Turkey Earthquake Update: तबाही के 100 घंटों के बाद भी तुर्की में मलबा अब भी उगल रहा है लाशें, मौत का आंकड़ा 21 हज़ार के पार निकला
तुर्की और सीरिया में आए भूकंप के 100 घंटे बीत जाने के बाद भी वहां मलबे के ढेर में तब्दील हो चुके शहर के शहर अब भी लाशें उगल रहे हैं और अब तक 21 हज़ार से ज़्यादा शवों की गिनती हो चुकी है। ठंड और खराब मौसम ने हालात और भी ज़्यादा खराब कर दी है। जिसक
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आजकल आप किसी से भी मिलिये...पूरी बातचीत में एक सवाल जरूर सामने आ जाता है। तुर्की या तुर्किये का क्या हाल है? और इस सवाल के साथ ही शुरू हो जाती है कयासों और हकीकत का मिला जुला अफसाना। कुछ बातें जो इधर उधर सोशल मीडिया या अखबारों और टीवी की न्यूज से झांकती मिल जाती हैं और कुछ जो कल्पनाओं के साथ उन्हें सच में गूंथ दिया जाताहै। मगर इस पूरी बात का लब्बो लुआब यही होता है कि तबाही भयानक है।
सचमुच हालात किस कदर खराब होंगे उन इलाक़ों में जहां सोमवार के भूकंप ने जिंदगी को पूरी तरह से उजाड़ दिया है। जहां हजारों की तादाद में बिल्डिंग तहस नहस हो चुकी ...और लाखों लोगों के बसे बसाए आशियाने तबाह हो गए। जरा सोच कर देखिये जहां 21 हज़ार से ज़्यादा शवों को अभी तक निकालकर गिना जा चुका है वहां का आलम क्या होगा। तुर्की और सीरिया में भूकंप के बाद मरने वालों का आंकड़ा दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है। मलबे का ढेर हर रोज सैकड़ों की संख्या में लाशों को उगल रहा है।
और इस पर कोढ़ में खाज ये है कि बेहद ठंडे मौसम की वजह से राहत और बचाव कार्य की रफ्तार एक दम से कुंद पड़ चुकी है। राहत के काम में लगी टीमों को अलग अलग तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
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चारों तरफ मलबे के ढेर और हांड कंपाती ठंड ने सीरिया और तुर्की के हालात और भी ज़्यादा खराब कर दिए हैं। इसका सबसे बुरा असर ये देखा जा रहा है कि मरने वालों की गिनती में तेजी से इजाफा होता जा रहा है। वक्त गुजरने के साथ ही मलबे में दबे लोगों के जिंदा बचने की उम्मीद भी दम तोड़ती दिखाई देने लगी है।
6 फरवरी को भूकंप आया था यानी 100 घंटे से ज़्यादा का वक़्त गुज़र चुका है और ऐसे में इतने घंटों बाद अगर मलबे में दबे लोगों के जिंदा बचे रहने की कोई सूरत दिखाई देती है तो वो किसी चमत्कार से कम नहीं है।
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तुर्की में भूकंप का पहला झटका 6 फरवरी की सुबह 4.17 बजे आया था. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.8 मैग्नीट्यूड थी. भूकंप का केंद्र दक्षिणी तुर्की का गाजियांटेप था. इससे पहले लोग इस भूकंप के झटके से संभल पाते कुछ देर बाद ही भूकंप का एक और झटका आया, रिक्टर स्केल पर उसकी तीव्रता 6.4 मैग्नीट्यूड थी. भूकंप के झटकों का यह दौर यहीं नहीं रुका . इसके बाद 6.5 तीव्रता का एक और झटका लगा. भूकंप के इन झटकों ने मालाटया, सनली उर्फा, ओस्मानिए और दियारबाकिर समेत 11 सूबों में तबाही मचादी. शाम 4 बजे भूकंप का एक और यानी चौ था झटका आया. बताया जा रहा है कि इस झटके ने ही सबसे ज्यादा तबाही मचाई. इसके ठीक डेढ़ घंटे बाद शाम 5.30 बजे भूकंप का 5वां झटका आया
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इस बीच विश्व बैंक की तरफ से तुर्की को 1.78 बिलियन डॉलर देने का ऐलान किया गया जबकि अमेरिका ने भूकंप प्रभावित तुर्की और सीरिया की मदद के लिए 85 मिलियन डॉलर की सहायता की घोषणा की है.
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