बहुत बड़ा खुलासा ! तिहाड़ में सलाखों के पीछे से चल रहा है करोड़ों की वसूली का खेल
sukesh chandrashekhar pictures inside the jail
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दिल्ली की रोहिणी जेल में सुकेश चंद्रशेखर (Sukesh Chandrashekhar) की जेल के अंदर की सीसीटीवी तस्वीरें सामने आई हैं, इनमें साफ दिखाई दे रहा है कि उसने अपने पीछे लगे सीसीटीवी कैमरों के सामने पर्दा लगा दिया है, जिससे उसकी गतिविधियों की रिकॉर्डिंग न हो। वो पर्दा डालकर जेल सुपरिटेंडेंट के कमरे में जाता आता था, दिल्ली पुलिस ने तिहाड़ जेल से सीसीटीवी का 5 टीबी डेटा लिया है। पुलिस की जांच में साफ हुआ है कि सुकेश सीसीटीवी कैमरों को कांच की बोतलों और पर्दे से ढक देता था।
सुकेश पर 200 करोड़ से ज्यादा की जबरन वसूली के आरोप हैं, इसी पर्दे के पीछ से वो वसूली करता था। बता दें कि तिहाड़ जेल में 200 करोड़ की वसूली का मामले में दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दायर कर दी है, इस मामले में सुकेश चंद्रशेखर ,उसकी पत्नी लीना मारिया पॉल और तिहाड़ जेल के अधिकारियों समेत 17 आरोपी हैं। रैनबैक्सी के मालिक शिवेंद्र मोहन सिंह की पत्नी से 200 करोड़ की वसूली हुई थी, धोखाधड़ी के मामले में शिवेंद्र को राहत देने के नाम पर वसूली हुई। 2019 से धोखाधड़ी के मामले में शिवेंद्र मोहन सिंह और उसका भाई मालविंदर तिहाड़ जेल में बंद हैं।
ऐसे हुआ खुलासा!
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सूत्रों के मुताबिक जुलाई 2021 में दिल्ली पुलिस को यूके के एक नंबर के बारे में तब पता चला कि इस नंबर से देश के खिलाफ गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है और बड़े स्तर पर जबरन वसूली की जा रही है। स्पेशल सेल ने जब व्हाट्सऐप से इस नंबर की डिटेल्स मांगे तो पता चला ये नंबर एक भारतीय नंबर से कनेक्ट है। जब इस नंबर की जांच की गई तो पता चला कि ये नंबर रोहिणी जेल नंबर 10 में बंद एक कैदी सुकेश चंद्रशेखर प्रयोग कर रहा है, जांच में ये भी पता चला की इस नंबर से टॉप सरकारी अफसर बनकर स्पूफिंग के जरिए बड़े-बड़े हाईप्रोफाइल लोगों से करोड़ों की वसूली की जा रही है। एक ऐसी ही काल अदिति सिंह को आई जो रैनबैक्सी के मालिक की पत्नी हैं, सूत्रों के मुताबिक- जांच के दौरान 7 अगस्त 2021 को प्रदीप रमदानी नाम के शख्स को गिरफ्तार किया गया, जो अदिति से 1 करोड़ रुपए लेने आया था। प्रदीप ने पूछताछ मे बताया कि ये सब वो अपने भाई दीपक रमदानी के कहने पर कर रहा था, इसके बाद दीपक को पूछताछ के लिए बुलाया गया दीपक ने बताया कि वो सुकेश के लिए दो साल से काम कर रहा है और सुकेश ने उसका कोड नेम रोहित रखा हुआ है। दीपक ने खुलासा किया की उसने अदिति सिंह से 30 मौकों पर अलग-अलग जगह पैसों की वसूली की है, इसके बाद दीपक की भी गिरफ्तारी हुई।
जेल से इस तरह हुई पैसों की उगाही
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दीपक ने पूछताछ में खुलासा किया कि जेल मे रहने के दौरान उसकी मुलाकात यूनीटेक के मालिक संजय चन्द्रा से हुई, जिसने उसे सुकेश चंदशेखर से मिलवाया था। सुकेश ने दीपक को जोर बाग और अलग-अलग जगहों से पैसा इकट्ठा कर उसे सही जगह पहुंचाने का टास्क दिया था और बदले में उसे मोटा कमीशन भी दिया गया था। इसके बाद रोहिणी जेल मे छापेमारी की गई जहां से सुकेश के पास से 2 मोबाइल बरामद हुए और उसे भी गिरफ्तार किया गया। सुकेश वसूली के काम को अंजाम देने के लिए टेलीग्राम ऐप और काल स्पूफिंग का इस्तेमाल कर रहा था। जांच के दौरान तिहाड़ के रोहिणी जेल नंबर 10 की सीसीटीवी फुटेज का 5 TB डेटा लिया गया, सीसीटीवी फुटेज में साफ हो गया कि जेल के तमाम नियमों को ताक पर रखकर सुकेश चंद्रशेखर जेल सुपरिटेंडेंट के रूम में आता जाता रहता था। कुछ सीसीटीवी कैमरों को पानी की बोतलों और पर्दो से कवर कर दिया गया, जिससे सुकेश की गतिविधियों को रिकॉर्ड से बचाया जा सके।
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जांच के दौरान पता चला सुकेश ने अपनी 53 कंपनियों के जरिये वसूली के पैसे को ठिकाने लगाया, जिसमें 39 कंपनी दिल्ली, 10 मुंबई में ,2 बंगलौर और एक कटनी और एक आगरा की है। पुलिस के मुताबिक-जांच के दौरान ये पता चला कि आरोपी सुकेश अपनी पत्नी लीना पॉल, जेल अधिकारियों और अपने सहयोगियों के साथ मिलकर अपराध का एक बड़ा सिंडिकेट जेल के अंदर से चला रहा था। उस पर पहले के भी 32 मामले में अलग-अलग राज्यों में दर्ज हैं, इसलिए पुलिस ने सभी आरोपियों पर मकोका लगा दिया। आर्थिक अपराध शाखा ने इस मामले में रोहिणी जेल के पांच अधिकारियों को गिरफ्तार किया है, पुलिस के मुताबिक- पांचों ने तिहाड़ जेल के नियमों को ताक पर रखकर सुकेश को कई सुविधा मुहैया कराईं। सुकेश बदले में इन्हें हर महीने पद के हिसाब से 30 लाख ,12 लाख और 6 लाख रुपये सैलरी देता था. पुलिस ने इन सभी अधिकारियों की संपत्ति को जब्त कर लिया है।
जालसाज सुकेश चंद्रशेखर के रोहिणी जेल से दो सौ करोड़ की ठगी करने के मामले में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (एसीपी) आरके सिंह ने कहा है कि हमने इस मामले में संलिप्त सभी लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने बताया कि इस केस को पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल देख रही थी। उन्होंने रोहिणी जेल में छापा मारा जिसके बाद सुकेश और एक अन्य आरोपी गिरफ्तार किए गए। इसके बाद यह मामला ईओडब्ल्यू को भेजा गया। फिर हमने इस मामले में संलिप्त सभी लोगों को गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि हमने दो नवंबर को कोर्ट में 14 लोगों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल कर दी है। आगे जांच चल रही है।
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