गुजरात के दो परिवार तुर्की में हो गए अगवा: -35 डिग्री में मंज़िल से 10km पहले ही मिली ठंडी मौत
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हसीन ज़िंदगी की चाहत में ठंडी मौत
Latest Crime News:सात समंदर पार बसे अमेरिका जाने की ललक, लोगों को मौत के मुंह तक में पहुंचा देती है। इसका एक नमूना कुछ रोज़ पहले ही नज़र आया था जब गुजरात के चार लोगों की अमेरिका और कनाडा बॉर्डर पर ठंड से मौत हो गई थी। वो चारों लोग किसी भी सूरत में और किसी भी क़ीमत में अमेरिका में दाखिल होना चाहते थे। मगर सरहदों की हदों से दूर जाने की इस ज़िद में वो अमेरिका तो नहीं पहुँच सके मगर उस दुनिया में ज़रूर पहुँच गए जहां से कोई भी नहीं लौटता।
लेकिन एक ताज़ा ख़बर इससे भी ज़्यादा चौंकाने वाली सामने आई है। खबर ये है कि इसी गरज से गुजरात से निकले छह लोग अमेरिका पहुँचने से पहले ही अगवा हो गए। अभी तक की जानकारी बताती है कि गुजरात के गांधीनगर के एक गांव के दो परिवार के लोग तुर्की में अगवा हो गए हैं।
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गुजरात के दो परिवार अगवा
World Crime in Hindi: गुजरात पुलिस के मुताबिक जिन छह लोगों के तुर्की में अगवा होने की खबर सामने आई है वो सभी लोग गुजरात के कलोल तालुका के किसी गांव के रहने वाले हैं। ये दोनों परिवार अमेरिका जाने के लिए यहां से निकले थे। लेकिन तुर्की पहुँचने के बाद उनका कोई अता पता अभी तक किसी को नहीं मिला है। गांव के सूत्रों की मानें तो जो दो परिवार लापता हुए हैं उनके बारे में ये अंदाज़ा लगाया गया है कि तुर्की में सक्रिय मानव तस्करों के गैंग ने गुजरात के इन दो परिवार के छह लोगों को अगवा कर लिया है। ये किडनैपिंग फिरौती के लिए की गई है। यानी छह लोगों को वापस करने की क़ीमत अदा करनी होगी। लेकिन अभी तक ये तय नहीं हो सका है कि आखिर ये क़ीमत किसे और किसको अदा करनी है।
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तुर्की में किडनैप हुए गुजरात के छह लोग
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Crime Story Gujrat: गुजरात पुलिस ने उन लोगों की शिनाख़्त कर ली है जो तुर्की में जाकर लापता हो गए। गुजरात पुलिस के मुताबिक तेजस पटेल, उनकी पत्नी अलका और बेटा दिव्य के अलावा दूसरे परिवार में सुरेश पटेल उनकी पत्नी शोभा और बेटी फोरम को तुर्की में अगवा कर लिया गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक ये छह लोग दिसंबर के आखिरी और जनवरी के पहले सप्ताह के बीच गांव से अमेरिका के लिए रवाना हुए थे। जब तक वो तुर्की पहुँचे तब तक तो गांव के कुछ लोगों के साथ उनका संपर्क बना हुआ था। लेकिन इंस्तांबुल पहुँचने के बाद से उनका कोई अता पता नहीं मिल रहा।
गुजरात पुलिस के मुताबिक इस लापता परिवार के बारे में तुर्की के इस्तांबुल में भारतीय दूतावास के अधिकारियों को जानकारी दे दी गई है। भारतीय दूतावास ने इस शिकायत के बाद अब वहां अपने स्तर पर तलाश तेज कर दी है।
इंस्तांबुल में गुजराती परिवार अगवा
Gujrati Families Kidnap: हालांकि पुलिस को अभी तक इस परिवार के अमेरिका जाने और उससे पहले तुर्की के इस्तांबुल पहुँचने के बारे में पूरी जानकारी नहीं मिली है। पुलिस अभी ये जानने की कोशिश में है कि आखिर इस परिवार का अमेरिका जाने का असली मकसद क्या था।
और ये परिवार किसके ज़रिए तुर्की पहुँचा। इसी लिए पुलिस ने सीआईडी की एक टीम बनाई है जो इन दोनों लापता परिवार के रास्ते के विवरण के आधार पर उसे रीक्रिएट करेगा। साथ ही पुलिस ये भी पता लगाएगी कि ये परिवार आखिर किन लोगों के चंगुल में कैसे फंसा होगा।
इससे पहले जब अमेरिका और कनाडा के बॉर्डर पर चार भारतीयों के ठंड से मरने की जो खबर आई थी इत्तेफाक़ से उसका ताल्लुक भी गुजरात से ही था। उस वक़्त के मारे गए लोगों की पहचान जगदीश पटेल, उनकी पत्नी और दो नाबालिग बच्चे शामिल थे।
अमेरिका पहुँचाने वाले एजेंटों की करतूत?
Latest World Crime in Hindi: असल में गुजरात की तमाम तालुकाओं में ऐसे एजेंटों की कोई कमी नहीं जो फर्ज़ी तरीक़े से लोगों को अमेरिका या विदेश भेजने का झांसा देकर अपना उल्लू सीधा करते हैं। पुलिस को शक है कि ऐसे ही किसी एजेंट के चक्कर में फंस कर ये लोग तुर्की के इंस्ताबुल में किसी ट्रेवल एजेंट के चंगुल में फंस गए।
दरअसल 35 साल के जगदीश पटेल और उनकी 33 साल की पत्नी वैशाली के साथ साथ उनके दो नाबालिग बच्चे ठंड में ठिठुर ठिठुर कर कनाडा अमेरिका बॉर्डर पर एक टैंकर में मरे पाये गए थे।
बताया जा रहा है कि ये चारो वहां किसी भारतीय ग्रुप के साथ था जिसने -35 डिग्री सेल्सियत की जमा देने वाली ठंड में अमेरिकी बॉर्डर पार करने की योजना बनाई थी, लेकिन किसी वजह से ये परिवार उस ग्रुप से अगल हो गया और अमेरिका से महज 10 किलोमीटर पहले कनाडा में सभी के शव मिले थे।
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