अमृतपाल सिंह से जुड़ी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर हाई कोर्ट में अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी

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अमृतपाल सिंह से जुड़ी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर हाई कोर्ट में अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी
अमृतपाल सिंह से जुड़ी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर हाई कोर्ट में अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी
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Amritpal Singh Latest Update: पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय अमृतपाल सिंह से संबंधित एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर 24 अप्रैल को सुनवाई करेगा। रासुका के तहत हिरासत में लिए गए अमृतपाल सिंह द्वारा याचिका पर भी सुनवाई की अगली तारीख भी यही है।

दिल्ली सरकार ने मंगलवार को कहा था कि अमृतपाल के सहयोगियों दलजीत सिंह कलसी, गुरमीत सिंह, कुलवंत सिंह, वरिंदर सिंह फौजी, भगवंत सिंह और बसंत सिंह के रिश्तेदारों की याचिका पर सुनवाई 24 अप्रैल को होगी।

रासुका के तहत हिरासत में लिये गये व्यक्तियों के रिश्तेदारों ने इससे संबंधित आदेश रद्द करने का अनुरोध किया है।

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न्यायमूर्ति एन एस शेखावत की पीठ ने बुधवार को जैसे ही सुनवाई शुरू की, अमृतपाल के कानूनी सलाहकार एवं याचिकाकर्ता इमान सिंह खारा ने एक अर्जी देकर इस मामले में केंद्र सरकार से जवाब मांगने का अदालत से अनुरोध किया।

खारा ने अदालत में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर दावा किया कि अमृतपाल पुलिस की ‘अवैध हिरासत’ में है। हालांकि, पंजाब सरकार ने अदालत से पिछली सुनवाई में कहा था कि तमाम कोशिशों के बावजूद अमृतपाल को अब तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।

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बुधवार को सुनवाई के बाद संवाददाताओं से बातचीत में खारा ने कहा कि न्यायाधीश ने मामले में सुनवाई के लिये अगली तारीख 24 अप्रैल तय की है। अदालत रसुका के तहत हिरासत में लिये गये अमृतपाल के सहयोगियों के रिश्तेदारों द्वारा दायर याचिका पर भी इसी दिन सुनवाई करेगी।

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अमृतपाल सिंह से जुड़े मामले में 29 मार्च को सुनवाई के दौरान, अदालत ने खारा से इस बारे में सबूत पेश करने को कहा था कि कट्टरपंथी उपदेशक अवैध हिरासत में है, जबकि सरकार का यह कहना है कि उपदेशक को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।

खारा ने अपनी याचिका में कथित पुलिस हिरासत से अमृतपाल को अदालत में पेश करने का अनुरोध किया है।

इससे पहले 21 मार्च को उच्च न्यायालय ने खुफिया तंत्र की विफलता को लेकर पंजाब सरकार को फटकार लगाई थी क्योंकि इसी कारण खालिस्तान समर्थक अमृतपाल पुलिस को चकमा दे सका था।

पुलिस ने पिछले महीने अमृतपाल और उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के सदस्यों के खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू किया था।

खालिस्तान समर्थक को पकड़ा जाना अभी बाकी है। वह 18 मार्च को जालंधर जिले में पुलिस को चकमा देकर भाग गया था।

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