Uphaar Cinema Fire: नई वेब सीरीज पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया
Uphaar Cinema: 1997 में हुए उपहार सिनेमा अग्निकांड पर बनी वेबसीरीज को रुकवाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया गया है। लोहड़ी में रिलीज होने वाली सीरीज पर रोक के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई।
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Delhi High Court News: दिल्ली के उपहार सिनेमा (Uphaar Cinema) हॉल में हुए अग्निकांड (Fire) को आज भी कोई नहीं भूला है। उस अग्निकांड का जिक्र आते ही दिल दहल जाते हैं। 13 जून 1997। यही वो तारीख थी जब दिल्ली (Delhi) के उपहार सिनेमा में आग लगी थी और बॉर्डर फिल्म (Border Film) देख रहे न जाने कितने परिवारों को अपने प्रियजनों को खोना पड़ गया था।
दिल्ली के ग्रीन पार्क इलाक़े की उस घटना के बाद से आजतक देश की राजधानी उन तमाम लोगों को कोई जवाब नहीं दे सके जिन्होंने उस फिल्म के शो के दौरान अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा नुकसान सहा था। सिनेमा घर में अचानक आग लग गई थी। और उस भीषण आग में 59 लोगों को जान चली गई थी।
उसी अग्निकांड और उसी त्रासदी पर बनी एक वेब सीरीज को 13 जनवरी को रिलीज किया जाना है। उसे रुकवाने के लिए उपहार सिनेमा के मालिक और इस अग्निकांड के सज़ा याफ्ता सुशील अंसल ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक अर्जी लगाई है।
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New Webseries News: उपहार सिनेमा हादसे पर आधारित नेटफ्लिक्स की नई वेब सीरीज 'ट्रायल बाय फायर' की रिलीज पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका सुशील अंसल ने दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल की है। हाईकोर्ट इस याचिका पर बुधवार को सुनवाई करेगा।
अंसल की दलील है कि इस सीरीज में सिनेमा मालिक के किरदार को बहुत घटिया और नैतिक रूप से गिरा हुआ दिखाया गया है। इसके साथ ही घटना क्रम के साथ भी मनमानी छेड़छाड़ की गई है।
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13 जनवरी को लोहड़ी पर रिलीज होने के तैयार वेब सीरीज 'ट्रायल बाई फायर' अपनी रिलीज से ऐन पहले ही विवादों में फंस गई है। दरअसल, साल 1997 में हुए उपहार सिनेमा अग्निकांड मामले में सजायाफ्ता रियल एस्टेट कारोबारी सुशील अंसल ने मंगलवार को इसी वेब सीरीज को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
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अंसल ने वेब सीरीज 'ट्रायल बाई फायर' की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की है। यह वेब सीरीज 13 जनवरी को नेटफ्लिक्स पर रिलीज होने जा रही है।
Uphaar Cinema Fire Web Series: अंसल ने इससे पहले इसी कांड पर इसी नाम से लिखी गई किताब ट्रायल बाई फायर: द ट्रेजिक ट्रेल ऑफ उपहार ट्रेजेडी पर भी रोक लगाने की गुहार लगाते हुए कोर्ट पहुंचे थे।
सुशील अंसल ने अपनी दलील में कहा है कि इन सबके जरिए उन्हें कानूनी और सामाजिक रूप से दंडित किया गया है। कहा जा रहा है कि ये सीरीज उपहार कांड में पीड़ित एक दंपति द्वारा लिखी गई किताब पर आधारित है। कृष्णमूर्ति दंपति ने अपने दो बच्चे उस अग्निकांड में खो दिए थे।
इस रिलीज से अंसल को अपूर्णीय क्षति होगी। उसकी प्रतिष्ठा और निजता के अधिकार का हनन होगा। 13 जून, 1997 को उपहार सिनेमा में हिंदी फिल्म 'बॉर्डर' की स्क्रीनिंग के दौरान भीषण आग लग गई थी। जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी।
जांच में उपहार प्रबंधन की अनेक लापरवाहियां और ज्यादा टिकटें बेच कर ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर में की गई अवैध काम की भी पोल खुली थी। बाद में अंसल के गुर्गों ने हाईकोर्ट स्टाफ के साथ मिलकर कोर्ट के दस्तावेजों में हेराफेरी भी की थी।
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