इंसानियत हुई शर्मसार ! कानपुर: अस्पताल के टॉयलेट में डिलीवरी
Shame on humanity! Kanpur: Delivery in hospital toilet
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रंजय सिंह के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट
कानपुर के हैलट हॉस्पिटल से लापरवाही की बड़ी घटना सामने आई है। यहां एक प्रेग्नेंट महिला की डिलीवरी टॉयलेट में हो गई और उसके नवजात बच्चे की टॉयलेट शीट में फंसकर मौत हो गई। पति का आरोप है कि रात में पत्नी को लेबर पेन हुआ, लेकिन डॉक्टर या नर्स ने ध्यान नहीं दिया, जब वह टॉयलेट गई तो वहीं उसकी डिलीवरी हो गई। दरअसल, हैलट हॉस्पिटल में बुधवार रात को मोबिन की पत्नी हसीना बानो को बुखार के चलते भर्ती कराया गया था। हसीना आठ माह की प्रेग्नेंट थी। रात में उसको लेबर पेन हुआ लेकिन वार्ड की नर्सों ये यह कहकर डिलीवरी वार्ड में भर्ती करने से इनकार कर दिया कि ये हमारा मामला नहीं है, जबकि परिजन उनसे गुजारिश करते रहे। इसी दौरान हसीना टॉयलेट चली गई, जहा टॉयलेट शीट पर ही उसकी डिलीवरी हो गई और उसका नवजात बच्चा टॉयलेट शीट की सीवर लाइन में फंस गया। मोबिन का आरोप है कि जन्म के समय मेरा बच्चा ज़िंदा था, जबतक इमरजेंसी से डॉक्टर और स्टॉफ आकर शीट तोड़कर बच्चे को निकलते उसकी मौत हो गई।
इस घटना का सबसे दर्दनाक पहलू ये था कि मोबिन इस दौरान बच्चे की टांगे पकड़कर टॉयलेट शीट के ऊपर खड़ा-खड़ा उसको बचाने के लिए रोता रहा, लेकिन बच्चा फिर भी नहीं बचाया जा सका। मोबिन का आरोप है टॉयलेट शीट में बच्चा मुंह के बल फंसा था जबकि नीचे सीवर का पानी भरा था, बच्चा निकालने में इतनी देर हो गई की उसकी मौत हो गई। मोबिन ऊपर से बच्चे के पैर पकड़ कर मदद की गुहार लगाता रहा। मदद ना मिलने के कारण परिजन हैलट के इमरजेंसी पहुंचे। इमरजेंसी में ईएमओ व अन्य स्टाफ वार्ड 7 पहुंचे। नवजात को निकालने का प्रयास किया मगर सफलता न मिलने पर टॉयलेट की शीट को तोड़ा गया। जब तक नवजात को टॉयलेट से निकाला जा सका, तब तक नवजात की सांसे थम चुकी थी।
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इस मामले में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर संजय काला और हैलट की अधीक्षक डॉक्टर ऋचा गिरी चुप्पी साधे रहे लेकिन रात को कॉलेज प्रशासन की तरफ से एक प्रेस नोट जारी करके लीपापोती की कोशिश की गई। अस्पताल का कहना है कि महिला को लेबर पेन नहीं था, उसके दो बच्चे पहले भी डिलीवरी के समय मर चुके हैं।
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