सैटेलाइट से दिखा रूस का रुख, आसमान से नज़र आ गई पुतिन की पैंतरेबाज़ी, घना हुआ युद्ध का ख़तरा

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सैटेलाइट से दिखा रूस का रुख, आसमान से नज़र आ गई पुतिन की पैंतरेबाज़ी, घना हुआ युद्ध का ख़तरा
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सरहद पर रूसी सेना की पैंतरेबाज़ी

World War News: रूसी सेना ने अपने सैनिकों की वापसी शुरू की। रूसी सेना ने यूक्रेन में अपनी फौज बढ़ा दी। रूसी राष्ट्रपति ने क्रीमिया से अपने सैनिकों की वापसी पर मुहर लगाई। यूक्रेन की सीमा पर फिर घने होने लगे युद्ध के काले बादल।

ये वो सुर्खियां है जो बीते 24 घंटों के दौरान दुनिया भर के मीडिया में नज़र आईं। ऐसा नहीं है कि अलग अलग मीडिया पालाबंदी करके अपने अपने हिसाब से सुर्खियां लिख रहा है। बल्कि रूस और यूक्रेन की सरहद पर जो हालात बनते और बिगड़ते जा रहे हैं और रूस जिस तरह से दुनिया के सामने पैंतरेबाज़ी कर रहा है, ये सुर्खियां उसका जीता जागता सबूत भी है।

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रूस यूक्रेन बॉर्डर के सच से दूर है दुनिया

World War News: पूर्वी यूरोप के आसमान से जंग के बादल छंटने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। युद्ध टलने की हल्की फुल्की हवा जैसे ही चलने लगती है, तभी कुछ ऐसा होता है कि तनाव की उमस फिर हावी हो जाती है, और माहौल फिर घुटन भरा हो जाता है।

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रूस और यूक्रेन के बीच 24 घंटे पहले जो हालात थे, 24 घंटों के बाद एक बार फिर हालात में एक अजीब सी गर्मी महसूस होने लगी है। क्योंकि कल जिस बात को लेकर पूरी दुनिया बहस में उलझी हुई थी आज वही बात उलटी होती दिखाई पड़ रही है।

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बीती रात तक इस बात पर दुनिया दो धड़ों में बंटी हुई थी कि रूस ने क्रीमिया में अपने युद्धाभ्यास के बाद सेना की कुछ टुकड़ियों को वापस बैरक में भेजने का आदेश जारी कर दिया है। लेकिन रात के उतरते ही, ये पूरी बहस ही बदल गई, क्योंकि बॉर्डर से जो ख़बर आई उसने रूस की नियत पर फिर सवाल खड़े कर दिए। ये वही सवाल हैं जिन्हें अमेरिका पिछले कई दिनों से उठाता आ रहा है।

24 घंटों के भीतर बढ़ गए सात हज़ार रूसी सैनिक

World War News: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने बुधवार को यूक्रेन की सीमा से अपने कुछ सैनिकों की वापसी की बात पर हामी भी भरी थी। लेकिन एक ही रोज के बाद रूस ने यूक्रेन बॉर्डर पर सात हज़ार से ज़्यादा सैनिक और बढ़ा दिए।

ऐसे में अमेरिकी की उस बात पर अब सभी रज़ामंद होते दिखाई देने लगे हैं कि रूस के मुंह में राम और बगल में छूरी है। यानी वो कहता कुछ है और करता कुछ है, इसलिए रूस की बातों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। एक बार फिर अमेरिका समेत यूरोप के तमाम देशों में जंग की आशंका को लेकर बहस शुरू हो गई है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुधवार को इस बात की तरफ इशारा किया था जब रूस के रक्षामंत्रालय ने इस बात को ऐलानिया कहा था कि उसकी सेना की टुकड़ी वापस हो रही है। क्योंकि बेलारूस में रूसी सेना का युद्धाभ्यास अब ख़त्म हो गया है।

उलझकर रह गई शतरंज की बिसात

World War News: लेकिन बुधवार को इस आशंका के मद्देनज़र कि रूस किसी भी वक़्त यूक्रेन पर चढ़ाई कर सकता है, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकेन को म्यूनिख कान्फ्रेंस में भेजने की घोषणा कर दी।

बाइडन ने कहा कि उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और ब्लिंकेन म्यूनिख में दुनिया भर के नेताओं से मिलकर उन्हें रूस की मौजूदा नीति के खिलाफ़ एकजुट रहने का संदेश देंगे। हालांकि पिछले एक हफ़्ते से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने जिस तरह से अलग अलग स्टाइल में कदम ताल की, उसने दुनिया की बिसात पर शतरंज की बाजी को बुरी तरह उलझा कर रख दिया है।

एक तरफ रूसी सेना है जो बस एक इशारे का इंतज़ार कर रही है, तो दूसरी तरफ अमेरिका समेत दुनिया की तमाम महाशक्तियां हैं जो किसी भी हालत में यूरोप में बढ़ रहे युद्ध के इस माहौल को टालना चाहती हैं, ऐसे में उनके सामने पुतिन से बात करने और उनके रुख को समझने के सिवाय और कोई चारा है भी नहीं।

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