Tunisha Sharma: आखिरी 15 मिनट में TV स्टार तुनिषा शर्मा की मौत की कहानी का ये है पूरा सच

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Tunisha Sharma: आखिरी 15 मिनट में TV स्टार तुनिषा शर्मा की मौत की कहानी का ये है पूरा सच
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Tunisha Sharma Death Case: महज़ 20 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाली टीवी एक्टैस तुनिषा शर्मा का मंगलवार को अंतिम संस्कार तो हो गया, लेकेिन उसकी खुदकुशी या फिर यूं कहें कि उसकी मौत को लेकर जो सवाल पैदा हुए थे... वो जस के तस हैं। और इन सवालों में सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि आखिर तुनिषा ने खुदकुशी क्यों की? तुनिषा और शीजान के बीच स्टूडियो के मेकअप रूम में आखिरी 15 मिनट में ऐसा क्या हुआ कि तुनिषा ने जान दे दी? वैसे तो तुनिषा की जिंदगी में शीजान का बेकअप भारी पड़ रहा था। लेकिन इसके बावजूद वो काम पर भी जा रही थी और खुद को नॉर्मल करने की कोशिश भी कर रही थी। तुनिषा के ये सोशल मीडिया पोस्ट और वीडियोज इस बात के सबूत हैं। लेकिन इसके बावजूद 24 दिसंबर की दोपहर को अचानक तुनिषा ने खुदकुशी करने जैसा बड़ा कदम उठा लिया। आखिर क्यों?

जाहिर है, उस रोज़ तुनिषा और शीजान के बीच कुछ ऐसा जरूर हुआ था, जो अब तक सामने नहीं आया है। और जानकारों की मानें तो इस बात की आशंका ज्यादा है कि तुनिषा ने खुदकुशी की फैसला भी उन 15 मिनटों में यानी आनन-फानन में ही किया। यही वजह है कि उसने खुदकुशी तो कर ली, लेकिन जान देने से पहले कोई सुसाइड नोट तक नहीं छोड़ा। वरना, खुदकुशी करनेवाले ज्यादातर मामलों में लोग सुसाइड नोट लिख कर या वीडियो रिकॉर्ड कर ही जान देते हैं। जबकि तुनिषा ने ऐसा कुछ भी नहीं किया। ऐसे में अब पुलिस की जांच भी तुनिषा की जिंदगी के उन आखिरी 15 मिनटों में ही टिक गई है, जब वो मेकअप वैन में शीजान के साथ अकेली बंद थी।

एक कमरे में बंद दो लोगों में से एक ने खुदकुशी कर ली, जबकि दूसरे पर खुदकुशी के लिए मजबूर करने का इल्जाम लगा। यानी उन दोनों के अलावा आखिरी वक्त पर वहां कोई नहीं था। ऐसे में अगर तुनिषा के आखिरी 15 मिनटों के बारे में कोई सही-सही जानकारी दे सकता है, तो वो वही शीजान ही है, जो तुनिषा के साथ उसकी जिंदगी के आखिरी वक्त पर मौजूद था। ऐसे में पुलिस भी अब उन आखिरी 15 मिनटों का सच जानने के लिए शीजान से लगातार पूछताछ कर रही है। लेकिन सच्चाई है कि इस पूछताछ में अब तक कुछ ऐसा हाथ नहीं लगा है, जिससे कहानी से पर्दा उठ सके.

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उधर, मामले की तह तक पहुंचने और तुनिषा की मौत के मामले में सबूत जुटाने के इरादे से पुलिस और फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने नया गांव में मौजूद उस मदर नेचर स्टूडियो और खास कर उसकी मेकअप रूम का बारीकी से मुआयना किया, जहां तुनिषा ने फंदे से लटक कर अपनी जान दे दी। पुलिस ने मौका ए वारदात से वो केप बैंडेज भी बरामद कर लिया, जिससे लटक कर तुनिषा ने खुदकुशी की थी।

इसके अलावा फॉरेंसिक के जानकारों ने तुनिषा के कपडे, उसकी ज्वेलरी और स्टूडियो में मौजूद उसकी दूसरी चीजें भी बरामद कर लीं। पुलिस ने इसी तरह शीजान के वो कपड़े भी बरामद किए हैं, जो उसने तुनिषा की खुदकुशी के वक्त पहने हुए थे। अब इनकी फॉरेंसिक जांच की जाएगी। पुलिस शीजान और तुनिषा के मोबाइल फोन की भी फॉरेंसिक जांच करना चाहती है, ताकि उनकी चैट या मोबाइल में मौजूद दूसरी चीजों से ये पता चल दोनों की जिंदगी में आखिरी वक्त में आखिर क्या चल रहा था। खास कर क्या शीजान की जिंदगी में तुनिषा के अलावा कुछ और भी लड़कियां थीं, जिसे लेकर तुनिषा और शीजान के बीच में विवाद हुआ? तुनिषा की मां वनिता शर्मा ने शीजान पर कुछ ऐसे ही इल्जाम लगाए हैं। ऐसे में पुलिस के लिए भी इस मामले की तह तक जाना जरूरी है।

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इस बीच पुलिस ने तुनिषा की मौत का सच जानने के लिए अब तक शीजान के अलावा उन्हें जाननेवाले और उनके साथ काम करनेवाले कम से कम 17 लोगों के बयान दर्ज किए हैं। पुलिस 24 दिसंबर को तुनिषा की जिंदगी के आखिरी 15 मिनट के अलावा तुनिषा के 15 दिनों का सच भी जानना चाहती है, क्योंकि तुनिषा के घरवालों की तरफ से बताया गया है कि शीजान ने करीब 15 दिन पहले ही अचानक तुनिषा से बेकअप कर लिया था। ऐसे में पुलिस ये पता लगाना चाहती है कि आखिर इन 15 दिनों में शीजान और तुनिषा के बीच क्या चल रहा था। क्या तुनिषा इस बेकअप को खत्म करने के लिए शीजान पर कोई दबाव बना रही थी और वो अपने फैसले पर अड़ा हुआ था? तुनिषा के घरवालों तो कुछ ऐसा ही कहा है। तुनिषा की मां ने पुलिस को बताया है कि उन्होंने शीजान के बेकअप करने के बाद खुद तुनिषा की हालत को देखते हुए शीजान से दोबारा तुनिषा की जिंदगी में वापस लौट आने की अपील की थी, लेकिन शीजान ने मना कर दिया था। अब पुलिस इन बातों की सच्चाई भी जानना चाहती है।

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इस बीच सूत्रों ने शीजान से चल रही पूछताछ को लेकर चौंकानेवाले खुलासे किए हैं। खबरों के मुताबिक शीजान, तुनिषा के बेकअप की वजहों को लेकर पूछे गए सवालों पर हर बार अलग-अलग बयान दे रहा है। अब तक वो इस सिलसिले में तीन बयान दे चुका है। और ऐसे में पुलिस के लिए अब यही जानने की चुनौती है कि आखिर उसका कौन सा बयान सही है और कौन सा गलत?

हालांकि शीजान के इन बयानों में कोई ज्यादा दम नजर नहीं आता। अव्वल तो बेकअप की तीन अलग-अलग तरह की वजह बताना ही अपने-आप में हैरान करनेवाली बात है। ऊपर से सारी की सारी वजहें भी चौंकाती हैं। धर्म और उम्र के फर्क की बात करें, तो ये वो सच्चाई है, जिसके बारे में दोनों को पहले दिन से पता था। ऐसे में अचानक बेकअप की बात समझ में नहीं आती है। श्रद्धा और आफताब के मामले से डरने की बात भी समझ से परे है। क्योंकि वहां दोनों के रिश्तों में कडवाहट थी, लेकिन यहां दोनों एक दूसरे के काफी करीब थे। जिसकी तस्दीक उनकी तस्वीरें और वीडियोज के साथ-साथ उनके घरवाले भी करते हैं। रही बात तीसरी दलील की, तो वो भी कम अजीब नहीं है। शीजान ने कहा है कि दोनों के घरवाले इस रिश्ते से राजी नहीं थे। जबकि तुनिषा की मां वनिता ने अपने बयान में खुद कहा है कि शीजान के बेकअप कर लेने के बाद वो खुद तुनिषा से दोबारा पैचअप कर लेने की अपील करती हुई शीजान से उसी मदर नेचर स्टूडियो में जाकर मिली थी। और उनके रिक्वेस्ट कर लेने के बावजूद शीजान ने इस रिश्ते को आगे बढाने से मना कर दिया था।

हालांकि अब पुलिस ने बताया है कि पूछताछ के दौरान शीजान महिला अधिकारी के सामने फूट-फूट कर रोने लगा। मुंबई के वालिव स्टेशन में उसे इंटैरोगेट कर रहे पुलिसवालों ने जब उससे तुनिषा को लेकर सवाल जवाब किए, तो एक मुकाम ऐसा भी आया, जब वो खुद पर काबू नहीं रख सका। हालांकि जब उसे ये बताया गया कि मंगलवार को तुनिषा का अंतिम संस्कार होनेवाला है, तो शीजान ने उसे अंतिम संस्कार में शामिल होने जैसी कोई इच्छा नहीं जताई।

अब बात तुनिषा की सुसाइड के मामले में शीजन पर दर्ज हुए मुकदमे की। पुलिस ने शीजान के खिलाफ इस मामले में आईपीसी की धारा 306 के तहत तुनिषा को खुदकुशी के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है। लेकिन जानकारों की मानें तो अदालत में शीजान पर ये जुर्म साबित करना इतना आसान नहीं होने वाला है। खास कर तब जब तुनिषा ने कोई जान देने से पहले कोई सुसाइड नोट भी नहीं छोडा है और ना ही किसी भी दूसरे तरीके से अपनी मौत के लिए शीजान को जिम्मेदार ठहराया है। ऐसे में पुलिस ने फिलहाल बेशक तुनिषा के घरवालों की शिकायत पर शीजान पर केस दर्ज कर लिया हो, उसे गिरफ्तार भी कर लिया हो, लेकिन उसे अदालत में गुनहगार साबित करना मुश्किल हो सकता है। हालांकि आम तौर पर खुदकुशी के लिए किसी को मजबूर करने के मामले में पुलिस किसी की गिरफ्तारी में इतनी जल्दबाजी भी नहीं दिखाती है।

वैसे अकेले शीजान और तुनिषा का केस ही नहीं, खुदकुशी के लिए मजबूर करने के मामलों में देश भर में पुलिस का कनविक्शन रेट भी काफी कम है। कनविक्शन रेट यानी मुल्जिमों को गुनहगार करार देने के मामले। एनसीआरबी के आंकडों की बात करें तो देश में एबेटमेंट टू सुसाइड यानी खुदकुशी के लिए मजबूर करने के जितने भी मामले दर्ज होते हैं, जिनमें पीड़ित महिलाएँ होती हैं, उन केसेज में कनविक्शन रेट महज 20 फीसदी है। कोर्ट ने अलग-अलग मौकों पर भी ये साफ किया है कि किसी भी शख्स को खुदकुशी के लिए मजबूर करने के मामले में आरोपित करने से पहले मौके के हालात के साथ-साथ उसके पीछे की नीयत यानी मोटिव का साफ होना भी जरूरी है। यानी 306 के तहत किसी के खिलाफ तभी केस चलाया जा सकता है, जब ये साफ हो जाए कि उस शख्स ने खुदकुशी करनेवाले इंसान के जिंदा रहने के सारे रास्ते बंद कर दिए थे। और उसके पास खुदकुशी के सिवाय कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा था।

किसी को खुदकुशी के लिए उकसाने के मामले में अधिकम सजा दस साल की है। देश सबसे पहले इस मामले में मुकदमा सती पथा की सामाजिक बुराई के खिलाफ दर्ज किया गया था। साल 2017 में भी ऐसा ही एक सामने आया था, जो नीताबेन ठाकोर और गुजरात सरकार के बीच था। एनसीआरबी के आंकडो के मुताबिक साल 2021 में देश भर में खुदकुशी के लिए उकसाने के कुल 9361 मामले में दर्ज किए गए। जो उस साल के कुल अपराध के मामलों का 0.0 फीसदी बनता है। इनमें भी सबसे ज्यादा 1462 मामलों के साथ महाराष्ट्र सारे राज्यों में सबसे ऊपर रहा।

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