अब अंग से अंग लगाने को भी माना जाएगा RAPE! मेघालय हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
अब अंग से अंग लगाने को भी माना जाएगा RAPE! मेघालय हाईकोर्ट का बड़ा फैसला rubbing male organ on vagina will be considered as rape
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कानून की किताब में आज एक ऐसा मामला जुड़ गया जो शायद आने वाले वक्त में नज़ीर बन सकता है। मेघालय हाईकोर्ट (Meghalaya High Court) ने एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि सिर्फ शारीरिक शोषण ही नहीं बल्कि गलत नीयत के साथ अंग से अंग लगाने को भी RAPE माना जाएगा।
मेघालय हाईकोर्ट ने ये फैसला 16 साल पुराने एक मामले में सुनाया, वारदात दरअसल 23 सितंबर 2006 की है, जिसमें एक परिवार ने अपनी नाबालिग बच्ची को गलत तरीके से छुए जाने के मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। हुआ दरअसल ये था कि इस मामले में आरोपी शख्स ने अपने गुप्तांग को नाबालिग बच्ची के प्राइवेट पार्ट पर कुछ इस तरह रगड़ा जिससे उसकी हाइमन टूट गई। इतना ही नहीं बच्ची के अंडरपैंट में उसे प्राइवेट पार्ट पर ये रगड़ इस तरह से लगाई गई थी कि नाबालिग की वजाइना लाल पड़ गई।
तमाम दलीलों के बाद मेघालय हाईकोर्ट ने बच्ची के अंडरपैंट में उसके प्राइवेट पार्ट पर रगड़ने को रेप की कैटगरी में रखा बल्कि इसे रेप ही माना। क्योंकि जब वारदात के बाद नाबालिग पीड़िता की चिकित्सकीय जांच की गई, तो चिकित्सकों ने राय दी कि ये भी एक तरह का रेप है। क्योंकि ऐसा करने से ना सिर्फ नाबालिग पीड़िता को मानसिक आघात पहुंचा है बल्कि हाइमन की जांच से ये साफ है कि वो प्राकृतिक तौर पर नहीं बल्कि किसी दूसरे शरीर के अंग से धक्का दिए जाने से टूटी है।
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मेघालय हाईकोर्ट ने नाबालिग पीड़िता की वजाइना के ऊपर पुरुष अंग के रगड़ने को आईपीसी की धारा 375 (बी) के तहत पेनिट्रेशन के समान माना। और कहा कि धारा 375 के उद्देश्य के लिए पेनिट्रेशन पूरा होना जरूरी नहीं है। बल्कि पेनिट्रेशन का कोई भी तत्व इसके लिए काफी माना जाएगा।
इस मामले में आरोपी का तर्क था कि उसने नाबालिग पीड़िता के अंग से अंग मिलाया ज़रूर था लेकिन उसका बलात्कार नहीं किया, मगर अदालत ने इसे भी रेप की श्रेणी में रखा। एक हैरान करने वाली बात ये भी रही कि अदालत ने इस मामले में पीड़िता के बयान पर ही भरोसा किया।
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