रूस की ठसक और यूक्रेन की दहशत के बीच अमेरिका इसलिए बन गया त्रिकोण का चौथा कोण
रूस की सेना का बढ़ने लगा जमावड़ा, अमेरिका ने तलाशा अपने लिए टैंकों का बाज़ार, यूक्रेन में फैलने लगी है दहशत, Russia Ukraine Conflict Live Updates, more world war news, read more war news in crimetak
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बॉर्डर पर रूसी सेना का बढ़ा जमावड़ा
Russia Ukraine Crisis: रूस और यूक्रेन के बॉर्डर को जो हाल है उसे देखकर कोई भी पूरे यकीन से नही कह पा रहा है कि आखिर वहां चल क्या रहा है। एक तरफ रूस है जो किसी भी पल हमला करने की स्थिति में खड़ा और मुस्तैद दिखाई पड़ रहा है।
दूसरी तरफ यूक्रेन है जो रूस की भारी भरकम सेना और उसके लावलश्कर को देखकर बुरी तरह सहमा हुआ है। जबकि तीसरी तरफ पूरी दुनिया है, जो इस इस कशमकश में है कि ऐसा क्या किया जाए कि यूरोप के आसमान पर छाए जंग के बादल यहां से छट जाएं और आसमान से बारूदी मौत बरसने के बजाए अमन की ठंडी बयार चलना शुरू हो जाए।
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लेकिन इस त्रिकोण का एक चौथा कोण भी है, जिसकी वजह से हालात में हर पल एक नया ट्विस्ट पैदा हो रहा है। और वो कोण है अमेरिका का।
रूस ने किया टुकड़ी वापसी का वीडियो जारी
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World War News: 18 फरवरी की शाम तक जो खबरें बॉर्डर से आईं वो न सिर्फ डराती हैं बल्कि नई आशंकाओं को भी जन्म देती हैं। क्योंकि रूसी सेना की टुकड़ियों की वापसी के दावे को सही ठहराने की गरज से रूस की तरफ से एक वीडियो जारी किया गया है जिसमें कहा जा रहा है कि रूसी सेना का जो युद्धाभ्यास क्रीमिया में चल रहा था वो ख़त्म होने के बाद उसके टैंक और बख़्तरबंद गाड़ियां अपने बैरक की तरफ लौटने भी लगी हैं।
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ये वीडियो शुक्रवार को ही जारी किया गया जिसमें रात और दिन के अलग अलग विजुअल हैं जिनसे पता चलता है कि रूसी सेना के दर्जनों की तादाद में वाहन अपने साजो सामान को लेकर रास्तों पर चले जा रहे हैं। दिशा उल्टी है लिहाजा ये भी माना जा रहा है कि रूस का दावा काफी हद तक मानने लायक है।
पुतिन देखेंगे क्रूज़ मिसाइलों की मार
Russia Ukraine conflict : इसी बीच रूस से एक खबर ने बॉर्डर पर अपनी धमक पैदा कर दी है, जो जंग की आशंका को बढ़ा देती है। बताया गया कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और बेलारूस के नेता एलेक्ज़ेंडर लुकाशेंको शनिवार को एक सैन्य अभ्यास के खुद गवाह बनने वाले हैं।
एक टीवी शो के दौरान दोनों नेता की मौजूदगी में युद्धाभ्यास की नुमाइश ज़ाहिर करती है कि राष्ट्रपति पुतिन अभी दुनिया को कुछ और दिखाना चाहते हैं जबकि यूक्रेन के लिए उनका संदेश साफ है कि उसके लिए अभी अच्छे दिन काफी दूर हैं।
दरअसल युद्धाभ्यास की नुमाइश करना कोई ऐसी बात नहीं जो फिक्र पैदा करे। लेकिन जिस युद्धाभ्यास में रूस के राष्ट्रपति पुतिन और बेलारूस के नेता लुकाशेंको मौजूद होंगे, उस रूसी सेना के युद्धाभ्यास में बैलिस्टिक और क्रूज़ मिसाइलों का प्रदर्शन किया जाने वाला है।
बॉर्डर पर पहुँच गए रूस के 190000 सैनिक
Russia Ukraine Crisis: रूस की ये दो ऐसी मिसाइलें हैं जिनके बारे में माना जाता है कि वो परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं। यानी एक ही तीर से रूस कई शिकार साधने की जुगत में लगा हुआ है। पहली ये कि रूस ने अपने अर्सेनल को पूरी तरह से तैयार रखने के मूड में है। साथ ही साथ रूसी राष्ट्रपति पुतिन दुनिया के सामने ये भी जाहिर कर देना चाहते हैं कि वो और उनके परमाणु हथियार सब तैयार हैं, बस इशारा करने भर की देर है।
उधर यूरोप में सुरक्षा और सहयोग संगठन यानी OSCE में अमेरिकी राजदूत ने जो खुलासा किया उसे सुनकर तो और घबराहट पैदा हो गई क्योंकि अमेरिकी राजदूत ने दावा किया है कि यूक्रेन की सीमा पर रूस के अब क़रीब 190000 सैनिक मौजूद हैं। यानी 24 घंटे के भीतर ही रूस के क़रीब 40 हज़ार सैनिक और बढ़ गए। ये बात वाकई हैरान भी करती है और परेशान भी।
ऐसे बन रहा अमेरिका चौथा कोण
Ukraine Crisis News in Hindi: ज़ाहिर है इन ख़बरों के सामने आने के बाद एक बात तो साफ हो जाती है कि फिलहाल यूक्रेन के आसमान से जंग के बादल फिलहाल टलने वाले नहीं। हमने अभी ये भी कहा था कि इस त्रिकोण के बीच एक चौथा कोण भी मौजूद है जो इन हालात को ठंडा करने के बजाए भड़काने का काम कर रहा है, और वो है अमेरिका और उसका हथियार का कारोबार।
जी हां जंग की इन तमाम आशंकाओं के बीच अमेरिका ने अपने लिए एक बार फिर बाज़ार तलाश कर लिया है। और मौत के बेहद नज़दीक आ खड़े हुए यूरोप के एक देश को मौत का सामान बेचने के एक सौदे को मंजूरी दे दी है।
अमेरिका ने की भड़काने वाली हरकत!
Latest World News: अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने पोलैंड को 250 अब्राम टैंक बेचने की जुगत लगा ली है, बल्कि ये सौदा क़रीब क़रीब आखिरी शक्ल ले भी चुका है। अमेरिका की दलील है कि पूर्वी यूरोप में अपने सहयोगी देशों को मजबूत सुरक्षा देने के लिए ही वो इस सौदे को हरी झंडी दे रहा है। मगर इस बात को अमेरिका नज़र अंदाज़ करता नज़र आया कि उसकी इस सौदेबाज़ी से इस इलाक़े में हथियारों की एक नई होड़ न शुरू हो जाए।
ज़ाहिर है ये हालात किसी भी सूरत में इलाक़े में अमन पैदा करते तो नहीं दिखाई देते। अलबत्ता अमेरिका ने नाटो देशों के साथ मिलकर रूस को लगातार चेतावनी ज़रूर दी है कि अगर उसने कोई फैसला गलत कर लिया तो जिंदगी भर पछताना पड़ेगा।
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