जिसकी चिता जला दी तीन दिन बाद आया उसी बेटी का वीडियो कॉल, बोली, पापा! मैं ज़िंदा हूं....

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मधेपुरा में चिता जलाने के तीन दिन बाद आया लड़की का वीडियो कॉल
मधेपुरा में चिता जलाने के तीन दिन बाद आया लड़की का वीडियो कॉल
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Shocking Event: कहते हैं कि जब तक आदमी जिंदा होता है, वो हंसता मुस्कुराता रोता गाता सब तरह से अच्छा ही लगता है और बर्दाश्त भी हो जाता है, लेकिन अगर वही शख्स मरने के बाद आपसे बात करे तो यकीन जानिए उसे देख सुनकर आपकी और आपके आस पास तमाम लोगों की हालत खराब हो जाएगी, फिर चाहें बात करने वाला कितना ही आपका अपना अजीज क्यों न हो। ऐसा ही कुछ हैरान करने वाला किस्सा सामने आया है बिहार के पूर्णिया से। यहां एक शव का अंतिम संस्कार करने के बाद जब एक कॉल आई तो घर के मुखिया समेत तमाम लोगों के होश फाख्ता हो गए। 

बेटी के शव का अंतिम संस्कार

असल में पूर्णिया में एक शख्स ने एक अनजान शव को अपनी ही बेटी का शव समझकर उसका अंतिम संस्कार (funeral was also held) कर दिया। लेकिन तीन दिन के बाद जब उसी बेटी की वीडियो कॉल आई तो पिता समेत तमाम घर के लोगों की हालत खराब हो गई। 

चिता जलाने के तीन दिन बाद आया मरी हुई लड़की का वीडियो कॉल

पुलिस ने जारी की थी एक तस्वीर

मामला पूर्णिया के रुपौली थाना इलाके का है। यहां अकबरपुर में तुलसी बिशनपुर के रहने वाले विनोद मंडल की बेटी अचानक लापता हो गई थी। कई रोज तलाश करने के बाद भी वो नहीं मिली। इसी बीच अकबरपुर पुलिस ने एक फोटो और एक वीडियो जारी किया था। वीडियो में जो लड़की नजर आ रही थी और जिस रंग का उसने सलवार सूट पहन रखा था, तो उसे देखकर विनोद मंडल ने उसे अपनी ही बेटी की लाश के तौर पर पहचान कर ली और अपनी शिनाख्त दे दी। 

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तीन दिन बाद आई वीडियो कॉल

पुलिस ने भी शव की बरामदगी के बाद पोस्टमॉर्टम की रस्म अदायगी की और शव को वापस परिजनों को सौंप दिया गया। परिजन शव को लेकर घर आए और फिर उसका अंतिम संस्कार कर दिया। घर के लोग मातम में डूबे थे और रिश्तेदारों का आने का सिलसिला बना हुआ था कि तभी तीन रोज बाद विनोद मंडल के पास एक वीडियो कॉल आई। और वीडियो काल देखते ही विनोद थर थर कांपने लगे क्योंकि वीडियो में नज़र आ रही लड़की कोई और नहीं उनकी अपनी बेटी अंशू थी जिसकी तलाश में उन्होंने जमीन और आसमान एक कर दिया था और बाद में एक शव की शिनाख्त करके उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया था। 

पापा मैं जिंदा हूं

वीडियो कॉल करने वाली लड़की ने कहा, पापा मैं जिंदा हूं, मैने लव मैरिज कर ली है। और फिर उस अंशू ने उस वीडियो कॉल में अपने घर से लापता होने की सारा दास्तां कहकर सुना दी। उसने बताया कि उसने जिससे लव मैरिज की है वो जानकी नगर के रुपौली में रहता है। साथ ही अंशू ने अपने पिता को हौसला देते हुए कहा था कि वो उसकी चिंता न करें वो अब अपने जीवन साथी के साथ खुश है। उसका नाम उसने बिरंजन सिंह बताया। 

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अब दुविधा में पड़ी पुलिस

इस एक वीडियो कॉल ने एक ही झटके में कई काम कर डाले। जिस घर में मातम पसरा हुआ था वहां खुशियां चहकने लगीं। और अपनी बेटी का वीडियो कॉल पाकर विनोद कुमार मंडल की खराब हालत अचानक उनकी खुशियों में चमक उठी। मगर इस एक वीडियो कॉल ने अब उन पुलिसवालों की हालत खराब कर दी जिन्होंने लड़की का पोस्टमॉर्टम कराने के बाद शव को विनोद मंडल को सौंप दिया था। क्योंकि अब पुलिस के लिए ये बात एक चुनौती बन गई है कि आखिर वो मरने वाली लड़की कौन थी। अगर वो विनोद मंडल की बेटी नहीं थी तो फिर कौन थी। इसके बाद पुलिस ने फिर से नए सिरे से तफ्तीश शुरू की तो खुलासा हुआ कि नदी से मिला शव मधेपुरा जिला के चौसा थाना इलाके में एक महिला का था। बाद में पुलिस जब उस महिला के घर का पता लगाते हुए वहां पहुँची तो खुलासा हुआ उस महिला के घरवाले भी कई दिनों से लापता हैं। इसके बाद पुलिस ने अपनी तफ्तीश को आगे बढ़ाया तो पता चला कि मरने वाली लड़की का नाम अंजलि है और वो परमानंद शर्मा की बेटी है। 

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