ORN IAS Coaching हादसे में SUV ड्राइवर को मिली बेल, कोर्ट ने कहा दिल्ली पुलिस ने अति उत्साह में की गिरफ्तारी

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IAS कोचिंग केस में दिल्ली पुलिस की फजीहत

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ORN हादसे के आरोपी ड्राइवर को मिली बेल

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कोर्ट ने कहा पुलिस ने अति उत्साह में की गिरफ्तारी

New Delhi: राजेंद्र नगर कोचिंग हादसे को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। कोर्ट ने इस मामले में SUV ड्राइवर को जमानत दे दी है जिसे पुलिस ने हादसे के लिये जिम्मेदार बता कर गिरफ्तार कर लिया था। कोर्ट ने साफ कहा है कि पुलिस ने अति उत्साह में ड्राइवर मनुज कथूरिया को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया था। गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उसे बेल दे दी। अब कोर्ट ने उसे 50 हजार के बेल बांड पर जमानत दे दी है। इसे दिल्ली पुलिस की फजीहत के तौर पर देखा जा रहा है। 

दिल्ली पुलिस ने दर्ज किया था मुकदमा

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में बेसमेंट में चल रहे कोचिंग सेंटर में शनिवार को पानी भरने से एक छात्र और दो छात्राओं की मौत हो गई थी। एसयूवी चालक को पानी में तेज गाड़ी चलाने और उसकी वजह से सेंटर के 'गेट को नुकसान पहुंचाने' के आरोप में गिरफ्तार किया था। उस पर गैर इरादतन हत्या का आरोप भी मढ़ दिया गया था। इसी के बाद अदालत ने उसे 14 दिनों के लिए जेल भेजा दिया था। इस मामले में अभी तक किसी सरकारी अधिकारी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। इस पर भी कोर्ट ने सवाल खड़ा किया था। इस मामले में अब तक पुलिस ने कुल 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसी दौरान हुई कार्रवाई में नगर निगम ने 19 से ज्यादा कोचिंग सेंटरों को सील भी किया है। 

शीशे का दरवाजा टूटने से हुआ था हादसा

शनिवार शाम करीब 6.20 बजे भारी बारिश हुई। इससे मुख्य सड़क पर पानी भर गया। RAU'S IAS स्टडी सर्किल के बेसमेंट में लाइब्रेरी है और वहां स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे थे। कोचिंग सेंटर में पानी जाने से रोकने के लिए गेट बंद किया गया था। इस बीच कुछ वाहनों के स्पीड से गुजरने के कारण प्रेशर बढ़ा तो पानी कांच का गेट तोड़कर सीढ़ियों से बेसमेंट में जाने लगा और दो मिनट के अंदर 10 से 12 फीट तक पानी अंदर घुस गया। बेसमेंट में सिर्फ एक एंट्री और एग्जिट पॉइंट था और ये बायोमेट्रिक था। बाढ़ के कारण सिस्टम संभवत: बंद हो गया था। 

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बायोमेट्रिक सिस्टम हो गया था फेल

लाइब्रेरी में बैठे 30 से ज्यादा स्टूडेंट्स फंस गए। बेसमेंट के दरवाजे पर में कुछ दिन पहले ही बायोमैट्रिक सिस्टम लगाया गया था। पंच करने से ही गेट खुलता है। संभवत: पानी भरने और बिजली सप्लाई ना होने से बायोमैट्रिक सिस्टम फेल गया। ऐसे में अंदर फंसे स्टूडेंट्स बाहर नहीं निकल सके। प्रत्यक्षदर्शी स्टूडेंट्स बताते हैं कि बहाव बेहद तेज था। बाहर निकलने का कोई दूसरा रास्ता नहीं दिख रहा था। कई स्टूडेंट्स को रस्सियों की मदद से निकाला गया। 

कैसे सुधरे सिस्टम?

अब एक तरफ सीलिंग की कार्रवाई चल रही है तो दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस की। सिस्टम कैसे सुधरे, इसके लिए कमेटी बना दी गई है, लेकिन सवाल वो ही है कि क्या कमेटी की सिफारिशों का पालन किया जाएगा? क्या एजेंसियां समय-समय पर ये चेक करती रहेगी कि सिफारिशों का पालन हो रहा है या नहीं? या खुद से ही कोचिंग सेंटर मालिक नियमों के प्रति सजग रहेंगे, ये सबसे बड़ा सवाल है। 

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