Spy Through Chinese Balloon : आसमान के रास्ते हिन्दुस्तान की जासूसी करवा रहा चीन, अमेरिकी मीडिया में हुआ सनसनीखेज खुलासा

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Spy Through Chinese Balloon : आसमान के रास्ते हिन्दुस्तान की जासूसी करवा रहा चीन, अमेरिकी मीडिया मे...
चीन गुब्बारे के जरिए जासूसी करता है इस बात का खुलासा पिछले दिनों उस वक़्त हुआ था जब अमेरिका ने चीन
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Spy Through Chinese Balloon: एक तरफ अमेरिका और चीन के बीच इस बात को लेकर तनातनी मची हुई है कि चीन की हिम्मत कैसे हुई अमेरिका की जासूसी करवाने की, तो दूसरी तरफ चीन इस फिराक में बैठा है कि वो अमेरिका से अपने बैलून को मार गिराने का किसी भी तरह ऐसा बदला ले जिसे देखकर दुनिया सहम जाए। लेकिन इसी बीच चीन की हरकतों का खुलासा करते हुए अमेरिका ने भारत समेत कई ऐसे मुल्कों को चेतावनी दी है कि अगर अपने आसमान पर नज़र न रखी तो चीन आसमान के रास्ते से घुसपैठ की कोशिश कर सकता है। ये बात अमेरिकी अखबारों में बड़ी ही प्रमुखता से छपी है। लेकिन उससे भी ज़्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि अमेरिका की तरह ही चीन ने भारत में भी बैलून के जरिए खुफियागिरी करने की कोशिश की है। अमेरिकी अखबारों में छपी खबरों पर यकीन किया जाए तो चीन ने भारत के अलावा जापान के सिर पर भी बैलून उड़ाकर वहां की खुफिया जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश की है। इस खबर को नज़रअंदाज करने की कोई वजह भी नज़र नहीं आती क्योंकि कुछ ही दिनों पहले अमेरिका ने अपने आसमान में हाई रिजोल्यूशन कैमरे वाले एक चीनी बैलून को मार गिराया था। 

अमेरिकी मीडिया ने चीन के गुब्बारे से जासूसी करने वाली बात 40 देशों के दूतावास के साथ साझा की

अमेरिका ने इस सिलसिले में कम से कम 40 ऐसे देशों के दूतावास के अधिकारियों को जानकारी देकर चीन की इस हरकत से वाकिफ करवाया है। ये विजुअल तो पूरी दुनिया ने देखा था कि किस तरह अमेरिकी लड़ाकू विमानों ने चीन के बैलून को अटलांटिक महासागर के ऊपर साउथ कैरोलाइना के नज़दीक मार गिराया था। 

अमेरिकी अखबार में दावा किया है कि चीन ने भारत के आसमान पर भी बैलून के जरिए जासूसी करवाई। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय यानी पेंटागन की बातों पर यकीन किया जाए तो चीन ने भारत के कई संवेदनशील इलाकों की जासूसी करवाई है जिसमें उसके रक्षा प्रतिष्ठान और परमाणु संयंत्र शामिल हैं। 

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अमेरिकी रक्षा मंत्रालय का कहना है कि चीन ऐसा किसी ऐसे देश के साथ कर सकता है जिससे उसे अपने लिए खतरा महसूस होता है...इतना ही नहीं चीन उन तमाम देशों की खुफियागीरी करवाने की फिराक में लगा हुआ जिन्हें वो अपने लिए चुनौती के तौर पर देखता है। 

अमेरिकी अखबार द वाशिंगटन पोस्ट में छपी खबरों परयकीन किया जाए तो चीन साल 2018 से इसी तरीके से कई देशों पर निगरानी कर रहा है। इनमें खासतौर पर भारत जापान, वियतनाम, ताइवान और फिलीपींस शामिल हैं। और गाहे बगाहे इन तमाम मुल्कों के आसमान पर चीनी बैलून को देखा गया है। 

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अमेरिका ने कहा है कि चीन ने भारत के आकाश में भी गुब्बारा भेजकर वहां की जासूसी कराई थी। चीन ने यह कार्य कई देशों में किया है। यह जानकारी अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने दी है। अमेरिका ने गुब्बारे से संबंधित जानकारियां विश्व भर के राजनयिकों से साझा की हैं और उनसे सावधान रहने का अनुरोध किया है। कहा है कि चीन ऐसी हरकत किसी भी देश के साथ कभी भी कर सकता है। उप विदेश मंत्री वेंडी शरमन ने 40 देशों के राजनयिकों के साथ मिसाइल प्रहार से गिराए गए गुब्बारे की जानकारियां वाशिगटन में साझा कीं तो बीजिग में अमेरिकी राजदूत ने अन्य देशों के राजनयिकों को आमंत्रित कर ये जानकारियां साझा की हैं। कहा कि चीन 2018 से इस तरीके से जासूसी कर रहा है। इससे पहले उसने भारत, जापान, वियतनाम, ताइवान और फिलीपींस में भी गुब्बारा भेजकर जासूसी की थी। शरमन की बुलाई बैठक में भारत के राजनयिक भी मौजूद थे।चीन की सेना यानी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की वायुसेना की तरफ से संचालित किए जाने वाले इन गुब्बारों को पिछले कुछ अरसे के दौरान क़रीब करीब पांचों महाद्वीप पर मंडराते देखा गया है। जो कि किसी भी देश की संप्रभुता का सरासर उल्लंघन बताया जा रहा है।

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इसी बीच एक अमेरिकी अखबार के मुताबिक हाल के कुछ सालों में अमेरिका के हवाई, फ्लोरिडा, टेक्सास और गुआम जेसे इलाक़ों में चीन के ऐसे ही गुब्बारे देखे गए, जिनमें से एक गुब्बारे को मार गिराने में कामयाबी मिली है। 

चीन की तरफ से पिछले दिनों जारी एक बयान में साफ कहा गया है कि ये गुब्बारे उनकी वायु सेना संचालित करती है और अपनी सीमा की सुरक्षा के लिए इन गुब्बारों का इस्तेमाल करती है। यानी एक बात तो साफ हो जाती है कि चीन अपने गुब्बारों से निगरानी करने वाली बात तो कबूल करता है। लेकिन बड़ी ही चालाकी से वो इस बात को घुमा कर ले गया कि उसने किसी भी देश की जासूसी करवाई या नहीं। अलबत्ता अपने गुब्बारों को नुकसान पहुँचाने वाली बात को लेकर चीन काफी तमतमाया हुआ है और अमेरिका को सबक सिखाने की फिराक में दिखाई दे रहा है। 

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