी हो जाता है। क्योंकि सऊदी अरब में जमाम ख़शोग्जी को इंसाफ़ नहीं मिल सकेगा। इस फैसले के बाद तुर्की के भी मान सम्मान को झटका लग सकता है, क्योंकि इस फैसले के बाद ये मैजेस दुनिया को मिल जाएगा कि तुर्की की अदालत में भी सम्मान की रक्षा नहीं हो सकती।

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हालांकि पहले इस मामले में 31 मार्च को फैसला आने वाला था। और सरकारी वकील की गुज़ारिश पर जजों की बेंच ने इस फैसले को रोक लिया था। हालांकि कोर्ट ने ये भी कहा था कि इस मामले में वो तुर्की के क़ानून मंत्री की भी राय ले सकते हैं उसके बाद ही ये फैसला 7 अप्रैल तक के लिए टाल दिया गया था।

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सच सामने आने को लेकर जताया शक

JOURNALIST MURDER STORY IN HINDI: तुर्की के एक और वकील हैं गोकमैन बासपिनर। गोकमैन बासपिनर ने तुर्की की अदालत को बताया था कि जिन 26 संदिग्ध लोगों के ख़िलाफ सऊदी अरब में मामला चल रहा था उसमें से ज़्यादातर लोगों को बरी भी किया जा चुका है। लिहाजा ये माना जा रहा है कि तुर्की की कोर्ट ने जो फैसला दिया है उससे तुर्की में मानवाधिकार के काम में लगे वकीलों की मुहिम को ज़बरदस्त झटका लग सकता है।

अभी तक दुनिया ये मानकर चल रही थी कि तुर्की की अदालत इस मामले में जो फैसला देगी उससे द वॉशिंगटन पोस्ट के कॉलमिस्ट जमाम ख़शोग्जी की हत्या का सारा सच सामने आ जाएगा। लोग जान पाएंगे कि असल में इस हत्या के पीछे कौन कौन लोग शामिल थे और हत्या कैसे की गई थी।

2018 में हुई थी ख़शोग्जी की हत्या

Khashoggi murder trial News : उधर एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी तुर्की की अदालत के फैसले के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाते हुए गुहार लगाई है कि अदालत को जमाम खशोग्जी मामले में अपनी सुनवाई जारी रखनी चाहिए, क्योंकि अगर ये मामला सऊदी अरब जाता है तो इसे किसी भी सूरत में दबा दिया जाएगा। और इसकी वजह भी साफ है क्योंकि इस मामले में जो भी संदिग्ध हैं या जिनका नाम मास्टरमाइंड के तौर पर सामने आया है उन सभी का ताल्लुक सऊदी अरब से है।

तुर्की के सबा अखबार ने 2018 में सबसे पहले इस बारे में खबर छापी थी, जिसमें दावा किया गया था कि सऊदी अरब की एक हिट टीम ने सऊदी अरब के पत्रकार जमाल ख़शोग्जी की हत्या की है। और हत्या की ये वारदात कहीं और नहीं उसी सऊदी अरब के इस्तांबुल काउंसुलेट में अंजाम दी गई थी जहां जमाल ख़शोग्जी को आखिरी बार 2 अक्टूबर को देखा गया था।

उस रोज जमाल ख़शोग्जी अपनी शादी के लिए ज़रूरी दस्तावेजों को हासिल करने के लिए काउंसुलेट पहुँचे थे। उनके साथ उनकी गर्लफ्रेंड भी मौजूद थीं लेकिन वो काउंसुलेट में बाहर ही रुक गई थीं और CCTC की फुटेज में ख़शोग्जी अकेले ही भीतर जाते दिखाई दिए थे।

सऊदी अरब कॉउन्सुलेट में हुई थी हत्या

Khashoggi murder Story: तुर्की के सबा अखबार में छपी खबरों का खुलासा कहता है कि सऊदी अरब की हिट टीम जमाम ख़शोग्जी को अपने साथ रियाद ले जाना चाहती थी, लेकिन जमाल ख़शोग्जी ने उनके साथ चलने से इनकार कर दिया था जिसके बाद ही उनकी हत्या कर दी गई थी।

सबा अखबार ने उस दिन के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर वो तस्वीरें भी उजागर कर दी थी जिनमें कुछ बॉडीगार्ड जैसे दिखने वाले संदिग्ध लोग ख़शोग्जी के भीतर जाने के कुछ मिनटों के बाद वहां से जाते दिखाई दिए थे जिनके पास तीन बड़े सूटकेस थे। ये अंदाज़ा लगाया गया था कि ख़शोग्जी की हत्या के बाद उनके शरीर के कई टुकड़ों को सूटकेस में बंदकरके सऊदी अरब की हिट मैन की टीम अपने साथ ले गई थी।

सबा अखबार का दावा ये भी था कि जमाल ख़शोग्जी की हत्या का आदेश खुद क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने दिया था। दरअसल जमाल खशोग्जी वॉशिंगटन पोस्ट में सऊदी अरब की नीतियों का खुलकर विरोध करते थे, जिसको लेकर सऊदी की हुकूमत को सख़्त ऐतराज़ था। और इसी वजह से सऊदी अरब की हुकूमत में बड़ी पहुँच वाले किसी शख्स ने इस हत्या के लिए इशारा दिया था। इस हत्या के लिए शक क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पर ज़ाहिर किया गया था।

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