श्रद्धा को मारने के बाद टुकड़ों को कहां फेंकता था आफताब? पुलिस ने 3000 पेज की चार्जशीट में पेश किए लोकेशन और सर्च हिस्ट्री के सबूत
Shraddha Murder: श्रद्धा वाल्कर हत्याकांड में दिल्ली पुलिस ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट (Charge Sheet) दाखिल की है. दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल सप्लीमेंट्री चार्जशीट 3,000 से ज़्यादा पन्नों की है. इस रिपोर्ट में कई डिजिटल और फोरेंसिक साक्ष्य शामिल हैं.
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Delhi: श्रद्धा वाल्कर हत्याकांड में दिल्ली पुलिस ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट (Charge Sheet) दाखिल की है. सप्लीमेंट्री चार्जशीट में डिजिटल और फोरेंसिक साक्ष्य भी शामिल किए गए हैं. दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल सप्लीमेंट्री चार्जशीट 3,000 से ज़्यादा पन्नों की है. चार्जशीट में आफ़ताब पूनावाला की सर्च हिस्ट्री शामिल है जो घटनाक्रम से मेल खाती है. दिल्ली पुलिस की इस सप्लीमेंट्री चार्जशीट में जांच के दौरान इकट्ठा किए गए कई डिजिटल और फोरेंसिक साक्ष्य शामिल हैं. डिजिटल सबूतों में आफ़ताब पूनावाला की गूगल लोकेशन हिस्ट्री शामिल है जो उन जगहों पर उसकी यात्रा से मेल खाते हैं जहां उसने श्रद्धा के शव के टुकड़ों को फेंका था.
3000 पन्नों की नई चार्जशीट
इस रिपोर्ट में श्रद्धा वाल्कर के फोन की गूगल लोकेशन भी शामिल है और ये भी दिखाया गया है कि कैसे फोन दो बार मुंंबई पहुंचा और जब आफताब को पूछताछ के लिए बुलाया गया तो उसकी हिस्ट्री गायब हो गई. चार्जशीट में डिजिटल सबूतों के बारे में रिपोर्ट भी शामिल है, जिसमें आफताब पूनावाला द्वारा "फ्लेयर गन" के इस्तेमाल के बारे में सर्च हिस्ट्री भी शामिल है. उसकी बाकी की सर्च हिस्ट्री भी सामने आई जो घटनाओं से मेल खाती है. चार्जशीट मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अविरल शुक्ला के समक्ष साकेत कोर्ट में दायर की गई है.
Bumble डेटिंग ऐप पर हुई थी मुलाकात
प्यार, Live in Relationship और फरेब में कत्ल की इस सनसनीखेज कहानी की परतें खुलने लगीं हैं. श्रद्धा और आफताब के रिश्तों की शुरुआत एक डेटिंग ऐप से हुई थी. वो साल था 2018. बंबल (Bumble Dating App) डेटिंग ऐप से दोनों की मुलाकात हुई. 2019 से दोनों लिव-इन में रहने लगे थे. आफताब अमीन पूनावाला (Aftab Amin Poonawalla) ने बताया कि हत्या के बाद खून साफ करने का तरीका जानने के लिए उसने गूगल पर सर्च किया था. ये भी पता लगाया था कि इंसान के शरीर को आसानी से कैसे कई टुकड़ों में काटा जा सकता है. कैसे हाथ और पैर को ज्वाइंट से आसानी से अलग किया जा सकता है. ये सारी जानकारी तब मिली जब दिल्ली पुलिस ने आफताब के मोबाइल की डिटेल खंगाली. से सारी जानकारी पुलिस को इंटरनेट की सर्च हिस्ट्री से मिल गई.
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