रामचरितमानस की प्रतियां जलाने से स्वामी प्रसाद मौर्या का इनकार

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रामचरितमानस की प्रतियां जलाने से स्वामी प्रसाद मौर्या का इनकार
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UP Crime : रामचरितमानस की प्रतियां जलाने से स्वामी प्रसाद मौर्या ने इनकार कर दिया है। ऐसे में देखना होगा कि पुलिस ऐसी स्थिति में अब क्या करती है?

दरअसल, रामचरितमानस की प्रतियां फाड़ने और जलाने को लेकर लखनऊ के पीजीआई थाने में स्वामी प्रसाद मौर्या समेत 10 अन्य आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर में माहौल बिगाड़ने, धार्मिक भावनाएं भड़काने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। स्वामी प्रसाद मौर्या के अलावा यशपाल सिंह लोधी, देवेंद्र यादव, महेंद्र प्रताप यादव, नरेश सिंह, एसएस यादव, सुजीत ,संतोष वर्मा, सलीम समेत ज्ञात को आरोपी बनाया गया है।

क्या था पूरा मामला?

दरअसल, रामचरितमानस पर समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने विवादास्पद टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था, 'अगर कोई हिंदू संत मेरा सिर काटने की बात करे तो मैं इन्हें शैतान, जल्लाद, आतंकी क्यों न समझूं।' इस पर अयोध्या के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने पलटवार करते हुए कहा था कि स्वामी प्रसाद मौर्या पागल हो गए हैं और पागल की जगह जेल या पागलखाने में होती है।

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गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्या के बयां की चौतरफा निंदा हो रही है। अब यूपी सरकार भी एक्शन मोड में आई है। यही वजह है कि उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। ऐसे में अब मौर्या के इनकार के बाद पुलिस की मुश्किलें और बढ़ गई है।

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