तीन हमले प्रति घंटे की रफ़्तार से रूसी सेना ने बरसाए बम, रात भर में यूक्रेन के इस शहर का निकला दम

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तीन हमले प्रति घंटे की रफ़्तार से रूसी सेना ने बरसाए बम, रात भर में यूक्रेन के इस शहर का निकला दम
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यूक्रेन में सहमी सहमी है ज़िंदगी

Russia- Ukraine War: हर रोज यूक्रेन की सड़कों पर इतना पीतल गिर रहा है कि कोई भी उसे बटोरकर न जाने कितने तिमंजिले मकान बना सकता है। लेकिन यूक्रेन के शहरों की आबो हवा में घुली बारूद की बदबू अब यहां के लोगों के लिए जानलेवा होने लगी है। अंधेरे में डूबे और धुएं से घिरे यूक्रेन के शहरों में ज़िंदगी डर के साये में सहमे सहमे कदम उठाने को मजबूर है।

रूसी लड़ाकू जहाज़ यूक्रेन के शहरों को अब भी तबाह कर रहे हैं। इस वक़्त जब ये खबर पढ़ी जा रही होगी यूक्रेन के कितने शहरों के सीनों पर रूसी मिसाइलें गहरे ज़ख़्म के निशान बना रही होंगी। आलम ये है कि कब कहां कौन सा बम कौन सा गोला किस मकान किस बिल्डिंग पर आकर गिर जाए और जिंदगियों के सांसों की डोर टूट जाए कोई कुछ नहीं जानता।

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खारकीव में 9 घंटे में 27 मिसाइलें दागी

Russia- Ukraine War: इस जंग की रफ़्तार तेज़ हुई है या धीमी पड़ी है, शायद यूक्रेन के लोग अब इसका अंदाज़ा लगाना भी भूल चुके हैं। उन्हें तो बस हर रोज़ एक दूसरे शहर की बर्बादी की एक नई कहानी ज़रूर सुनाई दे जाती है। पूरी दुनिया ने यूक्रेन के बूचा शहर को बूचड़ख़ाना बनते और उसे पूरी तरह से मटियामेट होते देखा है।

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मगर बीती 5 अप्रैल की रात यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव पर बहुत भारी बीती, क्योंकि पूरी रात ये शहर बम और मिसाइलों के हमले से दहलता रहा। उस रात खारकीव पर रूसी लड़ाकू जहाज़ों ने सिर्फ नौ घंटों के फासले में पूरे 27 रॉकेट गिराए। यानी तीन हमले प्रति घंटे की रफ़्तार ने इस शहर को कुछ इस कदर दहलाया कि उसको अब कई कई रातों तक नींद नहीं आएगी।

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होस्टोमेल से लापता हैं 400 यूक्रेनी

Russia- Ukraine War: यूक्रेन से सामने आई एक रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि होस्टोमेल में क़रीब 400 लोग लापता हो चुके हैं।लेकिन अलग अलग शहरों के बाहर सड़कों के किनारे जिस तरह से आम नागरिकों की लाशें मिल रही हैं वो ज़रूर हैरान और परेशान कर रही हैं। अकेले यूक्रेन को ही नहीं, बल्कि उन तस्वीरों को देखने के बाद इंसानियत पर यकीन रखने वाले लोग सहमे हुए हैं। क्योंकि उन तस्वीरों में खुलेआम इंसानियत की मौत दिख रही है।

यूक्रेन के अधिकारियों के दावे पर यकीन किया जाए तो कीव के पास एक गांव में पांच लोगों के शव सड़क पर पड़े मिले जिनके हाथ बंधे हुए थे। यानी उन्हें मौत देने से पहले उनकी तड़प भी छीन ली गई थी। कहने का मतलब सिर्फ इतना है कि रूस की सेना ने यहां लोगों को मौत के घाट उतारने से पहले लोगों पर जमकर ज़ुल्म ढाए। यूक्रेन के एक प्रॉसिक्यूटर जनरल इरीना वेनेदिक्तोवा ने ट्वीटर पर लिखा है कि रूस की सेना ने टॉर्चर करने के बाद ही जान से मारा। जिन्हें मारा गया उनकी लाशें भी ऐसी जगह से मिल रही हैं जहां उनके होने का सवाल ही नहीं हो सकता था।

रूस कर चुका है भयानक नरसंहार

Russia- Ukraine War: दुनिया इस जंग के लिए और जंग के बाद बन रहे हालात के लिए रूस को जमकर कोस रही है। इस जंग में जो नरसंहार दिखाई दिया उससे ये भी साबित हो गया कि रूसी सैनिक इंसानियत की हदों को लांघ चुके हैं। वर्ना वो सैकड़ों नागरिकों और मासूम बच्चों को यूं गोली मारकर मौत के घाट न उतारते।

यूक्रेन के विदेश मंत्रालय की तरफ से जो आंकड़े दिए जा रहे हैं वो तो और भी ज़्यादा डरावने हैं। यूक्रेन विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि यूक्रेन ने अब तक रूस को कितना नुकसान पहुँचा दिया है। 6 अप्रैल को यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने गिनाया था कि उसने रूस के 18600 सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया, 150 एयरक्राफ्ट को धूल में मिला दिया, 135 हेलिकॉप्टर जलकर राख हो गए, 684 टैंक अब कबाड़ हो चुके हैं, जबकि 76 फ्यूल टैंक्स पूरी तरह से तबाह और बर्बाद कर दिए गए हैं।

अभी कई महीने चलेगी ये लड़ाई

Russia- Ukraine War: लेकिन ये गिनती अभी ख़त्म नहीं हुई है। बताया तो यहां तक जा रहा है कि रूस के 332 ऑर्टिलरी सिस्टम को कहीं का नहीं छोड़ा। 96 UAV अब कभी उड़ नहीं पाएंगे, 25 खास उपकरण और 107 MLRS के साथ साथ 55 एंटी एयरक्राफ्ट वॉर फेयर सिस्टम को पूरी तरह से तबाह किया जा चुका है जबकि 7 तेज़ नौकाओं को भी पूरी तरह से बर्बाद कर दिया गया।

एक दावा UN की तरफ से आया है कि जबसे जंग शुरू हुई है तभी से 50 लाख के आस पास यूक्रेन के लोग यूक्रेन छोड़कर जा चुके हैं जबकि क़रीब एक करोड़ लोग अपने ही देश में खानाबदोश बन गए।

मगर इसी बीच अमेरिका की तरफ से जो कहा गया उसे सुनकर दुनिया कुछ कुछ डर सी गई है क्योंकि अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यानी NSA जैक सुलिवान का दावा है कि रूस के यूक्रेन पर हमले का ये सिलसिला अभी कई और महीनों तक यूं ही चल सकता है। क्योंकि कीव को कब्ज़े पर न कर पाने के बाद रूसी सैनिकों ने फिलहाल अपने कारवां का रुख पूरब की तरफ बढ़ा दिया है।

अब रूसी सेना के निशाने पर यूक्रेन का पूर्वी हिस्सा है। यानी कहा जा सकता है कि रूस ने अब अपनी पूरी युद्धनीति या रणनीति दोनों ही बदल दी हैं। ऐसे में इस वक़्त रूसी सेना के मौजूदा मूव को देखते हुए ये अंदाज़ा लगाया गया है कि अब रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी को निशाना बनाने के बजाए देश के दूसरे हिस्सों को निशाना बनाने की रणनीति बना रही है।

ऐसे में दावा ये किया जा रहा है कि रूसी सेना ने कीव में जाने के बजाए बेलारूस की तरफ बढ़ने का इरादा किया है। अंदाज़ा है कि यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में डोनबास इलाक़े में सैनिकों को फिर से तैनात किया जाएगा।

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