लड़कों ने नंगे होकर किया प्रदर्शन, जब पुलिस पकड़ने आई तो विधान सभा की तरफ दौड़ पड़े
naked protest SCST: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायगढ़ में अपनी मांगों को लेकर एससीएसटी वर्ग के लड़कों ने नंगे होकर प्रदर्शन किया।
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छत्तीसगढ़ से सुमी की रिपोर्ट
Naked Protest: अभी तक आप तरह तरह के प्रदर्शन देखते थे जिसमें अपनी मांग की तख्ती लेकर लोग सड़क पर या किसी भी हिस्से में जाकर नारे बाजी करते दिख जाते थे, लेकिन छत्तीसगढ़ की सड़कों पर नौजवान लड़कों की जो तस्वीरें सामने आई हैं उसने सभी को बुरी तरह से चौंकाया है। यहां एससीएसटी वर्ग के नौजवानो ने नंगे होकर प्रदर्शन किया। और जितना अनोखा ये प्रदर्शन था उससे भी कहीं ज्यादा उनकी मांग। ये प्रदर्शनकारी लड़के फर्जी जाति प्रमाण पत्र से नौकरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे।
तख्ती लिए थे नग्न लड़के
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायगढ़ में करीब पचास लड़कों ने पूरी तरह से वस्त्रहीन होकर सड़कों पर तख्ती लेकर सरकार के खिलाफ नारे बाजी की। जिस किसी ने भी इन प्रदर्शन करते लड़कों को देखा वो फौरन एक ही झटके में जहां था वहीं ठहर गया।
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जिसने भी देखा वहीं रुक गया
क्योंकि इससे पहले किसी ने भी ऐसा प्रदर्शन नहीं देखा था। हालांकि पुलिस ने मौके पर पहुँच कर प्रदर्शन कर रहे लड़कों को पकड़ने की कोशिश की और उन्हें वहां से हटाने का प्रयास भी किया लेकिन पुलिस प्रशासन पूरी तरह से नाकाम रहा। प्रदर्शन कर रहे तमाम लड़के बिना कपड़ों के थे और अपने हाथों पर अपनी मांगों की तख्ती लिए हुए थे। इन प्रदर्शनकारी लड़कों की मांग थी कि बिना आरक्षण वाले लोगों को आरक्षित सीट पर नौकरी किसने और किसके इशारे पर दी।
फर्जी प्रमाण पत्र से नौकरी पाने वालों के खिलाफ प्रदर्शन
बिना कपड़ों के प्रदर्शनकारी लड़के हाथों में तख्ती लेकर आमासिवनी से विधानसभा की तरफ जा रहे थे। बीच रास्ते में ही पुलिस ने इन लड़कों को रोक लिया। प्रदर्शनकारी लड़कों में से तख्ती तो करीब करीब हरेक ने थाम रखी थी लेकिन कुछ ही लड़के थे जो अपने गुप्त अंगों को तख्ती से ढांकने की कोशिश में लगे हुएथे। बाद में पुलिस ने विधानसभा से बहुत पहले बेरिकेडिंग करके इन प्रदर्शनकारी लड़कों को हिरासत में ले लिया।
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हर शाख पे उल्लू बैठा है
प्रदर्शनकारी लड़कों की मांग थी कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद आरक्षित वर्ग में गैर आरक्षित वर्ग के लोग नौकरी कर रहे हैं। और हैरानी की बात ये है कि ये सब कुछ हरेक स्तर पर देखा जा सकता है। छोटी पोस्ट से लेकर बड़ी पोस्ट तक हर कहीं आरक्षित सीट पर अनारक्षित लोग नौकरी कर रहे हैं। मजे की बात ये है कि इस मामले में पहले भी शिकायत की गई थी तब छानबीन समिति ने अपनी रिपोर्ट में इस शिकायत को सही पाया। लिहाजा उसका निपटारा करने के लिए कुछ अफसरों ने साजिश करके उन लोगों के फर्जी प्रमाण पत्र लगवा दिए।
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प्रशासन ने लिया एक्शन में
बाद में इस मामले में प्रशासन की तरफ से कार्रवाई करने का आदेश जारी किया गया है। बताया जा रहा है कि जो लोग भी फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे आरक्षित सीटों पर नौकरी कर रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, जिसमें नौकरी से बर्खास्त से लेकर पैसा वसूली तक शामिल है। इसी मांग को लेकर ये आंदोलन काफी समय से चल रहा है। प्रदर्शनकारियों के मुताबिक मई 2022 में भी एससीएसटी वर्ग के नौजवानों ने इस मामले को लेकर 10 दिनों का आमरण अनशन भी किया था।
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