Turkey-Syria Earthquake: तुर्की में ठंड ने बढ़ाई मुश्किलें
Turkey-Syria Earthquake: तुर्की में जो हो रहा है वो भयानक है। कुदरत का क्रोध लोगों पर कहर बनकर बरपा तो उसे देखकर दुनिया दहल गई।
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तुर्किये से गौरव सावंत की रिपोर्ट
Turkey-Syria Earthquake: तुर्की में जो हो रहा है वो भयानक है। कुदरत का क्रोध लोगों पर कहर बनकर बरपा तो उसे देखकर दुनिया दहल गई। भूकंप के बाद लाखों लोगों को ठंड, भूख और मायूसी में आंसू बहाने को मजबूर कर दिया, लेकिन कुदरत का कहर तक नहीं थमा। ठंड ने उसे और भी ज़्यादा खौफनाक बना दिया है। तबाही और बर्बादी के बीच कुछ ऐसी राहत देने वाली तस्वीरों ने आकर अपनी हाजरी दर्ज कराई कि मातम के माहौल में मुस्कुराहट बिखर गई।
तुर्किए और सीरिया में आए भूकंप के बाद सारी दुनिया मदद के लिए आगे आई है। भूकंप के केंद्र गाजियांटेप में लगभग 90 घंटे बाद बारेन नाम की एक 6 साल की बच्ची को मलबे में से जिंदा बचा लिया गया, तो करीब 6 साल की नसरीन ने तीन दिन तक मलबे के भीतर भी ज़िंदगी को जिताए रखा। हालांकि वो उन चंद किस्मत वालों में से एक थी जिसके साथ साथ उसकी मां को भी इस तबाही के मलबे ने जिंदा उगल दिया।
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सैकड़ों की तादाद में एंबुलेंस। एमरजेंसी गाड़ियों और राहत सामग्री को अपनी कोख में भरकर गाड़ियों का कारवां किसी भी तरह वहां पहुँच जाना चाहता है जहां ज़िंदगी की सांसे अभी टूटी नहीं है, क्योंकि हजारों बच्चे और बूढ़े इस कंपकंपाती ठंड के बीच भूख से बेहाल होकर इन गाड़ियों और राहत सामग्रियों के वक्त पर पहुँचने का इंतजार कर रहे हैं। लोगों को खून जमा देने वाली ठंड में भी अपनी कारों में सोने को मजबूर होना पड़ रहा है। उनके घर तबाह हो गए हैं और अगर वो बच भी गए हैं तो उन्हें अंदर जाने में डर लग रहा है। सैंकड़ों हजारों लोग इस भयानक सर्दी में बेघर हो गए हैं।
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