Russia Ukraine War One Year: एक साल की जंग में यूक्रेन गंवा चुका है 114 खरब, 13 अरब, 85 करोड़, 58 लाख रुपये
Russia Ukraine War One Year: एक साल से रूसी हमलों और बारूद की बरसात में तरबतर हो चुके यूक्रेन की 17 फीसदी ज़मीन पर रुस का कब्जा हो चुका है, लेकिन इस बीते एक साल के दौरान यूक्रेन करीब करीब 114 खरब, 13 अरब, 85 करोड़, 58 लाख (11413855800000) रुपयों
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Russia Ukraine War One Year: 24 फरवरी 2022 यानी तारीख आज वाली ही थी, लेकिन साल बदला हुआ था। पिछले साल आज के ही दिन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सैन्य अभियान यानी एक मिलिट्री ऑपरेशन के नाम पर जिस जंग की शुरुआत की थी, उसका अंत खुद रूसी राष्ट्रपति पुतिन को भी नजर नहीं आ रहा है। इस जंग का अंत कब होगा, इसका जवाब देने की हालत में वो खुद भी नहीं हैं। ज़ाहिर है जंग के अंजाम के बारे में भी उनकी समझ उतनी ही होगी...। इस एक साल तक चली इस जंग में न तो कोई जीता और न ही कोई हारा। अलबत्ता दोनों ही तरफ के लोग जरूर जिस्मानी और जेहनी तौर पर बुरी तरह जख्मी हो गए...और उनके ज़ख्मों का असर दुनिया के दूसरे मुल्कों के लोगों पर भी पड़ता नज़र आ रहा है।
जिस वक़्त इस जंग की शुरुआत हुई थी रूस का दावा था कि वो यूक्रेन को डीमिलिट्राइज करना चाहता है। उसका यूक्रेन पर कब्जा करने का कोई इरादा नहीं है। बस पुतिन की इस बात को पकड़कर रूसी सैनिक यूक्रेन पर टूट पड़े थे...और देखते ही देखते कुछ ही घंटों के भीतर यूक्रेन की राजधानी की हद तक बम पहुँचने लगे थे।
पिछली साल 24 फरवरी को जैसे ही जंग शुरू हुई तो दुनिया ने ये अंदाज़ा लगाना शुरू कर दिया था कि पहली मार्च आते आते यूक्रेन घुटनों पर आ चुका होगा, और रूस की हद यूक्रेन को लांघती हुई यूरोप के दूसरे देशों की हद तक पहुँच जाएगी। लेकिन जंग खिंचती ही चली गई और इस दौरान न तो यूक्रेन घुटनों पर आया और न ही रूस ने जीत का जश्न मनाया।
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इस जंग की शुरूआत से भी पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के दो इलाक़े दोनेत्स्क और लुहांस्क को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया था। रूस का दावा था कि इस इलाके में यूक्रेन मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है। सच्चाई ये थी कि 2014 से ही उस इलाके में रूस का समर्थन पाने वाले अलगाववादियों का कब्जा था। पुतिन के ऐलान के बाद ही करीब 2 लाख सैनिक यूक्रेन की तरफ बढ़ गए थे। उत्तर में बेलारूस में मौजूद रूसी सेना की एक टुकड़ी भी यूक्रेन की राजधानी कीव की तरफ बढ़ने लगी। जबकि पूर्व दिशा में डोनबास के रास्ते खारकीव की और रूसी सैनिकों ने चढ़ाई शुरू कर दी। जबकि दक्षिण में क्रीमिया के रास्ते ओडेसा जापोरिज्जिया और मारियोपोल में रूसी सैनिक धमक गए। और पूरे एक साल तक रूसी सेना ने इन इलाक़ों पर जमकर अपनी मनमानी की और आसमान से बारूद बरसाया।
रूस के साथसाथ इस जंग पर नज़र रखने वाले लोगों की बातों पर यकीन किया जाए तो इस जंग में रूस को ज़्यादा गहरी चोटें लगी हैं ये और बात है कि रूस अपनी चोटों को छुपा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि इस जंग में रूस के करीब दो लाख सैनिक मारे जा चुके हैं जबकि यूक्रेन की तरफ से मरने वाले सैनिकों का आंकड़ा करीब एक लाखके आस पास बताया जा रहा है।
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पिछले साल सितंबर में रूस की तरफ से एक आंकड़ा जारी किया गया था। तब रूस ने बताया था कि इस जंग में उसके करीब 6 हज़ार सैनिक मारे गए। जबकि रूस की ही न्यूज वेबसाइट मॉस्को टाइम्स में रूसी सैनिक अधिकारियों के हवाले से बताया गया था कि 17 फरवरी 2023 तक रूस अपने 14709 सैनिक मारे जा चुके हैं।
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लेकिन ये बात सच है कि रूस के बमों की बरसता की वजह से यूक्रेन के कई शहर करीब करीब तबाह हो चुके हैं। कीब स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स का अंदाजा है कि 24 फरवरी 2022 से दिसंबर 2022 तक यूक्रेन का करीब 138 अरब डॉलर का बुनियादी ढांचा करीब करीब पूरी तरह से तबाह हो चुका है। यानी अगर इसे हिन्दुस्तानी रुपये में गिनें तो करीब करीब ये 11413855800000.00 इतनी रकम होती है।
इसी रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि रूसी हमलों से 1, 49 , 300 रिहायशी इमारतें पूरी तरह से तबाह हो चुकी हैं।
इसके अलावा इस युद्ध की वजह से पिछले एक साल में यूक्रेन के 81 लाख लोग अपना देश छोड़ कर पलायन कर चुके हैं... जिनमें 53 लाख लोगों ने पश्चिमी देशों में शरण ली है और 28 लाख लोगों ने रूस में शरण ली है।
पश्चिमी देशों में भी ज्यादातर लोगों ने शरण लेने के लिए पोलैंड (Poland) को चुना है, जो यूक्रेन का पड़ोसी देश है। और पोलैंड को ऐसी उम्मीद है कि, जब ये युद्ध समाप्त हो जाएगा, तब ये लोग वापस वहां से यूक्रेन लौट जाएंगे। इसके अलावा पिछले एक साल में यूक्रेन के 7 हज़ार नागरिक इस युद्ध में अपनी जान गंवा चुके हैं।
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