अमेरिका और रूस के बीच ज़हरीली तू तू-मैं मै, इल्ज़ामों की मिसाइल में दिखा जैविक हथियारों का ख़तरा

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परमाणु हथियारों से भी बड़ा ख़तरा

Russia Ukraine War : अभी तक इस बात पर कयास लगाकर दुनिया हैरान और परेशान हो रही थी कि कहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन परमाणु हथियारों का बटन न दबा दें। यूक्रेन के ख़िलाफ रूसी सेना की इस जंग में बीते 15 दिनों के दौरान ऐसे कई मौके सामने आए जब अचानक दुनिया को परमाणु युद्ध का ख़तरा मंडराता दिखाई पड़ने लगा। लेकिन अब तो इस युद्ध में परमाणु हथियारों से भी बड़े ख़तरे के बादलों की आहट दुनिया को महसूस होने लगी है।

ये ख़तरा है कैमिकल हथियारों का। जिन्हें बायोलॉजिकल वैपन या जैविक हथियार भी कहा जाता है। इस नए ख़तरे की तरफ इशारा किया है अमेरिका ने। व्हाइट हाउस ने चिंता ज़ाहिर की है कि यूक्रेन के ख़िलाफ़ इस जंग में रूस अब अपने नए और सबसे ख़तरनाक हथियारों के इस्तेमाल के लिए रूपरेखा तैयार कर रहा है।

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एक दूसरे पर इल्ज़ामों की बौछार

Russia Ukraine War : व्हाइट हाउस के प्रेस सेक्रेटरी जेन साकी ने रूस को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि उल्टा चोर कोतवाल को ही डांटने की फिराक़ में लगा हुआ है जबकि सच्चाई कुछ और है। जेन साकी ने रूस के उस इल्ज़ाम को सिरे से ख़ारिज़ कर दिया है जिसमें कहा गया है कि अमेरिका ने दुनिया भर में जो अपनी बायोलैब विकसित की हैं, उनमें से कई यूक्रेन में ही हैं। तो सवाल यही उठता है कि क्या अब इस जंग में कोई और नया काला पन्ना जुड़ने वाला है? क्या इस जंग की इबारत और भी ज़्यादा स्याह होने वाली है?

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असल में रूस और यूक्रेन की इस जंग में शायद जो तस्वीर दिखाई दे रही है। असल में उसमें रंग तो दुनिया के दो ताक़तवर देश ही भर रहे हैं। और अपने अपने मतलब की चालों से बिसात को अपने अपने हक़ में करने की फिराक में लगे हुए हैं। तभी तो बम गिराए जा रहे हैं यूक्रेन पर लेकिन असल में बातों के बाण रूस की तरफ से अमेरिका की तरफ चलाए जा रहे हैं और अमेरिका अपने तरकश के तीरों से रूस के ज़ख़्मी करने की फिराक़ में लगा हुआ है। यानी दुनिया के दोनों ताक़तवर देश एक दूसरे के साथ वाक़ युद्ध कर रहे हैं और पिस रहा है ग़रीब यूक्रेन।

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तो क्या रूस वाकई बहाना ढूंढ़ रहा है?

Russia Ukraine War : असल में रूस ने अमेरिका के ख़िलाफ़ एक बयान जारी करके पूरी दुनिया को चौंका दिया। रूस का दावा है कि यूक्रेन की ज़मीन पर अमेरिका अपने जैविक हथियार विकसित कर रहा है। लेकिन रूस के इन इल्ज़ामों के जवाब में जब अमेरिका ने अपना मुंह खोला तो उसने रूस को ही सवालों के कठघरे में ले जाकर खड़ा कर दिया।

अमेरिका ने कहा है कि रूस तो यूक्रेन के ख़िलाफ कैमिकल वैपन यानी जैविक हथियारों को इस्तेमाल करने का बहाना ढूंढ़ रहा है। ऐसे में इस बात को लेकर आशंका गहराने लगी है कि कहीं इन शब्दों के ज़हरीले वाणों के बीच सही में कैमिकल वैपन का इस्तेमाल न शुरू हो जाए।

गनीमत है कि अभी बात तू तू मैं मै के स्तर पर ही अटकी हुई है। लेकिन अगर कहीं बात हद से आगे बढ़ गई और कहीं से भी तरकश के वो ज़हरीले तीर चल गए तो जो तबाही का आलम होगा उसे शब्दों से कहना नामुमकिन हो जाएगा। और तब इंसानों की बनाई इस दुनिया को अफ़सोस मनाने का भी वक़्त नहीं मिलेगा।

यूक्रेन के अंगने में अमेरिका का क्या काम

Russia Ukraine War : अमेरिका ने जिस रूसी दावे को खारिज किया है उसे समझना शायद ज़्यादा ज़रूरी है। रूस की तरफ से ये दावा किया जा रहा है कि कैमिकल वैपन यानी जैविक हथियार यूक्रेन में मौजूद 30 से ज़्यादा खुफिया लैब में तैयार किए जा रहे हैं। और उन लैब के लिए पैसा अमेरिका दे रहा है। रूस ने अपने दावे के बाद इस बात पर जौर दिया कि कैमिकल वैपन के तमाम अड्डों को फौरन तबाह कर देना चाहिए।

ये रूस का दावा है कि यूक्रेन अमेरिका की मदद से रूस के बॉर्डर के क़रीब ही इस तरह की रिसर्च और डेवलप कर रहा है मगर जब , लेकिन अमेरिका को इस बात का अंदाज़ा हो गया कि इन लैब पर रूस हमला कर सकता है तो अमेरिका ने उन तमाम फैसिलिटी को पूरी तरह से ख़त्म करने की शुरुआत कर दी, ताकि रूस के हाथ कोई भी सबूत ना लगे।

अमेरिका ने क्यों कहा रूसी साज़िश में चीन भी शामिल

Russia Ukraine War : अमेरिका के प्रेस सेक्रेटरी की बातों पर यकीन किया जाए तो रूस के इस झूठ में अब चीन भी शामिल हो गया है तभी तो उसने भी रूस की हां में हां मिलाकर अमेरिका पर निशाना साधा है।

व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा है कि रूस की बातों में चीन का हां में हां मिलाना किसी साज़िश का हिस्सा लगता है। जबकि सच्चाई ये है कि अमेरिका ना तो रसायनिक या जैविक हथियार बनाता है और ना ही उन्हें अपने पास रखता है।

हालांकि रूस ने जनवरी में इसी तरह का दावा किया था कि अमेरिका ने यूक्रेन में रूस के एकदम सिर पर ज़हर की फैक्टरी शुरू कर दी है जिसके सहारे वो कभी भी तबाही की वजह बन सकता है।

नई जंग में पुराने इल्ज़ाम

Russia Ukraine War : रूसी भाषाई टेलीग्राम एकाउंट के ज़रिए ये चेतावनी दी गई थी कि यूक्रेन अमेरिकी जासूसों के साथ मिलकर अपने लेब्रोटरीज़ में ऐसे वायरस विकसित कर रहा है जिसने अब कज़ाकिस्तान में लोगों को बीमार करना शुरू भी कर दिया है।

ये इल्ज़ाम नया नहीं है। साल 2020 में भी एक रूसी अख़बार इज़वेत्सिया और पुतिन के एक क़रीबी सलाहकार ने कहा था कि रूस और चीन के बॉर्डर के क़रीब अमेरिका ऐसे ही जैविक हथियारों की रिसर्च कर रहा है...

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