15 लाख हिंदू महिलाओं के अंडरगारमेंट्स के बारे में रखता था एक-एक जानकारी! ऐसे कर रहा था ब्लैकमेल?
Rajasthan Udaipur Cyber Crime: क्या 15 लाख हिंदू महिलाओं का पर्सनल डेटा चोरी कर लिया गया है? और ये डाटा इस्लामिक कंट्री को बेच दिया गया? पर क्यों? आइए आपको पूरा सच बताते हैं।
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Rajasthan Udaipur Cyber Crime : क्या 15 लाख हिंदू महिलाओं का पर्सनल डेटा चोरी कर लिया गया है? और ये डाटा इस्लामिक कंट्री को बेच दिया गया? पर क्यों? आइए आपको पूरा सच बताते हैं।
आरोप है कि ये कारास्तानी एक हैकर ने की है। इस हैकर ने बाकायदा इसकी आड़ में एक कंपनी को ब्लैकमेल तक किया? और कंपनी ब्लैकमेल भी हुई। और कंपनी ने इसकी आड़ में कुल 3100 डॉलर तक दिए? लेकिन यहां सवाल ये उठता है कि कंपनी ने ये पैसा हैकर को क्यों दिया, जब कि उनकी तो कोई गलती ही नहीं थी?
आइए आपको पूरा माजरा बताते हैं। संजय सोनी नाम का एक हैकर है। उसका Twitter Account में प्रोफाइल फोटो पर सनातन संस्कृति का एक फोटो लगा हुआ है। आरोपी साइबर एक्पर्ट है। 'जिवामी' कंपनी ने उससे एक ERROR ठीक करने के लिए संपर्क किया। इसके लिए कंपनी ने उसे शुरुआत में 1 हजार डॉलर का भुगतान किया।
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लेकिन इस दौरान उनकी मंशा बदल गई। आरोपी को लालच आ गया। उसने कंपनी को ब्लैकमेल करने की सोची, क्योंकि उसको पता था कि कंपनी बड़ी है और उसके पास लाखों लोगों का डेटा है। आरोप है कि उसने काम के दौरान कंपनी का डेटा चोरी कर लिया।
पहले संजय की कोशिश थी कि कंपनी उसे डर के डालर दे देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उसके दिमाग में एक तरकीब आई। उसने सोचा कि क्यों न ये बात सोशल मीडिया पर शेयर की जाए, इससे कंपनी डर जाएगी? और उसकी ये बात कुछ-कुछ सही साबित हुई।
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Rajasthan Udaipur Cyber Crime under garments zivame blackmail sanjay soni hindu girls: संजय ने अपने Twitter हैंडल से ट्विट किया कि जिवामी कंपनी 15 लाख हिंदू महिलाओं का डेटा इस्लामिक कंट्रीस को बेच रही है। आपको बता दें कि जिवामी एक ऑनलाइन लेडीज अंडरगारमेंट बेचने वाली कंपनी है। आरोप है कि डेटा में महिलाओं के नाम, मोबाइल नम्बर, पता, ईमेल आईडी और लेडीज के अंडरगारमेंट की साइज भी शामिल है।
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इसके बाद कंपनी की तरफ से रिएक्शन आया। आरोप है कि कंपनी ने संजय को कुल 3100 डॉलर चुप रहने के लिए दिए, लेकिन यहां सवाल ये खड़ा होता है कि आखिर कंपनी ने संजय को 3100 डॉलर क्यों दिए, जब कि शुरुआती तौर पर ऐसा लग रहा है कि उनकी तो कोई गलती नहीं थी?
आरोप है कि इसके बाद भी संजय का पेट नहीं भरा। उसने फिर डॉलर की डिमांड की, लेकिन इस बार कंपनी के अधिकारी परेशान हो गए और उन्होंने पुलिस से संपर्क किया। कंपनी के अधिकारियों ने उदयपुर एसओजी के साइबर क्राइम विभाग में शिकायत दी। जब पुलिस ने पूरे मामले की जांच की तो पता चला कि संजय एक हैकर है। पुलिस ने सूचना के आधार पर उसे हिरासत में लिया और पूछताछ शुरू की। उसका लैपटाप समेत कई Electronic उपकरण जब्त किए गए।
जांच में ये बात सामने आई कि संजय ने खुद कंपनी को इसी साल 24 अप्रैल को मेल किया था, जिसमें उसने कहा था कि उसने 15 लाख कर्मियों का डेटा चोरी कर लिया है। जब पुलिस ने इसकी जांच की तो पता चला कि संजय तो पेशेवर अपराधी है। उसके खिलाफ बैंगलोर, उदरपुर लखनऊ और मुंबई में भी मामले दर्ज है। इस मामले की जांच की तो पता चला कि संजय ने कंपनी का असल में डेटा चोरी किया था और वो कंपनी से इसकी आड़ में डालर वसूल रहा था।
कौन है संजय सोनी?
संजय खुद को कट्टरवादी हिंदू बताता है। आरोपी ने खुद के ट्विटर अकाउंट Cyber_Huntss पर कंपनी को टैग करके ट्विट किया और अपने पहले ट्विट में कहा कि “कंपनी ने 15 लाख हिंदू महिलाओं के निजी डेटा से समझौता किया। इसमें उनके सारे डिटेलस इस्लामिक कंट्री को सांझा कर दिया। सभी महिलाओं को जिवामी पर एफआईआर करने को कहा।
इसके बाद संजय ने एक और ट्विट किया। इसमें डेटा के स्क्रीन शाट्स लगाए। साथ-साथ कहा कि 40 लाख हिंदू लड़कियों का डेटा, जो कि Dark web, Deep Web और मुस्लिम देशों में बेचे जा चुके हैं।
आखिकार वो अपने ही बनाए जाल में खुद ही फंस गया और पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया। अब ये पता लगाया जा रहा कि वो कब से इस धंधे में शामिल है? कितनी लोगों के साथ वो धोखाधड़ी कर चुका है? उसके गैंग में कितने लोग शामिल है? बार-बार उसे क्यों अन्य मामलों में जमानत मिल रही है? पुलिस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है ताकि उसकी पूरी क्राइम कुंडली को खंगाला जा सके।
NOTE : ये खबर क्राइम तक में INTERNSHIP कर रही आरजु शर्मा ने लिखी है।
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