सिंघु बॉर्डर पर आंदोलनकारियों के मंच के पास लटका मिला युवक का शव, बैरिकेड से लटका मिला शव, हाथ कटे थे
The dead body of a young man was found hanging near the stage of the agitators on the Singhu border.
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सिंघू बार्डर (Singhu Border) पर जहां किसान आंदोलन कर रहे हैं, वहां युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला सामने आया है। शुुरुआती तौर पर इसे हत्या का मामला माना जा रहा है। अब संयुक्त किसान मोर्चा ने दावा किया है कि इस हत्या के पीछे निहंग सिख हैं। उन्होंने ही उस शख्स का हाथ काटा और जान ली। फिलहाल पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। मारे गए शख्स की पहचान हो गई है। मृतक का नाम लखबीर सिंह है। उनके पिता का नाम दर्शन सिंह था लेकिन 6 महीने की उम्र में फूफा हरनाम सिंह ने लखबीर सिंह को गोद ले लिया था। लखबीर सिंह पेशे से मजदूर थे और उनकी उम्र 35-36 साल थी। SC जाति के लखबीर सिंह तरन-तारान जिले के चीमा खुर्द गांव के रहने वाले थे। उनके माता-पिता की मौत हो चुकी है। परिवार में अब सिर्फ एक विधवा बहन (राज कौर) है। उनकी पत्नी जसप्रीत कौर साथ में नहीं रहती थी। वह उनके तीन बच्चों को लेकर अलग रहती हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा - निहंग सिखों का काम
दूसरी तरफ संयुक्त किसान मोर्चा ने खुद को निहंग सिखों से अलग कर लिया है और कहा कि वह जांच में पुलिस का पूरा सहयोग देंगे। इसके अलावा सुबह एक आपातकालीन मीटिंग भी बुलाई गई है, जिसमें इस घटना पर बात होगी। मीटिंग में संयुक्त किसान मोर्चा की कॉर्डिनेशन कमेटी के सात सदस्य शामिल होंगे।
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शख्स का काटा था हाथ
बता दें कि उस शख्स का हाथ काटकर शव को बैरिकेड से लटकाया गया था। आंदोलनकारी शुरुआत में पुलिस को भी मुख्य मंच के पास नहीं जाने दे रहे थे। हालांकि, बाद में कुंडली थाना पुलिस ने शव को उतारा और सिविल हॉस्पिटल लेकर पहुंची। 35 साल के उस शख्स के शरीर पर धारदार हथियार से हमले के निशान मिले हैं, जिस युवक को मारा गया है उसका हाथ कलाई से काट दिया गया है।
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पुुलिस का बयां
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डीसीपी हंसराज ने कहा, 'कुंडली, सोनीपत बॉर्डर पर जहां किसानों का प्रदर्शन चल रहा है। वहां सुबह पांच बजे एक शव लटका मिला। उसके हाथ और टांग कटी हुई थी। हत्या किसने की यह फिलहाल साफ नहीं है। अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है। एक वीडियो भी वायरल है, जिसकी जांच हो रही है।'
बीजेपी का पक्ष
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय (Amit Malviya) ने सिंघु बॉर्डर की घटना पर राकेश टिकैत पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा, 'राकेश टिकैत ने योगेंद्र यादव के साथ लखीमपुर में हुई मॉब लिंचिंग को जायज ठहराया था। कुंडली बॉर्डर पर हुई हत्या पर वह चुप हैं।किसानों के नाम पर आंदोलन में हो रही अराजकता का पर्दाफाश होना चाहिए।'
जब से आंदोलन हो रहा था, तब से लेकर अब तक कई किसानों की मौत हो चुकी है। गौरतलब है कि किसान पिछले काफी समय से दिल्ली के तीन बार्ड्स पर बैठे हुए हैं। ये बार्डर है गाजीपुर, टिकड़ी और सिंधु बार्डर। केंद्र सरकार की ओर से पारित किए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर 26 नवंबर से किसान आंदोलन शुरू हुआ था। तभी से किसान इसका विरोध कर रहे है और कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे है।
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