Sukesh Chandrashekhar: ओटीटी सीरीज देखने के बाद अपराधी बना था सुकेश!

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Sukesh Chandrashekhar: ओटीटी सीरीज देखने के बाद अपराधी बना था सुकेश!
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तनसीम हैदर और अरविंद ओझा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

Sukesh Chandrashekhar: छोटे-मोटे अपराधी अक्सर फिल्मों से आइडिया चुरा कर उन्हें जुर्म की दुनिया में इस्तेमाल करने की कोशिश करते हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि महाठगी के आरोपी सुकेश चंद्रशेखर ने भी अपने मनी लॉडिंग के खेल की शुरुआत एक ओटीटी सीरीज देखने के बाद ही की थी। जी हां, दिल्ली पुलिस ने सुकेश चंद्रशेखर के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में 134 पन्नों की जो चार्जशीट दाखिल की है, उसमें उसने कुछ ऐसा ही खुलासा किया है।

इस चार्जशीट में सुकेश की ठगी की पूरी मॉडस ऑपरेंडी के साथ-साथ उसकी जिंदगी का वो कच्चा-चिट्ठा कैद है, जिस पर पूरी की पूरी फिल्म बन सकती है। दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग यानी ईओडब्ल्यू की माने तो सुकेश और उसकी पत्नी लीना मारिया पॉल ने नेटफ्लिक्स पर ओजॉर्क नाम की एक वेब सीरीज देखने के बाद अलग-अलग किस्म के काम धंधों के जरिए ठगी से जुटाई गई काली कमाई को सफेद करने का काम शुरू किया था।

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दोनों ने इसके लिए एक-एक कर कई बिजनेस की शुरुआत की। ऊपरी तौर पर तो इन धंधों का मकसद किसी भी दूसरे कारोबार की तरह सीधे-साधे तरीके से पैसे बनाने का था, लेकिन असल में महाठगी की ये आरोपी जोडी इन अलग-अलग कारोबार के जरिए ब्लैक मनी को व्हाइट करने में जुटी थी।

इस जुगल जोडी ने सबसे पहले लीना मारिया पॉल के नाम पर एक सैलून की शुरुआत की। जिसका नाम रखा -- नेल आर्टिस्ट्री। इसके बाद एक-एक कर उन्होंने सुपर कार आर्टिस्ट्री, एलएस फिशरीज और न्यूज एक्सपेस पोस्ट जैसे कई संस्थान खोले और काले धन को सफेद करने लगे। इन संस्थानों में वो काला धन लगाते और उन्हें ग्राहकों से होनेवाली कमाई के तौर पर दिखाते और इस तरह उन्हें व्हाइट मनी में कनवर्ट कर देते।

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जांच में पुलिस को पता चला कि अकेले नेल आर्टिस्ट्री सैलून में ही मनी लॉडिंग के लिए दोनों ने अनगिनत बार कार्ड स्वाइप करके उसकी पेमेंट दिखाई। जबकि इतने कम वक्त पर इतना बिजनेस जुटा पाना किसी भी दूसरे कारोबारी के लिए तकरीबन एक नामुमकिन सी बात होती।

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दोनों ने अपने नाम के शुरुआती अक्षरों से ही अपने ज्यादातर बिजनेस की शुरुआत की। इनमें एल का मतलब लीना था। यानी लीना मारिया पॉल, जबकि एस का मतलब था सुकेश। यानी सुकेश चंद्रशेखर। जून 2020 से अगस्त 2021 के दौरान नेल आर्टिस्ट्री, सुपर कार आर्टिस्ट्री, एलएस फिशरीज, एलएस एडुकेशन, न्यूज एक्सपेस पोस्ट जैसे अलग-अलग फर्म में करोडों की रकम आई और वो लीना मारिया पॉल के बैंक खातों में जमा करवा दी गई। असल में ये सबकुछ इनकम टैक्स और फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट जैसे कानूनों को धोखा देने के लिए था। ताकि लोगों से ठगी गई रकम को वो बड़े आराम से अपने काम ले सकें।

दिल्ली पुलिस ने सुकेश के खिलाफ मकोका यानी महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट 1999 के तहत केस दायर किया था। मकोका के तहत ही दायर दिल्ली पुलिस की इस चार्जशीट में सुकेश और लीना के अलावा अरुण मुत्थू, बी मोहनराज समेत और भी कई लोगों के नाम हैं। पुलिस की मानें तो सुकेश ये साथी असल में उसके साथ मनी लॉडिंग के काम में जुटे थे। सुकेश और उसकी इस चौकड़ी ने 2020 और 2021 के दौरान करीब 20 करोड़ रुपये लीना के पांच बैंक अकाउंट में जमा करवाए थे।

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