मासूमों की वो तस्वीरें जो रुला देंगी, जान लीजिए Social Media पर क्यों ट्रेंड हो रहा है 'All Eyes on Reasi'
Reasi Terrorist Attack: रियासी हमले में वैसे तो हरेक मृतक के परिवार वालों के लिए सहानुभूति है, लेकिन हमले में सबसे ज्यादा झकझोर देने वाली खबर थी एक मासूम की मौत।
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Reasi Terrorist Attack: समंदर किनारे औंधे मुंह पड़े एक मासूम बच्चे की वो तस्वीर कम से कम दुनिया अभी तक तो नहीं भूली हैं। जिसे देखते ही लाखों आंखों में आंसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा था। नौ साल पुरानी वो तस्वीर आज अचानक इसलिए याद आ गई क्योंकि एक बार फिर मौत के बेरहम पंजों में जकड़ा हुआ एक और मासूम ऐसे ही तस्वीर की शक्ल में जमाने के सामने उस वक़्त आया जब जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के रियासी के पास एक बस पर आतंकवादियों का हमला हुआ था।
तुर्की (Turkey) में समंदर के तट पर पड़ी बच्चे की वो तस्वीर हो या रियासी (Reasi) में बस पर आतंकवादियों के मौत का खौफनाक खेल खेलने के बाद सामने आई बच्चे की ये तस्वीर हो...दोनों ही तस्वीरें एक काम एक जैसा ही करती हैं...ये दोनों तस्वीरें दोनों आंखों से आंसू निकाल देती हैं।
Hash Tag 'All Eyes on Reasi'
जम्मू कश्मीर के रियासी में रविवार (Sunday) को जैसे ही शाम के वक्त ये आतंकी हमला हुआ और हमले के बाद की तस्वीरें सामने आईं, ठीक उसी के बाद सोशल मीडिया पर एक हैश टैग (Hash Tag) ट्रेंड करने लगा, 'ऑल आइज इन रियासी' (All Eys on Reasi)। यकीन जानिये इस आतंकी हमले की दास्तां नौ साल पुरानी उस तस्वीर की हकीकत से कम दर्दनाक नहीं है, जिसे देखने के बाद दुनिया की शायद ही कोई ऐसी संजीदा आंख होगी जो न रोई हो।
याद आ गया नौ साल पुराना मंजर
रियासी हमले में वैसे तो आतंक का शिकार हुए तमाम परिवार के लोगों के लिए हमदर्दी के आंसू हर तरफ बहते दिखाई पड़े। लेकिन हमले में सबसे ज्यादा झकझोर देने वाली खबर थी एक मासूम की मौत की थी जिसकी तस्वीर को देखने के बाद ही लोगों को नौ साल पुरानी तुर्की के तट वाले उस मासूम की तस्वीर की याद आ गई जो इसी मासूम अबोध बच्चे की तरह शायद अपने माता पिता के साथ अनजान सफर पर निकला था मगर सफर के दौरान ही उसकी मंजिल बदल गई।
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कटरा आते उससे पहले कयामत आ गई
रियासी में आतंकी हमले का शिकार हुई उस बस पर जयपुर में रहने वाला एक परिवार सवार था। जयपुर में पवन सैनी अपने परिवार के साथ शिवखोड़ी गए थे। वो वापस कटरा आ रहे थे, तभी कयामत आ गई। इस आतंकी हमले में पवन की पत्नी पूजा और 2 साल के मासूम की मौत हो गई। और दो साल के किट्टू की तस्वीर सामने आते ही सोशल मीडिया (Social Media) पर छा गई। उसका शरीर कपड़े में लिपटा हुआ है। किट्टू और उसकी मां पर आतंकियों ने गोलियों की बौछार कर दी। इस हमले में 10 लोग मारे गए, जबकि 33 जख्मी हैं।
सबसे छोटा था किट्टू
रियासी हमले के पीड़ितों में चोमू क्षेत्र के रहने वाले सैनी परिवार के पांच सदस्य शामिल हैं। चोमू के पंच्यो की ढाणी इलाके में रहने वाले सैनी परिवार के चार सदस्यों की इस हमले में मौत हो गई। इसमें दो साल का किट्टू भी शामिल है। मृतकों में पूजा सैनी, किट्टू सैनी, राजेंद्र सैनी और राजेंद्र की पत्नी ममता सैनी शामिल हैं। पूजा के पति पवन इस हमले में बच गए। पूजा और पवन की शादी करीब 4 से 5 साल पहले हुई थी। जब हमला हुआ तब वे अपने बेटे और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ तीर्थयात्रा पर थे।
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ग्रेटर नोएडा का बंटी
इस हमले में ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) का रहने वाला बंटी नाम का एक युवक भी बाल-बाल बच गया। उसका इलाज चल रहा है। दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में उसका परिवार परेशान है। घायल हुए ग्रेटर नोएडा के रहने वाले बंटी के भाई ने हमारे सहयोगी चैनल 'आज तक' से बात की है। उन्होंने बताया कि बंटी 6 जून को चार धाम यात्रा पर गए थे। आतंकवादी हमले में बंटी घायल हो गए हैं। आज सुबह उनकी बंटी से फोन पर बात हुई थी। उनके पिता बंटी से मिलने जम्मू के लिए रवाना हो रहे हैं। वह सरकार से अपील करते हैं कि सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि ऐसा हमला आगे ना हो। बंटी के पिता पारस गुप्ता ने कहा कि उनको जानकारी मिली है कि बंटी को आतंकवादी हमले में गोली लगी है। हालांकि उसकी हालत ठीक है। वह जम्मू के लिए रवाना हो रहे हैं, वहीं जाकर बंटी का हाल-चाल जानेंगे।
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तीन मिनट तक अंधाधुंध फायरिंग
रियासी आतंकी हमले में रोंगटे खड़े कर देने वाली जानकारी सामने आई है। एक आतंकी बस के सामने अचानक आ गया और उसने लगातार 3 मिनट तक अंधाधुंध फायरिंग की। बस की आगे वाले शीशें टूट गए। गोली ड्राइवर को लग गई और बस खाई में गिर गई। इसके बाद चारों ओर से वहां मौजूद आतंकियों के कई मिनटों तक बस पर गोलियां चलानी जारी रखी ताकि एक-एक आदमी, औरत, बच्चे मर जाए।
चारों तरफ से बस को घेर लिया, फिर चलाई गोलियां
गृह मंत्रालय के सूत्रों से पता चला है कि 4 से ज्यादा आतंकी इस घटना में शामिल हो सकते हैं। ये वाक्या करीब सवा छह बजे हुआ था। एक आतंकी ने काले रंग का कैमोफ्लाज पहन रखा था। एक आतंकी ने बीच सड़क पर आकर बस पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। एक-दो मिनट तक गोलीबारी जारी रही। बस के चालक ने नियंत्रण खो दिया और बस शिव खोड़ी मंदिर के पास गहरी खाई में गिर गई। बस के खाई में गिरने के बाद भी फायरिंग जारी रही। 7 बज कर 45 मिनट पर रेस्क्यू ऑपरेशन ख़त्म हुआ। संदिग्धों की तलाश के लिए पांच टीमें गठित की गई हैं। सूत्रों का कहना है, अब तक बारह .223 राइफल (स्नाइपर) कारतूस बरामद किए जा चुके हैं। एनआईए की टीम अपनी फोरेंसिक यूनिट के साथ मौके पर मौजूद है। एजेंसियों ने सतर्क किया है कि जम्मू में आतंकवादी गतिविधियों में अचानक वृद्धि ने सुरक्षा अधिकारियों का ध्यान केंद्रित कर दिया है, जो पहले पिछले 15 वर्षों से कश्मीर में केंद्रित थे। अचानक हुए बदलाव को लेकर सेना के अधिकारियों ने चिंता जताई थी। चश्मदीद के मुताबिक, गोली चलाने वाले ने काले कपड़े से चेहरा ढका था लेकिन उसने मिलिट्री जैसे कपड़े पहने थे और गले में उसके लाल मफलर पड़ा हुआ था।
टीआरएफ ने ली जिम्मेदारी
आशंका है कि आतंकवादी अरनास राजौरी सीमा की ओर भाग गए। इस हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ली है। टेलीग्राम पर टीआरएफ ने एक सोशल मीडिया पोस्ट डाला है, जिसमें जिम्मेदारी ली गई है।
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