UP Police पेपर लीक का मास्टरमाइंड गिरफ्तार, प्लानिंग सुन चकरा जाएंगे आप

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UP Police पेपर लीक का मास्टरमाइंड गिरफ्तार, प्लानिंग सुन चकरा जाएंगे आप
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Noida: यूपी एसटीएफ ने बुधवार को यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती-2023 का पेपर लीक कराने वाले गैंग के मास्टरमाइंड रवि अत्री को गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली के पटेलनगर में रह कर पेपर लीक गैंग चलाने वाला रवि नौएडा के जेवर इलाके का रहने वाला है। उसे यूपी एसटीएफ की टीम ने बुधवार सुबह 6:30 बजे खुर्जा बस स्टैंड जेवर से पुलिस को चकमा देकर भागने की कोशिश करते गिरफ्तार किया।

पेपर लीक की हैरतअंगेज प्लानिंग

मगर रवि ने पुलिस की पूछताछ में पेपर लीक की जो प्लानिंग बताई उसे सुन कर खुद पुलिस वालों का सिर चकरा गया। मालूम हुआ कि कड़ी सुरक्षा में ले जाए गये प्रश्न पत्रों को इस गैंग ने बेहद सटीक प्लानिंग के तहत अहमदाबाद की टीसीआई कम्पनी के बेहद सुरक्षित स्ट्रॉंग रूम से न सिर्फ निकलवाया बल्कि इन्हें खरीदने वाले स्टूडेंट्स तक बाकायदा एक संगठित नेटवर्क के जरिये पहुंचाया। पेपर लीक कराने के लिये इस गैंग ने उस वक्त को चुना जब पेपर को सील ट्रंक बॉक्स में प्रिंटिंग प्रेस से ट्रांस्पोर्ट कंपनी के स्ट्रॉंगरूम ले जाया गया।

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महीनों पहले बन गया था प्लान
रवि को मालूम था कि प्रश्न पत्र अहमदाबाद की टीसीआई ट्रांस्पोर्ट कंपनी के जरिये परिक्षा केंद्रों तक भेजा जाएगा। उसने इस कंपनी में काम करने वाले खास-खास कर्मचारियों से पिछले साल ही दोस्ती गांठ ली। वो महीनों तक इनका भरोसा हासिल करने के लिये इन्हें पैसे भेजता रहा। यहां तक कि टीसीआई कंपनी के दो कर्मचारियों अंकित मिश्रा और अभिषेक शुक्ला पर रवि ने कुछ ही महीनों में 10 से 15 लाख रुपये खर्च कर दिये। इसके बाद जैसे ही पेपर की तारीख पास आई फरवरी 2024 के पहले हफ्ते में वो खुद अहमदाबाद में होटल बुक करा वहीं पहुंच गया। शातिर रवि अत्री ने अंकित और अभिषेक को बता रखा था कि पेपर जब भी आएंगे स्टील के संदूक में आएंगे और उसपर 'कॉन्फिडेंशल' यानी गोपनीय लिखा होगा। साथ ही वो बॉक्स स्टील की टेप से सील किया मिलेगा।

हर काम के लिये चुने एक्सपर्ट

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दूसरी ओर रवि ने पेपर लीक कराने के लिये कड़ी सुरक्षा में सील कर लाए गये संदूक को खोलने का भी पूरा इंतजाम कर रखा था। इसके लिये उसने ताले खोलने में एक्सपर्ट पटना के डॉ. शुभम मंडल को तैयार कर रखा था। शुभम मंडल को इस काम के लिये 2 लाख रुपये पेशगी दिये गये जिसके बाद वो फ्लाइट पकड़ कर पटना से अहमदाबाद पहुंचा। टीसीआई कंपनी के पहले से तैयार कर्मचारियों ने इन दोनों के कंपनी के अंदर दाखिल होने का इंतजाम पहले से कर रखा था।

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रातों रात संदूक काट निकाले पेपर

आखिरकार वो वक्त आ गया जब पुलिस भर्ती का पेपर कंपनी पहुंच गया। इसे अगले दिन परिक्षा केंद्रों तक पहुंचाया जाना था। मगर रात 11:30 बजे ही चारों कंपनी पहुंच गये और ट्रंक बॉक्स को पीछे से खोलकर पेपर निकाल लिये। इसके बाद रवि  ने इन प्रश्न पत्रों की फोटो मोबाइल फोन से लेकर इन्हें हरियाणा, दिल्ली, यूपी और मध्य प्रदेश समेत तमाम सूबों में फैले अपने संपर्कों को भेज दिया। जिसके बाद इन्हें पुलिस भर्ती का पेपर देने वाले अभ्यार्थियों को मोटी रकम लेकर बेच दिया गया।

12 जिलों में हो चुकी है पेपर लीक की FIR
पेपल लीक के मास्टरमाइंड रवि अत्री का जाल देश भर में इस कदर फैला हुआ था कि अब तक यूपी एसटीएफ कॉन्स्टेबल भर्ती घोटाले को लेकर वाराणसी, झांसी, आगरा, कानपुर, बरेली, गाजियाबाद, प्रयागराज, मेरठ, गोरखपुर, हाथरस, नौएडा और बलिया समेत कुल 12 जिलों में एफआईआर करा चुकी है। बीती 3 मार्च को एसटीएफ ने इसी मामले में कार्रवाई करते हुए मेरठ के थाना कंकड़खेड़ा से प्रश्न पत्र और उत्तर कुंजी समेत गैंग के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया था। इसके अलावा 12 मार्च, 14 मार्च और 3 अप्रैल को इसी सिलसिले में में एसटीएफ ने हरियाणा में जींद, गाजियाबाद और नौएडा से कुल 5 आरोपियों को प्रश्न पत्रों के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा।

चोर न होता तो डॉक्टर बनता मास्टरमाइंड

जाहिर है रवि अत्री की गिरफ्तारी यूपी पुलिस के लिये बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। शुरुआती पूछताछ में रवि ने पुलिस को बताया कि उसने 2006 में नौएडा से इंटर पास करने के बाद मेडिकल की तैयारी के लिये कोटा में ऐलन कोचिंग सेंटर में दाखिला लिया था। यहीं से वो शिक्षा माफिया के संपर्क में आया और अलग अलग परिक्षाओं में सॉलवर बन कर बैठने लगा। साल 2012  में उसका एडमीशन पीजीआईएमएस, रोहतक में हो गया मगर तीन साल पढ़ाई करने के बाद उसने चौथे साल का एग्जाम नहीं दिया। इससे पहले वो साल 2012 में नीट पेपर लीक और इसी साल एसबीआई पेपर लीक मामले में जेल जा चुका था। साल 2015 में भी रवि मेडिकल की पढ़ाई करने के दौरान अपने साथियों के साथ रोहतक में जेल की हवा खा चुका है।
 

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