इस वजह से रूस नहीं करेगा युक्रेन पर हमला, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रॉं को भरोसा

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इस वजह से रूस नहीं करेगा युक्रेन पर हमला, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रॉं को भरोसा
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मैक्रॉ ने की बर्फ पिघलाने की कोशिश

WORLD CRIME NEWS: दुनिया को जंग के बादलों से बचाने वाले ये सवाल तब उभरने लगे जब फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुएल मैक्रॉ ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के साथ मैराथन बातचीत के बाद उन्होंने भरोसा दिया है कि अब वो इस झगड़े को और आगे नहीं ले जाएंगे। पुतिन ने भरोसा दिलाया है कि रूसी सेना युक्रेन पर चढ़ाई नहीं करेगी।

मैक्रॉ का ये बयान उस वक़्त सामने आया जब क्रेमलिन ने इस बात की आशंका को ख़ारिज कर दिया था कि राष्ट्रपति मैक्रॉ और पुतिन किसी नतीजे पर नहीं पहुँच पा रही। क्रेमलिन के प्रवक्तता दिमित्री पेस्कॉव ने कहा था कि मौजूदा हालात में पेरिस और मॉस्को किसी भी समझौते तक नहीं पहुँच पा रहे।

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रूसी सेना का बॉर्डर पर जमावड़ा

LATEST WORLD NEWS:फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रॉ ने युक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमीर ज़ेनेन्सकी से उस वक़्त मुलाक़ात की थी जब इस बात की आशंका अपने पूरे शबाब पर थी कि रुस अपने युक्रेन के ख़िलाफ़ कभी भी चढ़ाई करके खुली जंग का ऐलान कर सकता है।

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इस आशंका को उस वक़्त बल मिल गया था जब मॉस्को ने युक्रेन की सीमा के पास अपने करीब एक लाख से ज़्यादा सैनिकों का जमावड़ा कर दिया था। रूसी सेना अपने भारी भरकम सैन्य उपकरणों और हथियारों के साथ युक्रेन के बॉर्डर पर डेरा डाल चुकी थी।

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पुतिन ने कहा गारंटी मिले तो हमला नहीं होगा

WAR NEWS UPDATE: लेकिन बाद में रूस ने इस बात को साफ कर दिया था कि उसका इरादा युक्रेन पर हमला करने की कतई नहीं है। लेकिन मौजूदा हालात में रूस की सेना अपनी सीमाओं की हिफाजत करने के लिए ही सरहद पर मौजूद है।

हालांकि जंग की आशंका अभी पूरी तरह से ख़त्म नहीं हुई है क्योंकि क्रेमलिन पश्चिम के देशों से इस बात की गारंटी चाहता है कि नाटो किसी भी सूरत में युक्रेन के अपने दल में शामिल नहीं करेंगे। मगर पश्चिम देशों के अलावा नाटो देशों ने भी इस संभावना से इनकार नहीं किया है कि युक्रेन को इस संगठन में शामिल नहीं किया जाएगा।

पुतिन पटने को पूरी तरह से राजी नहीं

WORLD CRIME NEWS IN HINDI: पुतिन ने ये धमकी दी थी कि अगर ऐसा होता है, युक्रेन को नाटो की सदस्यता दी जाती है तो ये एक तरह से जंग का ऐलान होगा। ऐसी सूरत में रूस की सेना युक्रेन के साथ जंग छेड़ सकती है। असल में ये जंग अकेले युक्रेन से नहीं बल्कि तमाम नाटो देशों के साथ होगी। क्योंकि पुतिन ने आशंका जाहिर की थी कि युक्रेन को नाटो की सदस्यता देने की सूरत में नाटो संगठन के देश क्रीमिया पर हमला कर सकते हैं और उसे दोबारा युक्रेन से मिलाने की कोशिश कर सकते हैं।

रुसी राष्ट्रपति ने चेतावनी देने वाले अंदाज में कहा कि अगर ये जंग होती है और यूरोपीय देश मिलकर रूस के ख़िलाफ हमला करते हैं तो यकीन जान लो इसमें जीतेगा कोई नहीं लेकिन यूरोप की बहुत सारी संपदा और प्रतिष्ठा सब कुछ समंदर के गहरे पानी में समा जाएगी।

शर्तों के साथ समझौता

RUSSIA AND UKRAINE CONFLICT NEWS: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रॉ का कहना है कि इस समय तात्कालिक तौर पर ही रूस की सेना ने बेलारूस पर ठिकाना बनाया हुआ है लेकिन वो हमेशा के लिए वहां अपना बेस नहीं बनाने जा रही। उधर रूस के प्रवक्ता पेस्कॉव का कहना है कि बेलारूस से रूसी सेना की वापसी तभी मुमकिन हो सकेगी जब इस बात की संभावना पूरी तरह से साबित हो जाए कि अब जंग की कोई बात नहीं होगी।

मैक्रॉ का कहना है कि उन्हें पुतिन और ज़ेलेनस्की दोनों ने ही भरोसा दिलाया है कि वो दोनों आगे भी तथाकथित मिन्स्क समझौते का पालन करेंगे। और किसी भी सूरत में पूर्वी युक्रेन में अलगाववाद को बढ़ावा देने वाली गतिविधि में शामिल नहीं होंगे।

ये गौरतलब है कि 2015 में दोनों देशों के बीच एक समझौता हुआ था जिसमें दोनों ही देशों ने शांति कायम रखने के लिए काम करने पर ज़ोर दिया था। इसके अलावा आपस में मिलकर राजनैतिक समाधान की दिशा में काम करने का वायदा किया था।

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