Russia Ukraine Crisis: सुनाई पड़ने लगी जंग की आहट, कमला हैरिस ने आख़िर रूस से ये क्या कह दिया?

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Russia Ukraine Crisis: सुनाई पड़ने लगी जंग की आहट, कमला हैरिस ने आख़िर रूस से ये क्या कह दिया?
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पुतिन के सिर पर जंग का भूत सवार

Russia Ukraine Crisis:रूस और यूक्रेन के बीच के हालात को लेकर अमेरिका और ब्रिटेन बहुत पहले से एक बात कहते आ रहे हैं कि व्लादिमीर पुतिन के सिर पर जंग का भूत सवार है। दुनिया की इन दो महाशक्तियों की इस आशंका के निशान अब ज़मीन पर भी नज़र आने लगे हैं।

यूक्रेन में अभी रूस की पिक्चर शुरू बेशक नहीं हुई है, मगर उसका ट्रेलर जरूर दुनिया ने शनिवार यानी 19 फरवरी की सुबह देख ही लिया। सुबह सवेरे की यूक्रेन की ज़मीन पर तीन अलग अलग जगहों पर ज़बरदस्त धमाके सुनाई पड़े।

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यूक्रेन के रूस की सीमा से लगे इलाक़े दोनेत्स्क में सुबह सुबह एक कार को बम बनाकर उड़ा दिया गया। यूक्रेन का ये वो इलाक़ा है जहां अलगाववादी सक्रिय हैं और उन्हें रूस की सेना का खुला समर्थन मिला हुआ है।

तीन धमाकों से सहमी दुनिया

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Russia Ukraine Crisis: दुनिया उस वक़्त ज़रूर सहम गई जब गुरुवार को ही लुहांस्का इलाके में ही यूक्रेन की जमीन पर बच्चों के एक स्कूल पर मोर्टार अटैक हुआ था...जिसमें तीन टीचर घायल हो गये थे....

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मगर शुक्रवार की रात लुहांस्क सिटी के आसमान में आग का गोला देखा गया और एक इंटरनेशनल ऑयल पाइपलाइन फट गई। बताया जा रहा है कि ये पाइपलाइन रूस से ईस्टर्न और सेंट्रल यूरोप में ऑयल सप्लाई का एक बड़ा जरिया है।

यूक्रेन बॉर्डर के बेहद नजदीक वो भी ऐसे इलाके जो हैं तो यूक्रेन में लेकिन वो खुद को स्वतंत्र घोषित कर चुके हैं और वहां रूस समर्थित अलगाववादियों का कब्जा है और जहां से रूसी सेना की तैनाती महज चंद मिनटों की दूरी पर है।

यूक्रेन में महसूस हो रही तनाव की तपिश

Russia Ukraine Crisis: इन तीन घटनाओं से तस्वीर साफ हो जाती है कि रूस अगर दुनिया के तमाम देशों के लिहाज में सीधे हमला नहीं कर पा रहा तो उसके समर्थित बाग़ी गुट रूसी सेना का काम यूक्रेन की ज़मीन पर रहते हुए ही अंजाम दे रहे हैं।

सीमा पर बढ़े तनाव की तपिश अब यूक्रेन के भीतर भी महसूस की जाने लगी है। सीमावर्ती इलाकों में बीते 48 घंटों में कई ऐसी हरकतें होती देखी गईं जिनसे ऐसा महसूस होने लगा है कि तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है, फिर चाहे गैस पाइपलाइन में धमाका हो या कार विस्फोट। बारूद की ये आग यूक्रेन की राजधानी कीव तक पहुंच सकती है।

रूस के इसी कदम और हरकत को दुनिया के कई देशों ने गलत ठहराया। और जंग की आशंका के मद्देनज़र कई देशों ने यूक्रेन से अपने राजदूतों और दूतावास कर्मचारियों को अपने अपने देश वापस बुलाकर दुतावासों को फिलहाल बंद कर दिया है।

दुनिया पुतिन की बात पर भरोसा करने को तैयार नहीं

Russia Ukraine Crisis: पिछले तीन दिनों से रूस हर तरह से इस दावे को करता आ रहा है कि यूक्रेन बॉर्डर से उसने अपनी सेनाओं को वापसी का रास्ता दिखा दिया है। लेकिन रूस और यूक्रेन बॉर्डर पर नज़दीकी नज़र रखने वालों का कहना है कि रूस के दावों पर इसलिए यकीन नहीं किया जा सकता क्योंकि उसने सरहद पर क़रीब 165000 से लेकर 190000 सैनिकों की तैनाती कर रखी है।

शनिवार को तो रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने खुद बैठकर अपनी सेना का युद्धाभ्यास देखा है। और इस युद्धाभ्यास की सबसे बड़ी बात ये थी कि रूस की सबसे घातक और बड़ी मिसाइल क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों को भी हवा में उड़ते देखा गया। यानी बॉर्डर पर रूस इस बात की नुमाइश करने से नहीं चूका कि वो अपने घातक हथियारों के साथ किस कदर तैनात हो गया है।

इसी बीच यूक्रेन ने एक वीडियो जारी करके रूसी हमले की एक झलक भी दिखाई है। CCTV की वो फुटेज यूक्रेन के पूर्वी इलाक़े से सामने आई, जिसमें 40 घंटों से रूसी सेना गोलाबारी करती दिख रही है। हालांकि इस वीडियो पर बहुत ज़्यादा भरोसा इसलिए नहीं किया जा सकता है क्योंकि इसे जारी किया है यूक्रेन की सेना नें।

कमला हैरिस ने ये क्या कह दिया रूस से?

Russia Ukraine Crisis: वीडियो में बॉर्डर के नजदीक यूक्रेन आर्मी के चेक पाइंट पर हमला होते हुए दिखाई पड़ रहा है। यूक्रेन के जिस हिस्से में हमला हुआ वो डोनाबास का इलाका है जहां रूसी समर्थित अलगाववादियों और यूक्रेन आर्मी के बीच बीते आठ सालों से गोलाबारूद होता ही रहते है। यूक्रेन का दावा है कि एक दिन में ही इस इलाके में 33 से ज्यादा सीज़फायर वायलेशन हुए हैं जिसके पीछे रूस का ही हाथ है।

इसी बीच अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने रूस और यूक्रेन के बीच फैले तनाव को कम करने की गरज से अमेरिका की मुहिम का हिस्सा बनकर दुनिया का दौरा करने निकल पड़ी हैं।

जर्मनी में म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में कमला हैरिस ने कहा है कि रूस की ज़िद ने दुनिया को उस मुकाम पर पहुँचा दिया है जहां से सभी को ज़बरदस्त आर्थिक नुकसान झेलने को मज़बूर होना पड़ेगा। हैरिस ने साफ किया है कि रूस की कथनी और करनी में ज़मीन आसमान का फर्क दिखाई दे रहा है।

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