लखीमपुर में कब, क्या और कैसे हुआ? जानिए पूरा घटनाक्रम
Timeline of akhimpur kheri violence
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आपको बताते हैं कब, क्या और कैसे हुआ?
रविवार को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मोर्य का कार्यक्रम लखीमपुर खीरी में प्रस्तावित था।
सुबह 9.30 बजे
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प्रदर्शनकारी किसानों ने इकट्ठा होने के बाद अपने ट्रैक्टर लखीमपुर के तिकुनिया में बने हैलीपेड पर पार्क कर दिए जहां पर केशव प्रसाद मोर्य का हेलीकॉप्टर उतरना था। लखीमपुर और तराई के दूसरे जिलों को भी इस प्रदर्शन में भाग लेने के लिए कहा गया था।
सुबह 10 बजे
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किसानों ने प्रदर्शन शुरु किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरु कर दी। किसान मोर्चा ने केन्द्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मोर्य के काफिले को रोकने की कॉल दी थी।
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दोपहर 12 बजे
डिप्टी सीएम सरकारी योजनाओं की नींव रखने के लिए लखीमपुर के वंदन गार्डन पहुंचे। पहले उन्हें इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए हेलीकॉप्टर से आना था लेकिन फिर किसानों के प्रदर्शन की सूचना पर वो सड़क मार्ग से लखीमपुर पहुंचे।
दोपहर 1.30 बजे
लखीमपुर जिला मुख्यालय में प्रस्तावित कार्यक्रम खत्म करने के बाद अजय मिश्रा और केशव प्रसाद मोर्य वहां से बनवीरपुर के लिए रवाना हो गए।
दोपहर 2.20 बजे
केशव प्रसाद मोर्य निगाहसन गेस्ट हाउस पहुंचे लेकिन वो तिकुनिया नहीं गए जो अजय मिश्रा का गांव था। तिकुनिया से निगाहसन की दूरी महज चार किलोमीटर थी। यहां पर उन्हें दंगल में जीते प्रतियोगियों को पुरुस्कार देने थे।
दोपहर 2.15 बजे
लखीमपुर के डीएम और एसपी प्रदर्शन कर रहे किसानों से वार्ता करने के लिए पहुंचे ताकि केशव प्रसाद मोर्य के कार्यक्रम को सुचारु रुप से संपन्न कराया जाए।
दोपहर 3 बजे
कारों का काफिला केशव प्रसाद मोर्य को निगाहसन से तिकुनिया लाने के लिए रवाना हुआ। बताया जा रहा है ये कारें गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की थीं।
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रास्ते में किसानों ने तिकुनिया इलाके में प्रदर्शन शुरु कर दिया। जिसको लेकर बीजेपी कार्यकर्ता और प्रदर्शन कर रहे किसानों में झड़प शुरु हो गई। जिसके बाद आरोप लगा कि अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी जिसकी वजह से चार लोगों की मौत हो गई।
शाम 4 बजे
जैसे ही चार किसानों की मौत की खबर फैली हिंसा फैल गई। जिसके बाद चार और लोगों की जान चली गई जिसमें अजय मिश्रा का ड्राइवर भी शामिल था।
शाम 6.30 बजे
रेंज के आईजी मौके पर पहुंचे और भारी तादाद में सुरक्षा बल तैनात किया गया ताकि हिंसा पर काबू पाया जा सके।
रात 8 बजे
लखीमपुर जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई। जिले के बॉर्डर सील कर दिए गए ताकि राजनेतिक पार्टी के नेता लखीमपुर ना पहुंच सकें।
हिंसा और ना फैले इसके लिए पुलिस ने तिकुनिया थाने में अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। अब मामले की जांच के बाद ही पता चलेगा कि आखिर दोपहर में क्या हुआ था जो चार किसानों की जान चली गई।
क्या वाकई में अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने किसानों पर गाड़ी चढ़ाई थी या फिर किसानों ने जब काफिले पर पथराव किया उस दौरान जान बचाकर भाग रही काफिले की कारों की चपेट में आकर किसानों की मौत हुई।
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