'शुक्र है, आपने पानी का चालान नहीं काटा', Delhi High Court ने Delhi Police और MCD को जमकर लगाई फटकार, ORN हादसे की जांच CBI के हवाले

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'शुक्र है, आपने पानी का चालान नहीं काटा', Delhi High Court ने Delhi Police और MCD को जमकर लगाई फटकार, ORN हादसे की जांच CBI के हवाले
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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राजेंद्र नगर मामले की जांच अब सीबीआई करेगी

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दिल्ली पुलिस को कोर्ट ने लगाई जमकर फटकार

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बेकसूरों को मत परेशान करो- दिल्ली हाईकोर्ट

संजय शर्मा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

New Delhi: दिल्ली हाईकोर्ट ने आज राजेंद्र नगर के Rau's Coaching Center में हुए हादसे को लेकर दिल्ली पुलिस, दिल्ली सरकार, एमसीडी से लेकर तमाम एजेंसियों को जमकर लताड़ा। कार्यवाहक चीफ जस्टिस मनमोहन ने सिस्टम पर कटाक्ष करते हुए दिल्ली पुलिस की इंवेस्टिगेशन पर ही सवाल खड़ा कर दिया। इसके बाद हाईकोर्ट ने ये जांच दिल्ली पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंप दी। 

बेकसूरों के खिलाफ कार्रवाई न हो- दिल्ली हाईकोर्ट

कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम और पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि इस मामले में जो लोग जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। हमने पुलिस अधिकारी को इस लिए बताया है कि वो बेकसूरों पर नहीं बल्कि गुनहगारों के खिलाफ कार्रवाई करें।

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गनीमत है कि आपने बारिश के पानी का चालान नहीं काटा

दिल्ली पुलिस ने कहा कि हम इस मामले की जांच कर रहे हैं। कोर्ट ने तपाक से कहा कि हम समझ सकते हैं कि आप पर दबाव है। हम जो देख रहे हैं, वो सही तो नहीं हो रहा है, लेकिन यही सच है। आप वैज्ञानिक तरीके से जांच करें। बिना किसी दबाव में आए। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के वकील से कहा- गनीमत है कि आपने बारिश के पानी का चालान नहीं काटा। कोर्ट ने पुलिस से पूछा कि क्या आपने स्टॉर्म वाटर ड्रेन और सीवर ड्रेन के नक्शे की जांच की है? दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि आप उनको पकड़िए, जो दोषी हैं। बेगुनाहों को मत पकड़िए। अगर आपने किसी बेकसूर को पकड़ा है, तो उसको छोड़ दीजिए।

इसलिए तेजी से आया पानी..

अब बारी आई दिल्ली नगर निगम की। कोर्ट ने कहा कि हमें ये पता चला है कि घटनास्थल से ही थोड़ी दूर पर एक नाला है, जो यमुना में जाता है, लेकिन वो रिपेयर हो रहा था, इसलिए पानी का फ्लो तेजी से आया, क्योंकि पानी के निकलने की जगह नहीं थी।

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सड़कें ऊंची होती जा रही हैं- दिल्ली नगर निगम

कोर्ट ने कहा कि जो अधिकारी काम नहीं कर रहे हैं, उनको बताना होगा कि ये आपका काम है, इसे करिए। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? MCD ने दलील दी कि कुछ जगहों पर सड़के भी ऊंची हुई है। सड़कों का समय-समय पर निर्माण काम हो रहा है। हाईकोर्ट ने कहा कि MCD के साथ समस्या यह है की कोर्ट के समय-समय पर आदेश देने के बावजूद वो आदेश लागू नहीं होता। अधिकारी कानून के अधिकार क्षेत्र से बाहर नहीं जा सकते।

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मानसून को लेकर कोई तैयारी नहीं की निगम ने 

कोर्ट ने पूछा कि राजेंद्र नगर मामले में लापरवाह जूनियर इंजीनियर के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई? जिसकी ये जिम्मेदारी थी कि वो इस हिस्से को देखे। मानसून से कैसे निपटा जाए, इसको लेकर कोई तैयारी नहीं की आप लोगों ने?  ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। अगर हर तरफ से पूसा रोड पर पानी आता है तो पानी को कम करने को लेकर या न पानी आए, उसको लेकर क्या कार्रवाई की?

बिल्डिंग प्लान की मंजूरी किसने दी?

कोर्ट ने पूछा कि कौन है वो अधिकारी जिसने इस बिल्डिंग प्लान की मंजूरी दी थी? इस बाबत भी क्या एक्शन लिया गया, हमें बताया जाए। आप केवल पूछते हैं और जवाब आने का इंतजार करते है।

पानी क्यों जमा हुआ?

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि हमें बताया गया है कि उस इलाके में एक और नाली थी, जो काम नहीं कर रही थी और उसका रखरखाव नहीं किया जा रहा था? MCD कमिश्नर ने कहा कि यह नाला बहुत बड़ा नाला है। हाई कोर्ट ने पूछा तो फिर इलाके में पानी क्यों जमा हो रहा है?

अपराधी क्या खुद चल कर आपके पास आएगा?

दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को लताड़ लगाई और कहा, 'आप ऐसे बात कर रहे हैं जैसे आपके पास कोई पावर ही नहीं है। आखिर आप पुलिस हैं। आपको सब कुछ मिलेगा। आप जाकर एमसीडी ऑफिस से फाइलें जब्त कर सकते हैं। आपको बताना होगा कि यह कैसे करना है? आपके अधिकारी नौसिखिए नहीं हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि यह कैसे करना है? क्या आपको लगता है कि कोई अपराधी आपके सामने आकर अपना अपराध कबूल करेगा?' इसके बाद कोर्ट ने पूछा कि नगर निगम के अधिकारियों ने राजेंद्र नगर में जाम बरसाती नालों के बारे में आयुक्त को सूचित क्यों नहीं किया? अदालत ने कहा कि यह 'एक आदर्श बन गया है और एमसीडी अधिकारियों को इसकी कोई परवाह नहीं है।' दिल्ली पुलिस ने कहा कि बेसमेंट में दो प्रवेश द्वार हैं। सीढ़ियों के अंत में एक दरवाज़ा था। जब पानी अंदर आया, तो वहाँ छात्र थे। लगभग 20-30 छात्र मौजूद थे। कोई बायोमेट्रिक नहीं था। बहुत सारे लोग बाहर निकल गए थे। एक लड़के ने बताया कि लोग बचाव की कोशिश कर रहे थे। बीट कांस्टेबल भी वहाँ पहुँच गया, लेकिन पानी गर्दन तक पहुँच गया था। फिर NDRF को बुलाया गया। दिल्ली पुलिस ने कहा कि 29 जुलाई को हमने एमसीडी को नोटिस देकर दस्तावेज मांगे और पूछा कि आखिरी बार कब नाले की सफाई हुई थी। हमने उनसे पूछा कि क्या इस काम को आउटसोर्स किया गया था?

बिल्डरों के खिलाफ कुछ नहीं होता

HIGH COURT ने कहा- आज जब भी कोई इमारत अनधिकृत निर्माण के कारण सील की जाती है, तो उसका आकार बढ़ जाता है। दो मंजिल से, यह पाँच मंजिल हो जाती है। कोर्ट ने कहा अभी एक व्यक्ति पेरिस ओलंपिक से वापस आया है और उसका घर गिराया जा रहा है। मासूम लोगों पर कार्रवाई की जा रही है, जो बिल्डर है उनके खिलाफ कुछ नहीं होता है। कोर्ट ने कहा यह समय यह सोचने का है कि MCD कैसे काम करेगी, GNCTD कैसे काम करेगी? हाईकोर्ट ने कहा - हम हर समय सबको खुश नहीं रख सकते। अगर कुछ गलत हो रहा है, तो हमें हस्तक्षेप करना होगा और निर्णय लेना होगा। मार्च से हम चिल्ला रहे हैं, नालियों को सुधारो। ऐसा होना ही था, सभी को इसके बारे में पता था, लेकिन हालात बहुत खराब हैं।

क्या आपमें एमसीडी अधिकारियों को फोन करने की हिम्मत नहीं है?

कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि आपमें एमसीडी अधिकारियों को फोन करने की भी हिम्मत नहीं है। हाई कोर्ट ने कहा कि आपने MCD के कितने अफसरों से पूछताछ की और कितने अधिकारियों को नोटिस दिया? आपने कौन सी फाइल ज़ब्त की? दिल्ली HC ने कहा कि दिल्ली की आबादी 3.3 करोड़ है और गिनती बढ़ती ही जा रही है, क्योंकि दिल्ली में सब्सिडी है। 

पांच से छह महीनों में कैबिनेट मीटिंग नहीं हुई

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि हमने देखा कि अगले दिन जब बारिश हुई तो फिर वैसे ही पानी भर गया, फ़ंडमेंटली कुछ तो गलत है। हाईकोर्ट ने कहा कि आज आपको कोई भी प्रोजेक्ट 5 करोड़ का लागू करना करना है तो आपको स्टैंडिंग कमेटी में जाना होगा। पिछले एक साल से इसका गठन नहीं हुआ है। दिल्ली सरकार के लिए कौन है? अगली कैबिनेट मीटिंग की तारीख क्या है? पिछले पांच छह महीने से कैबिनेट मीटिंग नहीं हुई है? कोई प्रोजेक्ट नहीं बन रहा है। दिल्ली HC ने कहा कि हमें लगता है कि दिल्ली की पूरी व्यवस्था की दोबारा जांच की जरूरत है। दिल्ली सरकार, एमसीडी, डीडीए सब कुछ। कोर्ट ने कहा कि MCD ने कहा है कि नाले और सीवेज को लेकर एमसीडी और डीजेबी के बीच अधिकार क्षेत्र का विवाद है। 

हाईकोर्ट ने कहा कि एमसीडी कमिश्नर भी कोर्ट में मौजूद हैं। उन्होंने माना कि इलाके में और उसके आसपास के इलाकों में बारिश के पानी की निकासी का नाला ठीक से काम नहीं कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि बरसाती पानी की निकासी के लिए नाले पर कई जगहों पर निवासियों और दुकानदारों ने अतिक्रमण कर रखा है। उन्होंने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि इलाके में अनाधिकृत और अवैध निर्माण को तुरंत हटाया जाएगा और एमसीडी के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

कमेटी का गठन किया गया, 8 हफ्तों में देगी रिपोर्ट

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि CVC का वरिष्ठ अधिकारी जांच की निगरानी करेगा। एमसीडी कमिश्नर को निर्देश दिया जाता है कि वे सुनिश्चित करें कि इलाके में नालियां चालू रहें और अगर उनकी क्षमता बढ़ानी है तो उसे जल्द से जल्द व्यवस्थित तरीके से किया जाए। साथ-साथ एक कमेटी बनाई गई है, जिसमें मुख्य सचिव, पुलिस कमिश्नर, एमसीडी कमिश्नर होंगे। अगले 8 हफ्तों में ये कमेटी अपनी रिपोर्ट देगी। 

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