Tillu Tajpuria: कब तक तिहाड़ जेल से सवाल होते रहेंगे? हाई सिक्योरिटी जेल की ये हालत वाकई शर्मनाक!
Tillu Tajpuria: टिल्लू कभी मंडोली जेल में बंद था, लेकिन गोगी की हत्या के बाद उसे सुरक्षा के लिहाज से तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। मंडोली में गोगी गैंग के लोग मौजूद थे। ऐसे में ये माना जा रहा था कि गैंग के लोग उस पर हमला कर सकते हैं।
ADVERTISEMENT
जब हाई सिक्योरिटी जेल की हालत ये तो बाकी जेल की सुरक्षा कैसी होगी?
Tillu Tajpuria: टिल्लू कभी मंडोली जेल में बंद था, लेकिन गोगी की हत्या के बाद उसे सुरक्षा के लिहाज से तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। मंडोली में गोगी गैंग के लोग मौजूद थे। ऐसे में ये माना जा रहा था कि गैंग के लोग उस पर हमला कर सकते हैं। लिहाजा उसे तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया था और वो भी हाई सिक्योरिटी जेल में। अब सवाल ये है कि जब वो इतनी सुरक्षा में था, जहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता था तो फिर उस पर हमला कैसे हो गया? इसका मतलब तो ये है कि बदमाश पुलिस से एक कदम आगे थे या फिर इसके पीछे कोई साजिश है? आइये आपको सिलसिलेवार तरीके से बताते हैं।
तिहाड़ जेल कटघरे में
ADVERTISEMENT
Who is Tillu Tajpuria?: तिहाड़ जेल प्रशासन के मुताबिक, टिल्लू पर हमला गोगी गैंग के 4 बदमाशों ने किया। वक्त था सुबह के करीब छह बजे। जगह दिल्ली की तिहाड़ जेल। जेल नंबर 9। चूंकि चारों बदमाश जेल नंबर 9 की फर्स्ट फ्लोर वाली जेल में कैद थे। चारों ने रात में ये प्लानिंग कि कैसे टिल्लू कल यानी मंगलवार को टिल्लू को सुबह-सुबह मारा जाएगा? चूंकि सारे कैदी जेल में जल्दी उठते हैं, लिहाजा सुबह-सुबह हमला करने की प्लानिंग की गई।
Tillu Tajpuria: प्लानिंग तो टिल्लू पर हमले की बहुत दिनों से चल रही थी। ये देखा गया कि कैसे और कब उसे मारा जाए? इसके लिए सबसे पहले जेल की सलाख़े तोड़ीं गई। सवाल ये उठता है कि कैसे इन्होंने ये सलाखे तोड़ी? सलाखे टूटी होने का पता जेल अधिकारियों क्यों नहीं चला? क्या इन चारों की प्लानिंग के बारे में किसी और कैदी को भी पता था? जेल के सलाखे तोड़ना इतना आसान नहीं होता है। ये बताया गया है कि इन्होंने सलाखों से नुकीले हथियार बनाए। सवाल ये है कि कैसे इन्होंने सलाखों को नुकीला किया? इसके बाद जो इन्हें ओढ़ने के लिए चादर मिलती है, उसे बांध कर ये बदमाश जेल नंबर 9 के ग्राउंड फ्लोर पर कूद गए। सवाल ये उठता है कि उस वक्त पर जेल नंबर 9 की सुरक्षा में तैनात अधिकारी कहां पर थे? कहा जा रहा है कि आरोपियों को ये पता था कि यही वक्त हमला करने के लिए सबसे उपयुक्त है, क्योंकि इस वक्त अधिकारी एक्टिव नहीं होते हैं।
ADVERTISEMENT
Tillu Tajpuria: इन चारों ने लोहे की रोड और सूए से टिल्लू पर हमला कर दिया। हमला सुबह 6:15 बजे किया गया। ये चारों बदमाश जेल नंबर 9 की फर्स्ट फ्लोर पर बंद थे। इन्होंने ने लोहे की ग्रिल काट कर चादर की मदद से ग्राउंड फ्लोर पर कूदे जहां हाई सिक्योरिटी जेल मे बंद टिल्लू पर इन्होंने हमला किया। सवाल ये भी है कि क्या टिल्लू उस वक्त जेल के अंदर बंद नहीं था? क्या वो जेल के बाहर किसी काम से गया था? क्या इस तरह से हाई सिक्योरिटी बैरक की सुरक्षा होती है?
ADVERTISEMENT
Tillu Tajpuria: यूं कहां जाए कि बदमाशों ने टिल्लू को मारने के लिए सटीक प्लानिंग की और अधिकारी कुछ नहीं कर सके। हमलावरों की पहचान दीपक, योगेश, राजेश और रियाज़ नाम के बदमाशों के रूप में हुई है और इन चारों का संबंध गोगी गैंग से था। सवाल ये भी उठता है कि इन चारों बदमाशों को कमांड कौन दे रहा था? कौन है गोगी नंबर 2, जिसने इन्हें ऐसा करने के लिए कहा। इसकी आड़ में आरोपियों को क्या लालच दिया गया? क्या बदमाश गोगी गैंग से थे, या फिर ये भाड़े के हमलावर थे? इसकी जांच शुरू हो गई है।
इस घटना से तिहाड़ जेल प्रशासन कटघरे में है। क्या इसके पीछे साजिश है? ये तो नहीं कहा जा सकता है, लेकिन इसके पीछे बदमाशों ने फूलपूफ्र साजिश रची, ये बात सच है।
यहां कई सवाल खड़े होते हैं -
क्या जानबूझ कर तिहाड़ जेल में कैदियों के बीच गैंगवार होनी दी?
क्या तिहाड़ जेल के कैदियों पर नहीं रहा है तिहाड़ जेल प्रशासन का कंट्रोल?
इस घटना और इससे पहले हुई घटना से तो ऐसा ही लगता है। हर बार जांच और जांच के बाद क्या होता है सबको पता है? ज्यादा से ज्यादा अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया जाता है। बहुत हो जाए तो मुकदमा दर्ज कर लिया जाता है, लेकिन ऐसा कम ही देखा गया है।
सवाल ये उठता है कि सबसे सुरक्षित जेल का दावा करनी वाली तिहाड़ जेल की सुरक्षा क्यों भगवान भरोसे है? वो भी तब जब यहां दुर्दांत आतंकी से लेकर गैंगस्टर तक जेल में बंद है।
आपको बता दे कि तिहाड़ की सुरक्षा का जिम्मा ITBP पर है। इसके साथ साथ जेल स्टाफ और पुलिस भी कैदियों की सुरक्षा में तैनात रहती है, लेकिन सच तो ये है कि बावजूद इसके जेल के अंदर हत्याएं तक हो जाती है। यहां कैदी आराम से फोन का इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त तिहाड़ में करीब 15 हजार कैदी बंद है। नौ जेलों के कैंपस वाली तिहाड़ जेल की कई जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदी बंद है।
19 दिन में तिहाड़ जेल में 2 गैंगवार में 2 गैंगस्टर मारे गए है। इससे पहले 14 अप्रैल को दिल्ली के गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया की भी जेल के अंदर ही हत्या हो गई थी।
ADVERTISEMENT