मामूली चिंगारी से ऐसे जलकर राख हुआ राजकोट का TRP गेम जोन, CCTV ने दिखा दिया पूरा सच
Rajkot TRP Game Zone Case: गुजरात के राजकोट में टीआरपी गेम जोन में ये आग कैसे भड़की और कैसे देखते ही देखता खेल का मैदान श्मशान घाट बन गया ये सब कुछ उस सीसीटीवी फुटेज को देखकर समझा जा सकता है जो पहली बार सामने आया है। सीसीटीवी में गेम जोन को चलाने वाले संचालकों के साथ साथ स्थानीय प्रशासन की लापरवाही की पूरी दास्तां कैद है
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Rajkot, Gujarat: गुजरात के राजकोट के टीआरपी गेम जोन की आग अब भी उन तमाम लोगों के सीने में धधक रही है जिनके अपने इस जानलेवा आग का शिकार बन गए। इसी बीच टीआरपी गेम जोन का वो सीसीटीवी भी सामने आ गया जिसके जरिए आसानी से देखा और समझा जा सकता है कि कैसे एक मामूली सी चिंगारी ने तबाही की आग बनकर करीब करीब तीन दर्जन लोगों की जिंदगी का सब कुछ कुछ स्वाहा कर दिया। पहली बार राजकोट स्थित TRP गेम जोन का CCTV फुटेज सामने आया।
फुटेज ने खोला सच
फुटेज में देखने से पता चलता है कि एक्सटेंशन एरिया में वेल्डिंग की वजह से ही आग लगी थी और परिसर में मौजूद फायर एक्सटिंग्युशर्स का उपयोग भी किया गया था पर वो आग की इंटेंसिटी के आगे काम नहीं आया। TRP गेम जोन में शनिवार की शाम करीब 4.30 बजे भीषण आग लग गई थी और इस हादसे में 12 बच्चों समेत 27 लोगों की जलकर मौत हो गई। कहा भी यही जा रहा है कि अगर फायर फाइटिंग सिस्टम लगा होता तो इस आग को बेकाबू होने से रोका जा सकता था।
गेम जोन में कितने लोग थे ये रहस्य है
इस घटना में 25 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया था। इस घटना में मृतकों के शव इतनी बुरी तरह झुलसे हुए हैं कि उनकी शिनाख्त नहीं हो सकी। प्रशासन ने कहा है कि शवों की पहचान के लिए उनका डीएनए टेस्ट किया जाएगा। आग पर तीन घंटे में काबू पाया गया था। हालांकि प्रशासन अबतक यह नहीं बता पाया है कि आग लगने के वक्त गेम जोन में कितने लोग मौजूद थे।
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फायर एनओसी नहीं था
जानकारी में ये बात भी सामने आई है कि टीआरपी गेम जोन के पास फायर एनओसी तक नहीं थी। स्टैंडिंग कमेटी चेयरमैन जैमिन ठाकर ने कहा कि जो भी इसके लिए जिम्मेदार होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा। राजकोट पुलिस कमिश्नर राजू भार्गव ने बताया कि टीआरपी गेम जोन के मालिक और मैनेजर सहित दो अन्य लोगों को हिरासत में लिया गया है और पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। जानकारी के मुताबिक कनाडा से लौटे एक युवक उसकी होने वाली पत्नी और साली भी इस अग्निकांड का शिकार बने
गनीमत रही आग पेट्रोल तक नहीं पहुँची
मिली जानकारी के मुताबिक, शनिवार के दिन गेमिंग जोन में बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। TRP गेम जोन में प्रवेश और बाहर निकलने के लिए 6 से 7 फीट का एक ही रास्ता था. इसके अलावा टीआरपी गेम जोन में 1500 से 2000 लीटर डीजल जनरेटर के लिए रखा हुआ था, गो कार रेसिंग में इस्तेमाल होने वाली कारों के लिए भी 1000 से 1500 लीटर पेट्रोल रखा था. ग़नीमत रही कि आग पेट्रोल - डीजल के जत्थे तक नहीं पहुंची, वरना मौत का आंकड़ा और भी अधिक पहुंच सकता था
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