SDM Molestation Case: छेड़छाड़ के आरोपी एसडीएम को मिली जमानत
SDM Molestation Case: झाबुआ की विशेष अदालत ( पास्को मामले ) ने छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार किये गये डिप्टी कलेक्टर, जो कि झाबुआ के तत्कालीन एसडीएम SDM थे, उन्हें जमानत दे दी है।
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चंद्रभान सिंह भदौरिया के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट
SDM Molestation Case: झाबुआ की विशेष अदालत ( पास्को मामले ) ने छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार किये गये डिप्टी कलेक्टर, जो कि झाबुआ के तत्कालीन एसडीएम SDM थे, उन्हें जमानत दे दी है। गुरुवार को एक आदिवासी छात्रावास की बालिकाओं की शिकायत के बाद FIR दर्ज कर पहले एसडीएम सुनील कुमार झा को निलंबित किया गया था। उसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया।
बुधवार को जमानत को लेकर हुई बहस के दौरान बचाव पक्ष के वकील ने झा के सरकारी ड्राइवर , सुरक्षा में तैनात होमगार्ड जवान और शिक्षा विभाग के एपीसी ज्ञानेंद्र ओझा की ओर से दिये गये शपथ पत्रों को संज्ञान में लिया। इसमें खुद को निरीक्षण के दौरान प्रत्यक्ष दर्शी बताकर छेड़छाड़ के आरोपों को ग़लत बताया गया था।
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विशेष अदालत के न्यायाधीश राजेन्द्र शर्मा ने तमाम दलीलों को सुनने के बाद कहा कि एसडीएम ने सरकार से मिलने वाले सेनेटरी पैड मिलते हैं या नहीं, यह सवाल किया था, जो शायद गलत तरीके से लिया गया, इसलिए जमानत दिया जाना उचित होगा।
डिप्टी कलेक्टर सुनील कुमार झा को जमानत दिये जाने को लेकर अभियोजन पक्ष ने कहा कि इससे गलत संदेश जाएगा। अभी मामले की जांच जारी है। कुछ धाराएं जांच के तथ्यों के आधार पर बढ़ाई भी जा सकती है।
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साथ ही कोर्ट में पीड़ित चारों बालिकाओं द्वारा दिये गये धारा 164 के बयानों का भी अभियोजन पक्ष ने हवाला दिया। बहरहाल, डिप्टी कलेक्टर ओर तत्कालीन एसडीएम सुनील कुमार झा को मिली जमानत के विरुद्ध अभियोजन अधिकारी मनीषा मुवेल ने शासन की ओर से हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में जाकर जमानत रद्द किये जाने की याचिका लगाने की बात कही है। देखना होगा कि ऊपरी अदालत से एसडीएम को राहत मिल पाती है या नहीं।
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