तालिबान की दस्तक से अफगानिस्तान के लोगों की रुह कांप रही है, ऐसे मचाई थी 20 साल पहले हैवानियत
terror story of taliban
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ऐसी है तालिबान की दहश्त
तालिबान का दावा है कि उसने अफगानिस्तान के 85 फीसदी इलाकों पर कब्जा कर लिया है.ऐसे में दहशत तो होनी ही थी.और हुई भी.क्योंकि तालिबान की दस्तक से अफगानिस्तान के लोगों की रुह कांपने लगती है.तालिबान का इतिहास ही ऐसा रहा है कि उसके डर से लोगों के रोएं खड़े हो गए हैं.लेकिन तालिबान के हौसले बुलंद हैं और वो पाकिस्तान की मदद से कभी भी पूरे अफगानिस्तान को अपनी गिरफ्त में लेने को बेकरार है. अगर ऐसा हुआ तो फिर अफगानिस्तान की महिलाओं का क्या होगा.क्या तालिबान उन्हें फिर से पाबंदियों की बेड़ियां पहना देगा.क्योंकि तालिबान ने पिछली बार कुछ ऐसा ही किया था.जब तालिबान का कानून ना मानने वालों को ऐसी सजा मिलती थी.जो किसी ने सोची तक नहीं होगी.
तालिबान का 20 साल पहले का राज कोई भूला नहीं है
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तालिबान के जुल्म का गवाह रह चुके लोग तालिबान की फितरत जानते हैं.उन्हें तालिबान की ये चाल अच्छे से समझ में आ रही है.इसीलिए तो यहां दहशत है.लोगों ने घर से बाहर निकलना छोड़ दिया है.अफगानिस्तान की महिलाएं डरी हुई हैं.क्योंकि तालिबान का 20 साल पहले का राज कोई भूला नहीं है.तालिबान नाम का खतरा कंधार शहर के बाहर खड़ा है और शहर के अंदर रहने वाले लोगों की जान निकल रही है.कई लोग तो दहशत के मारे पलायन कर रहे हैं, या सोच रहे हैं, डरे हुए हैं. सबसे ज्यादा बुरा हाल कंधार की महिलाओं का है.
तालिबान लोगों के साथ कैसा सलूक करेगा?
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तालिबान को लेकर लोगों में डर तो है कि आखिर लोगों के साथ कैसा सलूक करेगा और दुनिया भी यही देखना चाहती है इसलिए हालात का जायजा लेने जब इंडिया टुडे की टीम पहुंची कंधार के एक बाजार में.जहां पर बाजार में महिलाएं खरीददारी करती दिखीं.जब कंधार के बाजार में जो भी महिला दिखी वो पूरी तरह से बुर्के में थी.जैसा तालिबान के शासन में हुआ करता था.लेकिन कम से कम वो बाजार में नजर तो आ रही थी.वो इसलिए क्योंकि कंधार और काबुल फिलहाल तालिबान के चंगुल से बाहर हैं.इसीलिए वहां बाजारों में महिलाओं को इस तरह से अकेले घूमने फिरने की छूट है.लेकिन महिलाओं की चुप्पी डराने वाली है.तालिबान को लेकर ये डर जायज़ भी है.
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क्या तालिबान 85% फीसदी अफगानिस्तान को निगल चुका है?
क्योंकि दुनिया का सबसे खूंखार आतंकवादी संगठन 85% फीसदी अफगानिस्तान को निगल चुका है और अब वो जल्द से जल्द बाकी हिस्से को भी अपने कब्जे में लेना चाहता है.20 साल पहले तालिबान के राज में महिलाओं पर जुल्म करने के ढेरों वीडियो इसके गवाह हैं.जिसमें महिलाओं की दलील सुने बिना सरेआम गोली से उड़ा दिया जाता था.यही खौफ अब दोबारा अफगानिस्तान के सामने लौट आया है क्योंकि पिछले 20 सालों में अफगानिस्तान में महिलाओं का जीवन काफी आगे बढ़ा है.और उन्होंने नए-नए क्षेत्रों में अपनी राह बनाई है.लेकिन तालिबान के लौटने की आहट से ही उनकी जिंदगी खतरे में दिखाई देने लगी है.क्योंकि तालिबान के आने का मतलब सिर्फ बर्बादी है.
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