पेगासस जासूसी कांड पर सुप्रीम कोर्ट का बडा फैसला

ADVERTISEMENT

CrimeTak
social share
google news

जिस फैसले का इंतज़ार था वो आज सुप्रीम कोर्ट से आ गया, पेगासस जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट का अहम आदेश देते हुए इसकी जांच एक्सपर्ट कमेटी को सौंपने की बात कही है। इसे 8 हफ्ते के अंदर रिपोर्ट देनी है। बता दें कि कोर्ट में दायर याचिकाओं में स्वतंत्र जांच की मांग की गई थी। चीफ जस्टिस एनवी रमणा, जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने इसपर फैसला सुनाया, कोर्ट ने कहा कि लोगों की विवेकहीन जासूसी बिल्कुल मंजूर नहीं है।

अब सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जस्टिस आरवी रवींद्रन की अगुवाई में कमेटी का गठन किया है, जस्टिस रवींद्रन के साथ आलोक जोशी और संदीप ओबेरॉय इस कमेटी का हिस्सा होंगे। एक्सपर्ट कमेटी में साइबर सुरक्षा, फारेंसिक एक्सपर्ट, आईटी और तकनीकी विशेषज्ञों से जुड़े लोग होंगे। बेंच ने 13 सितंबर को मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा था कि वह केवल यह जानना चाहती है कि क्या केंद्र ने नागरिकों की कथित जासूसी के लिए अवैध तरीके से पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया या नहीं? केंद्र का कहना था कि यह सार्वजनिक चर्चा का विषय नहीं है और न ही यह ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के हित’ में है।

बता दें कि पेगासस जासूसी मामले में निष्पक्ष जांच के लिए 15 याचिकाएं दायर की गई थीं, ये याचिकाएं वरिष्ठ पत्रकार एन राम, सांसद जॉन ब्रिटास और यशवंत सिन्हा समेत कई लोगों ने दायर की थीं। अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूह ने खबर दी थी कि करीब 300 प्रमाणित भारतीय फोन नंबर हैं, जो पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिये जासूसी के संभावित निशाना थे।

यह भी पढ़ें...

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT