कन्हैयालाल की हत्या के आरोपियों को पकड़ने में मदद करने वाले युवकों को नहीं मिल रही सुरक्षा
Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर उन दो लोगों को सुरक्षा प्रदान करने का अपना वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगाया, जिन्होंने पिछले साल उदयपुर दर्जी हत्याकांड के अपराधियों को पकड़ने में
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Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) पर उन दो लोगों को सुरक्षा प्रदान करने का अपना वादा पूरा नहीं करने का शुक्रवार को आरोप लगाया, जिन्होंने पिछले साल उदयपुर दर्जी हत्याकांड (murder case) के अपराधियों को पकड़ने में पुलिस की मदद की थी। राठौड़ ने कानून व्यवस्था और मुफ्त स्मार्ट फोन योजना सहित कई मुद्दों पर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने महिलाओं को दिए जाने वाले स्मार्ट फोन की खरीद के लिए निविदा प्रक्रिया पर सवाल उठाए। उन्होंने राजसमंद से सांसद दीया कुमारी के साथ शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन किया, जिसमें पिछले साल उदयपुर में हुई कन्हैया लाल की हत्या के दो आरोपियों मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद को पकड़वाने में अहम भूमिका निभाने वाले दो युवकों शक्ति सिंह एवं प्रह्लाद सिंह भी मौजूद रहे। भाजपा नेता ने कहा कि प्रह्लाद सिंह और शक्ति सिंह को एक साल पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सुरक्षा मुहैया कराने का वादा किया था, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी उन्हें सुरक्षा नहीं मिली। उन्होंने कहा कि ये दोनों युवक गुजरात के सूरत में नौकरी करते थे, लेकिन इस घटना के बाद उन्हें सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए नौकरी से निकाल दिया गया।
दीया कुमारी ने गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आतंकियों को पकड़वाने में मदद करने वाले युवकों को सम्मानित करने वाले लोग ही अब उनका साथ नहीं दे रहे, जिसके चलते दोनों युवक बेराजगार होकर सुरक्षा की गुहार लगाते भटक रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले साल जून में उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल की उसकी दुकान में दो लोगों ने हत्या कर दी थी, जिसके बाद वे मोटरसाइकिल से फरार हो गए थे। शक्ति सिंह और प्रह्लाद ने पुलिस द्वारा प्रसारित सूचना के आधार पर उनकी पहचान की, उनका पीछा किया और राजसमंद में उन्हें पकड़ने में पुलिस की मदद की। राठौड़ ने मुफ्त स्मार्टफोन योजना को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा और फोन खरीदने की निविदा प्रक्रिया पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा घोटाला साबित होगा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि महंगाई राहत शिविरों का राजनीतिकरण किया जा रहा है।
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