Tillu Murder: जो खुद एक-दूसरे को नहीं मार पाए, लेकिन उनका काम तमाम किया गुर्गों ने!

ADVERTISEMENT

Tillu Murder:  जो खुद एक-दूसरे को नहीं मार पाए,  लेकिन उनका काम तमाम किया गुर्गों ने!
Tillu Tajpuriya Murder
social share
google news

चिराग गोठी की रिपोर्ट

और आखिरकार हिसाब हुआ पूरा?

Tillu Tajpuriya Murder:  ताजपुर गांव अब सुर्खियों में है, क्योंकि टिल्लू का मर्डर हो गया है। वो टिल्लू ताजपुरिया, जिसका कभी भौकाल होता था। जो बदले की आग में जी रहा था। जिसका मकसद सिर्फ एक था और वो था किसी की हत्या करना… क्या वो अपने मकसद में कामयाब हो पाया ? टिल्लू के टिल्लू ताजपुरिया बनने की पूरी कहानी दरअसल है क्या। आइये बताते हैं आपको…   

ADVERTISEMENT

वैसे तो दिल्ली में राष्ट्रपति भवन से लेकर संसद भवन तक है, लेकिन एक और दिल्ली भी है, जिस देहात दिल्ली कहा जाए तो कुछ गलत नहीं होगा। इस दिल्ली की अक्सर चर्चा विकास को लेकर नहीं, बल्कि यहां होने वाले जुर्म को लेकर होती है। बता करते है दिल्ली के बाहरी इलाकों की, जो एक तरफ यूपी तो दूसरी तरफ राजस्थान और हरियाणा सीमा से लगा हुआ है। यहां जुर्म बसता है और इसे अपराधी बसाते हैं। पर क्यों? बताते हैं। बाहरी दिल्ली इलाके में एक गांव है ताजपुर। ताजपुर अलीपुर इलाके में आता है। कभी इस गांव को विकास के रूप में याद रखा जाता था, लेकिन अब इसे याद रखने की अलग वजह है। और वो वजह है यहां पनपता जुर्म।

टिल्लू ताजपुरिया Tillu Tajpuriya 

Tillu Tajpuriya इस गांव में रहता था सुनील मान उर्फ टिल्लू। टिल्लू के पिता एमसीडी में नौकरी करते थे। टिल्लू ने ताजपुर के सरकारी स्कूल से पढ़ाई की, लेकिन धीरे-धीरे उसकी संगत खराब होती चली गई। टिल्लू का सबसे खास दोस्त गोगी था। गोगी का असली नाम जितेंद्र मान था। जितेंद्र भी ताजपुर गांव का रहना वाला था। दोनों का घर आसपास था।

ADVERTISEMENT

टिल्लू ताजपुरिया Gangster Tillu Tajpuriya 

 

ADVERTISEMENT

Who is Tillu Tajpuriya ? : टिल्लू और गोगी अच्छे खिलाड़ी होने के बाद साथ-साथ पक्के दोस्त भी थे। 12 वीं पास करने के बाद टिल्लू और गोगी दोनों ने दिल्ली के स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में स्पोटर्स कोटे से एडमिशन लिया। 2007 में दोस्ती और गहरी होती चली गई। जितेंद्र शुरू से ही वॉलीबॉल और एथलेटिक्स का बढ़िया खिलाड़ी था। खेल के साथ-साथ दोनों ने ये फैसला किया कि वो कॉलेज का इलेक्शन लडे़ंगे। नाम कमाएंगे। इस दौरान छात्र संघ चुनाव आ गया। दोनों ने चुनाव लड़ा। बस यहीं से दोनों के बीच दुश्मनी की नींव पड़ गई। टिल्लू चाहता था कि गोगी इलेक्शन न लडे़, जब कि गोगी इसके उलट चाहता था।

वो कहते हैं न कि बदमाश को या तो पुलिस की गोली मारती है या फिर दूसरे बदमाश की

इसी बात को लेकर दोनों के बीच रिश्ता खराब हो गया। और इतना खराब कि ये दुश्मनी गैंगवॉर में बदल गई। कभी दोनों एक ही गैंग का हिस्सा थे, लेकिन कॉलेज चुनाव में दो फाड़ के बाद साल 2012 में अलग हो गए। दोनों के अलग-अलग दोस्त थे, जो अब एक-दूसरे के दुश्मन बन गए। साल 2013 आते-आते जितेंद्र उर्फ गोगी और सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया के बीच गैंगवॉर और तेज हो गई। सुनील मान आउटर दिल्ली और हरियाणा में एक्टिव था। न तो पुलिस कुछ कर पा रही थी और न ही गैंग के बदमाश रुक रहे थे। हालांकि सूत्र बताते हैं कि पुलिस अंदर से इस बात से खुश थी कि गैंग के लोग आम लोगों को निशाना न बना कर एक-दूसरे की ही हत्याएं कर रहे हैं और पुलिस का काम आसान कर रहे हैं।

दोनों गैंग हत्या, उगाही, और लूटपाट की कई वारदातों को अंजाम देने लगे। दुश्मनी बढ़ती चली गई। उस दौरान दोनों गैंग ने एक-दूसरे के सदस्यों को निपटाना शुरू कर दिया था। साल 2015 आते-आते दोनों एक-दूसरे को अपना दुश्मन नंबर 1 समझते थे। अब बात यहां तक पहुंच गई कि दोनों ही एक-दूसरे का कत्ल करना चाहते थे। यहां लड़ाई अब 'इज्जत' की थी।

टिल्लू ताजपुरिया (kon ha tillu Tajpuria)

 

सबसे पहले 2015 में इस गैंगवार में गोगी गैंग ने दीपक उर्फ राजू को मारा, जिसके बाद से हत्याओं का सिलसिला शुरू हो गया। दोनों गैंग की लड़ाई में अब तक कुल 25 लोग मारे जा चुके हैं।

टिल्लू 2016 से जेल में बंद था। उसे 2016 में सोनीपत पुलिस ने उसे एक मर्डर के आरोप में रोहतक से गिरफ्तार किया था। टिल्लू ताजपुरिया पर 11 केस दर्ज थे, जिसमें 3 केस मर्डर के हैं। 2018 में टिल्लू ताजपुरिया और उसके गैंग के लोगों पर मकोका भी लगाया गया था। वो नीरज बवाना, सुनील राठी गैंग से भी जुड़ा हुआ था।

टिल्लू ताजपुरिया और गोगी

टिल्लू की नजदीकियां थी नीरज बवाना गैंग से

दिल्ली में कुख्यात गैंगस्टर नीतू दाबोदिया का साल 2013 में एनकाउंटर हो गया था। इसमें नीरज बवानिया का नाम सामने आया था। उसे अरेस्ट कर तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। जेल में टिल्लू की दोस्ती दिल्ली के कुख्यात गैंगस्टर नीरज बवाना से हुई। कहते हैं न कि जेल में एक बदमाश दूसरे से इसलिए दोस्ती करता है ताकि वो अपने दुश्मन को निपटा सके। कुछ ऐसा ही हुआ। टिल्लू नीरज के सिंडिकेट का हिस्सा हो गया। इसके पीछे वजह साफ थी कि टिल्लू चाहता था कि गोगी को तभी खत्म किया जा सकता है, जब वो किसी बड़े गैंग का हिस्सा बन जाए। इस वजह से उसने नीरज से हाथ मिलाया, लेकिन नीरज क्यों गोगी के खिलाफ था? दसअसल, वो भी उसका वर्चस्व खत्म करना चाहता था।

ऐसा भी कहा जाता है कि टिल्लू को तिहाड़ में मारने की साजिश रची गई थी। ये साजिश रची थी लॉरेन्स बिश्नोई और जग्गू भगवानपुरिया गैंग ने। ये दोनों टिल्लू की हत्या की फिराक में थे। ऐसा कहा जाता है कि लॉरेन्स बिश्नोई की नजदीकियां गोगी से थी।

इस बीच गोगी भी जेल पहुंच गया। बात 2018 की है। दिल्ली के बुराड़ी इलाके में गैंगवॉर हुई। ताबड़तोड़ गोलियां चली। दिल्ली के कुख्यात गोगी और टिल्लू गैंग के बीच गैंगवार में रास्ते से गुजर रही एक महिला समेत तीन लोगों की मौत हो गई। गैंगवार में सात और लोग जख्मी हुए। इसकी पहल की गोगी गैंग ने। एक जिम से कुछ युवक बाहर निकले। वे पास खड़ी स्कॉर्पियो में सवार हो रहे थे , तभी एक फॉरच्यूनर कार उनके पास रुकी। फॉरच्यूनर कार में गोगी गैंग के लोग सवार थे। इसमें सवार बदमाशों ने स्कॉर्पियो सवार युवकों पर फायरिंग शुरू कर दी। स्कॉर्पियो में टिल्लू गैंग के लोग थे। गोली लगने से स्कॉर्पियो में सवार एक युवक की मौत हो गई, जबकि गाड़ी में सवार अन्य युवक जान बचाने के लिए भागने लगे। बचाव में दूसरे पक्ष के सदस्यों ने भी फायरिंग की। तभी रास्ते से गुजर रही एक महिला को गोली लग गई।

इसके बाद बदले की आग में टिल्लू गैंग पागल हो गया था। उनका मकसद था जितेंद्र गोगी की हत्या करना। दोनों जेल में थे। साल 2021 में टिल्लू गैंग ने इस कारनामे को अंजाम दे ही दिया। जगह थी रोहिणी कोर्ट। अब बारी थी टिल्लू की। उनके गुर्गों ने कोर्ट के अंदर ही गोगी की हत्या कर दी। इस कांड में तीन लोगों की मौत हुई। इसके अलावा और भी कई संदेश साफ़ थे जो इशारा कर रहे थे कि गोगी की मौत के बाद दिल्ली- एनसीआर में खून खराबा और बढ़ेगा, क्योंकि गोगी की हत्या से लारेंस खेमा सदमें में था। पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से गोगी की मौत के बाद रातों रात दिल्ली के तिहाड़ जेल नंबर 1 से गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई और मंडोली 15 नंबर जेल से गैंगस्टर संपत नेहरा को राजस्थान की जेल में शिफ्ट किया था। संपत नेहरा मंडोली में उसी जेल में बंद था, जहां गोगी की मौत का आरोपी टिल्लू ताजपुरिया बंद था।

अब गोगी मर गया था, लेकिन बदले की आग नहीं। गुर्गों ने अब जिम्मा उठाया था टिल्लू को मारने का और मंगलवार को टिल्लू का भी खात्मा कर दिया गया। चार बदमाशों ने टिल्लू की तिहाड़ जेल में ही मार डाला। तो क्या अब इसके पीछे गोगी गैंग और लारेंस बिश्नोई का हाथ है, इसकी तहकीकात भी की जा रही है?

अब सवाल ये है कि जिन्होंने गैंग बनाया था, यानी टिल्लू और गोगी ने,  दोनों ही इस दुनिया में नहीं है। ऐसे में आने वाले वक्त में क्या इस गैंगवार का अंत होगा, ये कहा नहीं जा सकता है?

क्या गोगी गैंग के साथ था लॉरेंस बिश्नोई गैंग?

पता चला है कि गोगी ने अतीक के हत्यारे सन्नी को हमीरपुर से बुलाकर जिगाना पिस्टल दी थी और दिल्ली की कोर्ट में अपने दुश्मन टिल्लू ताजपुरिया को मारने का टारगेट दिया था। कहा जाता है कि जितेंद्र गोगी गैंग और लॉरेंस बिश्नोई गैंग के बीच एक समझौता भी हुआ था।

अब ये बात सामने आ रही है कि टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के लिए गोल्डी बराड़ ने जिम्मेदारी ली है। यानी इससे ये साफ हो रहा है कि गोगी के साथ मिलकर लारेंस भी टिल्लू की हत्या करवाना चाहता थे, लेकिन सवाल बरकरार है और वो है क्यों? तो क्या अब नीरज बवाना vs लॉरेंस बिश्नोई गैंग के बीच गैंगवार होगी ? ये भी सवाल कायम है। 
 

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT

    ऐप खोलें ➜