हसीना ने छोड़ी कुर्सी, हिंसा में 300 की मौत के बाद बांग्लादेश भी छोड़ा, प्रदर्शनकारियों ने PM आवास में मचाई लूट

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हसीना ने छोड़ी कुर्सी, हिंसा में 300 की मौत के बाद छोड़ा बांग्लादेश, प्रदर्शनकारियों ने PM आवास में मचाई लूट
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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शेख हसीना का पीएम पद से इस्तीफा

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बांग्लादेश में हिंसा के बाद तख्तापलट

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भारत के हिंडन एयरबेस पहुंचीं शेख हसीना

Dhaka: देश भर में मचे घमासान के बाद बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया और देश छोड़ दिया सेना की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि "हसीना का सत्ता में 15 साल का कार्यकाल समाप्त हो गया। उनका जाना कई हफ्तों की सरकार विरोधी हिंसा के बाद हुआ है जिसमें 300 से अधिक लोग मारे गए थे।देश भर में फैली हिंसा के मद्देनजर हसीना और उनकी बहन शेख रेहाना के "सुरक्षित ठिकाने" के लिए रवाना होते ही हजारों प्रदर्शनकारियों ने ढाका में प्रधानमंत्री आवास, गणभवन पर धावा बोल दिया। 

प्रदर्शनकारियों ने पीएम हाउस पर बोला धावा

बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल विकर-उज़-ज़मान ने कहा कि अब बांग्लादेश में एक अंतरिम सरकार कार्यभार संभालेगी। उन्होंने वादा किया कि स्थिति सामान्य होते ही सेना पिछले दिनों छात्र प्रदर्शनकारियों पर हुई घातक कार्रवाई की जांच करेगी। एक संवाददाता सम्मेलन में सेना प्रमुख ने कहा, "हम सभी हत्याओं की जांच करेंगे और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी" "मैंने आदेश दिया है कि सेना और पुलिस की ओर से कोई गोलीबारी नहीं की जाएगी। सेना प्रमुख की ओर से छात्रों को संयम बरतने और सेना की मदद करने की अपील भी की गई है। "मीडिया के जरिये आ रही रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले दिन में सेना प्रमुख ने सत्तारूढ़ अवामी लीग और विपक्षी बीएनपी (Bangladesh Nationalist Party) सहित सभी राजनीतिक दलों के नेताओं और उनके समर्थकों के साथ बातचीत की। इस बीच ढाका में शेख हसीना के ठिकाने की पुष्टि नहीं की गई। हालांकि अब ये साफ हो गया है कि हसीना सेना के हेलीकॉप्टर के जरिये भारत में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के हिंडन एयरबेस पहुंच चुकी हैं।

अब तक की हिंसा में 300 से ज्यादा लोगों की मौत

बांग्लादेश में महीने भर पहले, जून के अंत में विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से शुरू हुए। दरअसल छात्र सरकारी नौकरियों में कोटा सिस्टम खत्म करने की मांग कर रहे थे। लेकिन ढाका विश्वविद्यालय में प्रदर्शनकारियों, पुलिस और सरकार समर्थक कार्यकर्ताओं के बीच टकराव के बाद हिंसा बढ़ गईइसके बाद सुरक्षा बलों की तैनाती, कर्फ्यू और इंटरनेट शटडाउन के साथ-साथ प्रदर्शनकारियों को दबाने की सरकार की कोशिशों का उल्टा असर हुआ छात्रों का आक्रोश और बढ़ गया जिसमें जमात समेत कई राजनीतिक धड़ों ने उनका खुल कर समर्थन किया। इस हिंसा में लगभग 300 लोग मारे गए और इसी दौरान हसीना के इस्तीफे की मांग ने जोर पकड़ लिया

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मोबाइल इंटरनेट बंद, ढाका समेत कई जगह कर्फ्यू

हसीना ने कहा था कि जो प्रदर्शनकारी तोड़फोडऔर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में लगे हैं सुरक्षा बलों को उनके साथ छात्र के तौर पर नहीं बल्कि अपराधियों के तौर पर व्यवहार करना चाहिये। प्रधानमंत्री ने ऐसे सभी प्रदर्शनकारियों से सख्ती से निपटन के आदेश दिएइसी बीच एक बार फिर भड़की हिंसा में रविवार को देश भर में सुरक्षा अधिकारियों और सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं समेत प्रदर्शनकारियों से झड़प में लगभग 100 लोग और मारे गए।सेना अधिकारियों ने हिंसा को शांत करने की कोशिश में सबसे पहले रविवार को मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया, जबकि ब्रॉडबैंड इंटरनेट को सोमवार को कुछ समय के लिए बंद किया गया। सेना की ओर से लगाया गया कर्फ्यू रविवार रात से जारी है और सोमवार सुबह इसमें इसमें ढाका के बाद कई नए इलाके और जिला मुख्यालय शामिल कर दिये गए।

 

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