एंकर न्यूज पढ़ रही थी और बीच बुलेटिन में मोबाइल पर आ गया तालिबान के आतंकी की कॉल

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हालांकि न्यूज एंकर यालदा ने पूरी स्थिति को बहुत ही अच्छी तरीके से संभाला। यालदा ने तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन का फोन उठाने के बाद माइक्रोफोन पर रख दिया और उन्हें अपनी बात बोलने के लिए कहा। सुहैल शाहीन के मुताबिक अफगानिस्तान में स्थिति बिल्कुल नियंत्रण में हैं और किसी के साथ बदला लेने की कोई योजना नहीं है।

अपनी छवि को चमकाने के लिए तालिबान के प्रवक्ता ने यहां तक कह दिया कि वो तो लोगों के नौकर हैं जो उनकी और देश की सेवा करने आए हैं। तालिबान प्रवक्ता ये सब बात अफगानी मूल की उस एंकर के सामने कह रहे थे जिन्हें खुद अफगानिस्तान से भागकर आस्ट्रेलिया जाना पड़ा। सिडनी में पत्रकारिता का पढ़ाई खत्म करने के बाद साल 2012 में यालदा हाकिम ने बीबीसी में नौकरी की शुरुआत की थी।

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करीब आधे घंटे चले इंटरव्यू में में यालदा ने सुहैल शाहीन से कई सवाल पूछे । यालदा ने अफगानिस्तान में मची अफरातफरी के बारे में पूछा तो सुहैल शाहीन ने जवाब दिया कि हम अफगानिस्तान के लोगों को भरोसा दिलाते हैं कि अफगानिस्तान में हर कोई सुरक्षित है।

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सुहैल शाहीन ने यालदा से बात करते हुए कहा कि अफगान सरकार में अफगानिस्तान के हर कबीले के लोगों को शामिल किया जाएगा। सुहैल शाहीन ने ये भी साफ-साफ नहीं बताया कि पहली सरकारी की तरह क्या तालिबान इस बार भी लोगों की सार्वजनिक हत्या और सजा देना जारी रखेंगे। सुहैल के मुताबिक वो तो बनने वाली सरकार के जज तय करेंगे कि दोषी लोगों की हत्या चौक-चौराहे पर की जाएगी या नहीं।

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को दो दिन का वक्त बीत गया लेकिन अभी तक हर कोई संदेह में है कि आगे क्या होगा? अफगानिस्तान के भविष्य को लेकर अभी तक हर कोई कयास ही लगा रहा है। तालिबान ने एक बार फिर अफगानी न्यूज चैनल टोलो न्यूज की महिला एंकर को न्यूज पढ़ने की इजाजत दे दी है।

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अपनी छवि को चमकाने के लिए अफगानी न्यूज चैनल टोलो न्यूज की एक महिला एंकर ने तालिबान के एक नेता का इंटरव्यू भी किया।ये सब कर के तालिबान दिखाना चाहते हैं कि वो नए जमाने के तालिबान हैं और उन्हें भी महिलाओं के अधिकारों का पूरा ख्याल है।

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तालिबान ने बयान जारी कर महिलाओं को सरकार में शामिल होने का न्यौता भी दिया है। भारत में पढ़ रही कई अफगानी लड़कियों के मुताबिक तालिबान की कथनी और करनी में बहुत अंतर है पिछली बार भी उन्होंने महिलाओं के हकों की बात कही थी लेकिन फिर कुछ दिन बाद अपनी बात से मुकर गए। उनके मुताबिक जैसे ही तालिबान सरकार में पैठ बना लेते हैं वो अपने असली रुप में वापस आ जाएंगे।

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