TAJ MAHAL CONTROVERSY :'आप मानते हैं कि ताजमहल को शाहजहां ने नहीं बनाया है? क्या हम यहां कोई फैसला सुनाने आए हैं?'

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TAJ MAHAL CONTROVERSY :'आप मानते हैं कि ताजमहल को शाहजहां ने नहीं बनाया है? क्या हम यहां कोई फैसला ...
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नलिनी शर्मा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

TAJ MAHAL CONTROVERSY LUCKNOW BENCH : ताजमहल के 22 कमरों को खोलने की याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई जारी है। इस दौरान जस्टिस डीके उपाध्याय ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा, 'जनहित याचिका (PIL) व्यवस्था का दुरुपयोग न करें, कल आप आएंगे और कहेंगे कि हमें माननीय जज के चेंबर में जाने की अनुमति चाहिए।'

क्या क्या हुआ कोर्ट में ?

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हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा, 'आप मानते हैं कि ताजमहल को शाहजहां ने नहीं बनाया है? क्या हम यहां कोई फैसला सुनाने आए हैं? जैसे कि इसे किसने बनवाया या ताजमहल की उम्र क्या है? आपको जिस टॉपिक के बारे में पता नहीं है, उस पर रिसर्च कीजिए, जाइए एमए कीजिए, पीएचडी कीजिए, अगर आपको कोई संस्थान रिसर्च नहीं करने देता है तो हमारे पास आइए।'

हाई कोर्ट ने साफ किया कि हम इस याचिका की सुनवाई टालेंगे नहीं, आपने ताजमहल के 22 कमरों की जानकारी किससे मांगी? याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि हमने अथॉरिटी से जानकारी मांगी। इस पर हाई कोर्ट ने कहा, 'अगर उन्होंने कहा है कि सुरक्षा कारणों से कमरे बंद हैं तो यह जानकारी है, अगर आप संतुष्ट नहीं हैं तो इसे चुनौती दें। कृपया एमए में अपना नामांकन कराएं, फिर नेट, जेआरएफ के लिए जाएं और अगर कोई विश्वविद्यालय आपको ऐसे विषय पर शोध करने से मना करता है तो हमारे पास आएं।'

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याचिकाकर्ता ने कहा कि कृपया मुझे उन कमरों में जाने की अनुमति दें। इस पर हाई कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, 'कल आप आकर हमें माननीय जजों के चैंबर में जाने के लिए कहेंगे? कृपया जनहित याचिका प्रणाली का मजाक न बनाएं, यह याचिका कई दिनों से मीडिया में घूम रही है और अब आप समय मांग रहे हैं? ' अब 2 बजे सुनवाई होगी।

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