नशा मुक्ति केन्द्र में नशे का लालच देकर सेंटर का मैनेजर लड़कियों से बना रहा था संबंध

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नशा मुक्ति केन्द्र में नशे का लालच देकरसेंटर का मैनेजर लड़कियों से बना रहा था संबंध
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5 अगस्त को चार लड़कियां बदहवास हालत में देहरादून के क्लीमेंट टाउन पुलिस स्टेशन पहुंची उन्होंने पुलिस को बताया कि वो इलाके के ही एक नशामुक्ति केन्द्र की डायरेक्टर को उसके कमरे में बंद कर वहां से भागकर पुलिस स्टेशन पहुंची हैं। भागने की वजह जब पुलिस को बताई गई तो पुलिस भी हरकत में आ गई। लड़कियों ने पुलिस को बताया कि वहां नशा छुड़ाने के नाम पर लड़कियों के साथ सेक्स किया जाता है।

फरवरी में ही खुले इस नशामुक्ति केन्द्र का मैनेजर विद्यादत्त उनके साथ सेक्स किया करता था। वो नशामुक्ति केन्द्र में भर्ती लड़कियों को नशा देने का लालच देता और बदले में उनके साथ संबंध बनाया करता था। जो लड़की ऐसा करने से मना करती नशा मुक्ति केन्द्र की निदेशक विभा सिंह उनका टार्चर किया करती थी।

ये प्राइवेट नशामुक्ति केन्द्र यहां पर भर्ती मरीजों से पांच हजार रुपये महीना लिया करता था। पुलिस को दी गई शिकायत में एक लड़की ने अपने बयान में कहा है कि वो 26 मई को इस नशामुक्ति केन्द्र में भर्ती हुई थी।

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शुरुआत में नशामुक्ति केन्द्र के स्टाफ ने उनके साथ अच्छा सुलूक किया और उन्हें detoux भी किया। एक महीने बाद जब लड़की की मां उससे मिलने आई तो उसने अपनी मां को बताया कि यहां पर रहकर वो ठीक हो रही है और वो कुछ दिन यहां पर और रहना चाहती हैं।

हालांकि इसके बाद परिस्थितियां बदलना शुरु हो गईं। लड़की के मुताबिक एक दिन उसने देखा कि कुछ लड़कियां एक बाथरुम में दो-तीन घंटे से बंद थी। जब मैंने एक लड़की से पूछा कि ये क्या हो रहा है तो उसने बताया कि लड़कियां बाथरुम में नशा कर रही हैं।

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ये सुनकर मैं हैरान रह गई कि आखिरकार नशामुक्ति केन्द्र में ड्रग्स कहां से आ रहे हैं । इस पर उस लड़की ने बताया कि यहां पर मिलने वाले ड्रग्स के बदले लड़कियों को यहां के मैनेजर विद्यादत्त के साथ शारीरिक संबंध बनाने पड़ते हैं। अगर उसे भी ड्रग चाहिए तो वो भी ऐसा कर सकती है। लड़की ने ऐसा करने से मना कर दिया।

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लड़की के मुताबिक कोरोना की वजह से इस वक्त नशामुक्ति केन्द्र में कम ही लोग भर्ती है। कुल मिलाकर इस वक़्त 22 लोग नशामुक्ति केन्द्र में भर्ती हैं जिनमें 17 लड़के और पांच लड़कियां शामिल हैं। इस केन्द्र को चलाने वाली विभा सिंह लड़कियों पर काफी जुल्म करती है। वो डंडों से लड़कियों की पिटाई करती है। नुकीले स्टूलों और नुकीली ईंटों पर घंटों बैठा कर रखती है।

मैनेजर के साथ सेक्स ना करने वाली लड़कियों पर उसके साथ सोना का दबाव बनाया जाता है। इस पूरे रैकेट में अब तक यही बात सामने आई है कि नशामुक्ति केन्द्र की निदेशक की मिलीभगत से मैनेजर लड़कियों का शोषण कर रहा था।

इस शोषण में उसका सबसे बड़ा हथियार वहीं ड्रग्स थीं जिन्हें छुड़ाने के लिए परिवार ने लड़कियों को नशा मुक्ति केन्द्र भेजा था। पुलिस ने केन्द्र की निदेशक विभा सिंह को गिरफ्तार कर लिया है लेकिन मैनेजर अभी तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है।

पुलिस अब इस केन्द्र से छुड़ाई गई लड़कियों और केन्द्र की निदेशक से ये पूछताछ कर रही है कि मैनेजर के अलावा बाहर के लोग भी तो इस केन्द्र में आकर लड़कियों का शोषण तो नहीं करते थे। पुलिस थाने पहुंची लड़कियों की उम्र बेहद कम थी।

वो महज 19 से लेकर 26 साल तक की थीं। पुलिस लड़कियों का मेडिकल करा ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इनके साथ ज्यादती की गई है या नहीं।

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