बच्चों और मां को नहीं मारना चाहता था अजीत! सीतापुर सामूहिक हत्याकांड में हुआ बड़ा खुलासा, आरोपी अजीत गिरफ्तार

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बच्चों और मां को नहीं मारना चाहता था अजीत! सीतापुर सामूहिक हत्याकांड में हुआ बड़ा खुलासा, आरोपी अजीत गिरफ्तार
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सीतापुर से अरविंद मोहन मिश्र के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

Sitapur Murder News Update: सीतापुर के रामपुर मथुरा में एक ही परिवार के 6 लोगों की हत्या के मामले में खुलासा हुआ है। 5 दिन की तफ्तीश के बाद आखिरकार पुलिस ने मृतक के छोटे भाई अजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। जांच में ये बात सामने आई है कि पिता के ही अवैध तमंचे से अजीत ने अपनी मां, भाई भाभी और तीन बच्चों की जान ली थी। जांच में ये बात सामने आई है कि पिता के खेती पर लिए गए 24 लाख के लोन को भाभी खेती से होने वाली कमाई के बजाय जमीन बेचकर चुकाना चाहती थी। आरोपी अजीत सिंह चाहता था कि खेती की कमाई से ही लोन भरा जाए। जमीन नहीं बेची जाए। 

लाइट काट दी, फिर की हत्याएं

पुलिस से पूछताछ में आरोपी ने कुबूला कि वह भाई और भाभी की ही हत्या करना चाहता था लेकिन मां के जागने की वजह से उसे मारा गया। बच्चों को कमरे में ले जाकर अजीत ने समझाने की कोशिश की। पिता ने मां और दादी की हत्या के बाद खुद आत्महत्या कर ली लेकिन बच्चे चिल्लाने लगे तो बाद में बच्चों को भी मार डाला। 

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आरोपी ने खरीदी थी नींद की गोलियां

जांच में पता है कि 11 मई की रात आरोपी ने खिचड़ी में नींद की गोलियां मिलाकर रख दी थी ताकि जब वह भाई और भाभी की हत्या करें तो किसी को आवाज ना सुनाई पड़े, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका। प्लान बी के मुताबिक,  एसी कमरे से भाई भाभी को बाहर निकालने के लिए अजीत ने रात 12 बजे के बाद घर की लाइट खराब कर दी थी और करीब ढाई बजे गर्मी से परेशान भाभी बाहर आए तो अजीत सिंह ने पहले भाभी और फिर भाई को भी गोली मार दी। इस घटना को उसने अकेले ही अंजाम दिया था।

कैसे हुई थी घटना?

सीतापुर के गांव पाल्हापुर के  मकान में कत्ल ए आम की वारदात बेशक 10 और 11 मई की दरम्यानी रात को हुई, लेकिन कातिल ने इसकी तैयारी पहले की थी। अजीत ने 15 दिन पहले ही एक केमिस्ट की दुकान से तकरीबन दस नींद की गोलियां खरीद ली थी, जिन्हें वो वारदात से पहले सबके खाने में मिला देना चाहता था, ताकि सारे लोग गहरी नींद में सो जाए और उसके लिए अपने भैया-भाभी का क़त्ल करना आसान हो जाए, लेकिन उसका ये प्लान फेल हो गया। फिर उसने घर की लाइट काट दी। फिर उसने हत्याकांड को अंजाम दिया। हत्या के बाद अजीत ने एक-एक कर अपनी पत्नी विभा, रिश्तेदारों और गांव वालों को फोन करना शुरू किया और सबको बताया कि उसके भैया अनुराग ने ही पूरे परिवार की हत्या कर खुद को गोली मार कर जान दे दी है। ये सभी के सभी कॉल भोर सवा चार बजे से सुबह के पांच बजे के बीच किए गए।

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पोस्टमार्टम से पलटा मामला

ये मामला पीएम रिपोर्ट से पलट गया। पहले कत्ल के आरोपी अजीत के कहे मुताबिक पुलिस भी ये मान कर चल रही थी कि इस वारदात को अनुराग ने ही अंजाम दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अनुराग के सिर में दो गोली लगने और हथौड़े से वार किए जाने की बात पता चली, तो फिर ये साफ हो गया कि ये सभी की सभी छह मौतें क़त्ल का नतीजा हैं।

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पुलिस ने अजीत, उसकी पत्नी विभा और दूसरे नाते-रिश्तेदारों और गांव वालों से लंबी पूछताछ की। सीडीआर, फोन की लोकेशन चेक करने से लेकर मौका ए वारदात पर मिले तमाम सबूतों का बारीकी से मुआयना किया और तब आखिर में अजीत को गिरफ्तार किया गया, जिसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। 

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